मुंबई : मुंबई के वेद कुंबा थिएटर, अंधेरी (पश्चिम) में आयोजित सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल अवॉर्ड्स 2025 इस वर्ष का सबसे भव्य और प्रेरणादायक आयोजन साबित हुआ।
यह आयोजन फ़िल्ममेकर, समाजसेवी और युवा प्रेरक प्रिंस पांडे की दूरदर्शी सोच और नेतृत्व में सम्पन्न हुआ, जिन्होंने इस कार्यक्रम को “राष्ट्र-निर्माण, एकता और उत्कृष्टता” की भावना से जोड़ते हुए एक नया आयाम दिया।
मुख्य अतिथि और उद्घाटन:कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय विधायक श्री महेंद्र थोर्वे जी द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।
मुख्य अतिथियों में अब्दुल खान, श्री अरुण मिश्रा, श्री बद्री प्रसाद पांडे, श्री अमर दिवाकर मिश्रा, श्री संतोष पांडे, श्री संजय टंडन, श्री अशोक दुबे, श्री डी.एन. तिवारी, श्री विजय शंकर पांडे, श्री विजय दुबे और श्री शिव तिवारी शामिल रहे।
सभी अतिथियों ने प्रिंस पांडे की इस प्रेरणादायक पहल की सराहना करते हुए कहा -
“ऐसे आयोजनों से समाज में राष्ट्रभक्ति, एकता और प्रेरणा की नई लहर पैदा होती है।
बॉलीवुड और टेलीविज़न जगत की उपस्थिति -समारोह में फिल्म एवं टेलीविज़न जगत की कई प्रसिद्ध हस्तियाँ उपस्थित रहीं —
एहसान कुरैशी, गुलशन पांडे, के.के. गोस्वामी, इंदिरा तिवारी, ज्ञान प्रकाश, पंडित प्रेम प्रकाश दुबे, मुज़म्मिल देसाई, संजय टंडन, सूर्यकांत त्यागी, शमास नवाब सिद्दीकी, अमानो ध्यान और अंकुर वाधवे।
सभी कलाकारों ने कहा कि यह अवॉर्ड्स केवल सम्मान नहीं बल्कि प्रेरणा का प्रतीक हैं — और इसके लिए प्रिंस पांडे को हार्दिक बधाई दी जानी चाहिए।
इस वर्ष देश के विभिन्न क्षेत्रों — सिनेमा, शिक्षा, समाजसेवा, उद्यमिता, नेतृत्व, साहित्य, अध्यात्म और स्वास्थ्य — में उत्कृष्ट योगदान देने वाले निम्नलिखित व्यक्तित्वों को सम्मानित किया गया:
श्वेता शांडिल्य तिवारी, धरम दुबे, स्वप्निल शुक्ला, डॉ. सत्येन्द्र कुमार, डॉ. शिवांगी दुबे, जल्पा जोशी, श्री शिव तिवारी, मुज़म्मिल देसाई, साबिर विरानी, डॉ. मृदुल दुबे, डॉ. आरती वरकिल ओरिया, इंदिरा तिवारी, डॉ. खालिद शेख, किरण शर्मा, सूर्यकांत त्यागी, आर.पी. पांडे, साइबा अंसारी, नव्य सिंह, पंडित प्रेम प्रकाश दुबे, गुलशन पांडे, के.के. गोस्वामी, जीशान अली थोबानी, सोनल गर्गा, शमास नवाब सिद्दीकी, अमानो ध्यान, अंकुर वाधवे, टीम “गोल्ड डिगर कही की”, प्रांजल शर्मा, राजेश जाट, संदीप पांडे, बाबा कांबले, तुषार अमरीश गोयल, एहसान कुरैशी, सुश्री स्वाति काले, बसंत आर. रासिवासिया, ललिता गोएंका, हाजी सैफ शेख और ज्ञान प्रकाश।
इन सभी को स्वर्ण SVPIA ट्रॉफी और सम्मान प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
कार्यक्रम में उपस्थित हर सम्मानित व्यक्तित्व ने इस मंच को “एक प्रेरक आंदोलन” बताया।
पुरस्कार विजेताओं का चयन SVPIA अवॉर्ड्स बोर्ड द्वारा किया गया, जिसमें शामिल थे
