जयपुर, विद्यार्थियों में छुपी खेल प्रतिभाओं और उनको अंतरराष्ट्रीय मंच देने के उद्देश्य से निम्स विश्वविद्यालय द्वारा स्पोर्ट्स बोर्ड का गठन किया जा रहा है। बोर्ड के गठन को लेकर राजस्थान फुटबाल एसोसिएशन के सचिव डॉ. दिलीप सिंह शेखावत और निम्स के सलाहकार एवं पूर्व कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह के मध्य चर्चा हुई। डॉ. दिलीप सिंह शेखावत ने निम्स विश्वविद्यालय का दौरा कर खेल सुविधाओ और गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की और विश्वविद्यालय का भ्रमण किया। प्रोफेसर अमेरिका सिंह ने डॉ. शेखावत का विश्वविद्यालय में स्वागत किया और उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न खेल गतिविधियों के संबंध में जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर दोनों के मध्य फुटबॉल एसोसिएशन राजस्थान एवं निम्स विश्वविद्यालय के संयुक्त सहयोग से जिला स्तरीय, राज्य स्तरीय, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तरीय फुटबॉल मैचो के आयोजन को लेकर विस्तृत विचार विमर्श भी हुआ।इस अवसर पर दोनों ने निम्स विश्वविद्यालय की फुटबॉल टीम से परिचय भी प्राप्त किया। इस अवसर पर खेल विशेषज्ञ डॉ कुलदीप सिंह झाला, डॉ संदीप त्रिपाठी रजिस्ट्रार, प्रो अनुपमा पांडे, डॉ दीपिका वाष्णेय, डॉ मनोज श्रीवास्तव डॉ गोविंद सिंह डॉ विनय नैसर भी उपस्थित थे।
निम्स विश्व विद्यालय के चैयरमेन डॉ. बीएस तोमर ने कहा कि निम्स स्पोर्टस बोर्ड छात्रों के खेल अनुभव को बढ़ाने और छात्र समुदाय को विभिन्न प्रकार के खेल और मनोरंजक गतिविधियों में भाग लेने और शैक्षणिक, एथलेटिक और सामाजिक रूप से संतुलित जीवन जीने का अवसर प्रदान करेगा। यह शिक्षण कर्मचारियों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों और छात्रों के बीच सामाजिक संबंधों के सेतु का भी कार्य करेगा। बोर्ड के माध्यम से न केवल छात्रों और संकायों के बीच एक स्वस्थ खेल की अच्छी भावना विकसित होगी। स्पोर्ट्स बोर्ड छात्रों और शिक्षकों को नेतृत्व और मनोरंजन के अवसर प्रदान करने के लिए इंट्रा-कॉलेजिएट स्पोर्ट्स कार्यक्रमों का आयोजन कर उनके रुचि के विशिष्ट खेल में उनके ज्ञान और कौशल को बढ़ाया जा सकेगा और साथ ही सामाजिक, संज्ञानात्मक और शारीरिक अनुभवों को भी बरकरार रखा जा सकेगा।
प्रो.अमेरिका सिंह ने कहा कि खेलों में सफलता के साथ बड़ा राष्ट्रीय गौरव जुड़ा है और इसमें देश को जाति, पंथ, धर्म से परे देश को एक सूत्र में बांधने और एक खुशहाल और स्वस्थ समाज के निर्माण करने की क्षमता होती है। भारत में अपार खेल प्रतिभा का एक समूह मौजूद है । जिन्हें विश्व स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार किया जा सकता है। स्पोर्ट्स बोर्ड के पीछे उद्देश्य छात्रों को स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा देना, छात्रों से उन क्षमताओं को बाहर निकालना जो उनके अंदर छिपी हुई हैं। छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की चैंपियनशिप या टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना। छात्रों को शारीरिक रूप से स्वस्थ और मानसिक रूप से मजबूत बनाना हैं।
डॉ. दिलीप सिंह शेखावत ने कहा कि भारत मे खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए दीर्घकालीन नीतियां बनाने पर ध्यान देना चाहिए। देश में जिस प्रकार क्रिकेट का विकास हुआ है, वैसे ही अन्य खेलों को भी प्रोत्साहन देने की जरूरत है।राजस्थान फुटबाल एसोसिएशन और निम्स ने संयुक्त रूप से मिलकर एक मजबूत रणनीति के साथ फुटबॉल का राष्ट्रीय स्तर पर विकास करने का निश्चय किया है। सरकारों के साथ-साथ सामाजिक संगठनो और उच्च शैक्षिक संस्थानों को भी स्पोर्ट्स क्लब बनाकर खेलों को आगे बढ़ाना चाहिए। खेल प्रतियोगिताओं से प्रतिभागी छात्र -छात्राओं का शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास होता है। इसलिए खेल जीवन का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। खेलों से सर्वांगीण विकास तो होता ही है।