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जांबाज़ सिपाही-वैज्ञानिकों का सम्मान

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09 Dec 25
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जांबाज़ सिपाही-वैज्ञानिकों का सम्मान

उदयपुर,  महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर एवं पूर्व छात्र परिषद के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय सुरक्षा में युवाओं की भूमिका’’ विशयक व्याख्यान एवं सम्मान समारोह का सफल आयोजन महाविद्यालय के कांफ्रेंस हॉल में किया गया ।

समारोह का शुभारम्भ करते हुये राजस्थान कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता एवं पूर्व छात्र परिषद् के मुख्य संरक्षक डॉं0 मनोज महला ने कहा कि आज यह मंच देश के जॉंबाज सिपाही और ख्यातीनाम अन्तराष्ट्रीय कृषि वैज्ञानिक का स्वागत एवं सम्मान करते हुये गौरवान्वित महसुस कर रहा है जहॉं मुख्य अतिथि के रूप में इसी महाविद्यालय के पूर्व छात्र श्री योगेन्द्र सिंहजी राठौड़ पधारे हैं जिन्होने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में देश की और राजस्थान प्रदेश की 500 किलोमीटर लम्बी अन्तराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा का भार बखुबी अपने कन्धों पर उठा रखा था, जिसके उपलक्ष्य में आपको अति उत्कृश्ट सेवा मेडल तथा पूलिस मेडल से सम्मानित किया गया गया है। यही नहीं श्री राठौड़ ने कारगिल युद्ध के दौरान आपरेशन विजय में उत्कृष्ट सेवा प्रदान कर विजय मेडल प्राप्त किया । श्री राठौड़ ने चार बार पूरे देश की सीमा सुरक्षा बल दिवस परेड़ का नेतृत्व कर रखा है । आपने यूनाईटेड नेशन में रहते हुये कोसोवा, युगोस्लाविया में अपनी सेवा से यूएन मेडल भी प्राप्त किया है । पर्यावरण के प्रति सजगता से सेवा कर आपने वृक्ष मित्र एवार्ड 2023 भी जीत रखा है। ऐसे जॉंबाज और दिलेर सिपाही को अपने बीच में पाकर आज हमारे विद्यार्थी अपने आपको भाग्यशाली समझेगें और आपश्री का अनुकरण करेगें। इसी अवसर पर महाविद्यालय के पूर्व छात्र मेवाड़ की मिट्टी के सपूत अन्तराष्ट्रीय ख्यातीनाम कृशि वैज्ञानिक डॉं0 लाल सिंह सारगंदेवोत जो कि वर्तमान में अमेरिका के प्रसिद्ध कैलिफ़ोर्निया स्टैट युनिवर्सिटी में एमरेटस प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाऐं दे रहे हैं, उनका स्वागत करते हुये डॉं0 महला ने कहा कि आज महाविद्यालय परिवार उत्साहित एवं प्रफुलित हैं । उन्होने बताया कि प्रोफेसर सारगंदेवोत ने मेवाड़ की मुख्य फसल मक्का को राश्ट्रीय स्तर पर हरितक्रान्ति 1965 के कार्यक्रम में मुख्य वैज्ञानिक के रूप में अपनी सेवाऐं देकर मक्का को हिन्दुस्तान की मुख्य फसल के रूप में स्थापित कर देश से भूख और गरीबी हटाने में अपना अह्म योगदान दिया । अतः आज यह मंच हमारे देश के यशस्वी प्रधानमन्त्री द्वारा दिये नारे ’’जय जवान-जय किसान’’ - ’’जय विज्ञान जय अनुसन्धान’’ को चरितार्थ कर रहा है ।

समारोह के मुख्य वक्ता श्री राठौड़ ने आरसीए छात्रों को राष्ट्रीय सुरक्षा में युवाओं की भागीदारी पर अपना व्याख्यान देते हुये कहा कि दृढ़निश्चय से आगे बढ़े एवं विफलता की परवाह न करें । जिन्दगी में अनेकों बार विफलताओं का सामना करना पड़ता है, इससे विचलित हुये बिना अपने स्वयं के दृढ़संकल्प से अपनी मंजिल तक पहॅुचा जा सकता है । उन्होने अपने छात्र जीवन के संस्मरणों को याद करते हुये छात्रों को बताया कि किसी भी कार्य को अपने सर्मपण, मेहनत, निष्ठा एवं समयबद्ध तरीके से किया जाय तो आपको अपनी मंजिल तक पहॅुचने से कोई नहीं रोक सकता है । इसमें आपके चारों ओर का वातावरण स्वतः ही सहयोग करता है ।

महाविद्यालय के पूर्व छात्र, मेवाड़ के सपूत एवं कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि डॉं. एल.एस सारगंदेवोत तथा श्री बी.ए. महाजन ने कृषि में युवाओं को कृषि रोजगार में विपुल सम्भावनाओं पर प्रकाश डाला तथा भविष्य में युरोप एवं अमेरिका में उच्च अध्ययन के लिये छात्र एवं छात्राओं को अवसर तलाशने के लिये प्रेरित किया एवं अपनी तरफ से सहयोग का पूर्ण आश्वासन दिया ।

इस कार्यक्रम में उदयपुर ग्रामीण से स्थानीय विधायक श्री फूलसिंह मीणा ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री राठौड़ की ऑपरेशन सिंदूर एवं कारगील युद्ध में दिखाये अपने शौर्य एवं पराक्रम की प्रशंसा की एवं युवाओं से प्रेरणा लेने का आह्वान किया । समारोह के दौरान श्री बी.ए. महाजन, निदेशक, सतत कृशि संस्थान, नई दिल्ली, श्री प्रेम सिंह शक्तावत, पूर्व पार्षद उदयपुर शहर, आरसीए पूर्व छात्र परिषद् के विशिष्ठ सदस्य उपस्थित थे ।

इस अवसर पर श्री गजपाल सिंह राठौड़, उदयपुर शहर जिलाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी ने बताया कि राजस्थान कृषि महाविद्यालय के भूतपूर्व छात्र एवं सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक श्री योगेन्द्र सिंह राठौड़ को बड़े भाई के रूप में प्राप्त कर पूरा परिवार एवं महाविद्यालय गौरवान्वित महसुस करता है । पूर्व छात्र परिषद् के सचिव डॉ. जे.एल. चौधरी ने आरसीए एल्यूमिनाई द्वारा वर्ष पर्यन्त किये गये कार्यो का विवरण प्रस्तुत किया तथा अतिथियों का सम्मान किया ।

इस अवसर पर राजस्थान कृषि महाविद्यालय के डॉं0 एस.एस. लखावत, डॉं0 अमित दाधिच, डॉं0 एस.के. खण्डेलवाल, डॉं0 विरेन्द्र सिंह, डॉं0 डीपीएस डॅूडी, डॉं. सिद्धार्थ मिश्रा तथा बड़ी संख्या में संकाय सदस्यों एवं छात्र-छात्राओं की सहभागिता रही ।

कार्यक्रम का संचालन डॉं. उर्मिला ने किया तथा धन्यवाद की रस्म डॉं0 दीपांकर चक्रवृत्ती, सह सचिव, पूर्व छात्र परिषद् ने किया ।


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