लोकजन सेवा संस्थान मैं अपना स्थापना दिवस 7 दिसंबर को श्रमजीवी महाविद्यालय के सोमानी सभागार में प्रोफेसर विमल शर्मा की अध्यक्षता मैं मनाया | मुख्य अतिथि पूर्व राज्य मंत्री जगदीश राज श्रीमाली, मिश्री लाल मांडोत, ज्ञान जी सोनी, हरीश तालरेजा मंचासीन रहे |
डॉ जय राज आचार्य ने स्वागत उद्बोधन देते हुए लोकजन सेवा संस्थान की 2008 से अब तक की उपलब्धियों का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत किया | अक्षय लोकजन पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ मिश्री लाल मांडोत ने पत्रिका के दस वर्ष पूर्ण होने पर अब तक प्रकाशित 75 अंको मैं अपना सहयोग प्रदान करने वाले सभी संरक्षक, साहित्यकारों, इतिहासकारों, शोधकर्ताओं एवं विज्ञापनदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए आशा व्यक्त की कि वें इसी प्रकार भविष्य मैं मैं आपनी अनुकम्पा के माध्यम मेवाड़ की से इस प्रतिनिधि पत्रिका से सहकार बनाये रखेंगे |
महासचिव जय किशन चौबे ने संस्थान की ओर से आगामी महाराणा भूपाल जयंती पर सम्मानित होने वाली 16 विभूतियों का जीवनवृत्त प्रस्तुत कर उनके नामों को अनुमोदित कराया |
पूर्व राज्य मंत्री जगदीश राज श्रीमाली ने हल्दी घाटी की पावन मिट्टी को नमन करते हुए कहा की मेवाड़ के महापुरुषों की प्रेरणा से ही उन्हें जीवन के हर संघर्ष मैं विजय मिली और वे जीवन मैं साधारण श्रमिक से उठ कर देश के सर्वोच्च श्रमिक संघठन का नेतृत्व कर पाए |
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए डॉ विमल शर्मा ने मासिक बैठकों के माध्यम से मेवाड़ के ज्वलंत मुद्दों पर रणनीति बनाने का सुझाव दिया, जिसे सदन ने स्वीकार कर रूपरेखा बनाने का दायित्व महासचिव को सौंपा |
आगामी कार्यक्रमों को सफल बनाने हेतु श्री ज्ञान जी सोनी, ऐड भरत कुमावत, डॉ के एस मोगरा, हरीश तालरेजा, डॉ रचना तेलंग, हरीश सुहालका, राजू बड़वा, अविनाश खटीक आदि ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए | आभार नारायण लाल साहू ने व्यक्त किया |
कार्यक्रम डॉ रमाकांत शर्मा, इंदर सिंह राणावत, घनश्याम जोशी, शरद भारद्वाज, डॉक्टर चैन शंकर दशोरा, श्रीरत्न मोहता, बाबूलाल गौड़, सुरेश तंबोली, कुशल माथुर, चंद्र प्रकाश चित्तौड़ा, उदय सिंह चपलोत, हाजी सरदार मोहम्मद, किशन लाल निमावत, गोविंद लाल शर्मा सहित अन्य उपस्थित रहे