एडवोकेट प्रियंका ए. ओझा, डॉ. ज़ीनत एहसान, श्री के.डी. दुबे, एडवोकेट विनोद मिश्रा, श्री विजय दुबे, श्री शशिधर पांडे, एडवोकेट मुनीश अली हेमानी और श्री इतेन्द्र मिश्रा।
बोर्ड ने पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया द्वारा देशभर से योग्य और प्रेरक नामों का चयन किया
कार्यक्रम के संस्थापक, चेयरमैन एवं फ़िल्ममेकर प्रिंस पांडे ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा —
“यह अवॉर्ड्स सरदार वल्लभभाई पटेल जी की एकता, शक्ति और राष्ट्रभक्ति की भावना को समर्पित हैं।
हमारा उद्देश्य उन सच्चे राष्ट्र-निर्माताओं को सम्मान देना है जो अपने कर्म, नेतृत्व और समर्पण से भारत को आगे बढ़ा रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा —“भारत के युवाओं में अपार ऊर्जा है। अगर यह ऊर्जा सही दिशा में लगाई जाए, तो हम विश्व का नेतृत्व करने वाले देश बन सकते हैं।
यही इस आयोजन की आत्मा है — राष्ट्र के लिए एकजुट होना और एक-दूसरे को प्रेरित करना।”
प्रिंस पांडे – एक विज़नरी लीडर और समाजसेवी: प्रिंस पांडे केवल एक फ़िल्ममेकर नहीं, बल्कि एक विज़नरी समाजसेवी हैं, जो कला को समाज परिवर्तन का माध्यम मानते हैं।
उनकी सोच है कि “हर व्यक्ति अपने क्षेत्र में राष्ट्र-निर्माता बन सकता है,” और यह विचार आज युवाओं के लिए एक प्रेरणा का संदेश बन चुका है।
उनके नेतृत्व में J2B Productions और SVPIA Awards लगातार “Nation-Building 2025 Vision Initiative” के अंतर्गत ऐसे प्रोजेक्ट्स चला रहे हैं जो देश में शिक्षा, कला, सामाजिक जागरूकता और एकता को बढ़ावा देते हैं।
फ़िल्म इंडस्ट्री में अपने सृजनात्मक योगदान के साथ-साथ प्रिंस पांडे ने समाज के लिए कई अभियानों की शुरुआत की है — जिनमें Youth for Nation, Art for Awareness और India Together जैसे अभियान विशेष रूप से चर्चित हैं।
उनका मानना है “सम्मान का असली अर्थ है प्रेरणा देना। अगर एक अवॉर्ड किसी को आगे बढ़ने की ताकत दे सके, तो वही इसका सबसे बड़ा उद्देश्य है।”
समापन – राष्ट्रगौरव का क्षण
कार्यक्रम का आयोजन J2B Productions द्वारा किया गया तथा यह Nation-Building 2025 Vision Initiative के अंतर्गत सम्पन्न हुआ।
समारोह का समापन राष्ट्रगान और “भारत एकता संदेश” के साथ हुआ, जब पूरा हॉल “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के नारों से गूंज उठा।
इस ऐतिहासिक अवसर पर उपस्थित अतिथियों ने एक स्वर में कहा —
“प्रिंस पांडे जैसे युवा नेता भारत का गौरव हैं — जो केवल सोचते नहीं, बल्कि समाज के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं।”
प्रिंस पांडे ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि —“जब कला, समाज और राष्ट्रभक्ति एक साथ चलते हैं, तब इतिहास बनता है।”
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