GMCH STORIES

"पुरुषों में भी आता है मेनोपॉज: बदलते व्यवहार और भावनाओं को समझने की जरूरत"

( Read 1379 Times)

13 Nov 25
Share |
Print This Page
"पुरुषों में भी आता है मेनोपॉज: बदलते व्यवहार और भावनाओं को समझने की जरूरत"

उदयपुर, महिलाओं की तरह पुरुषों में भी पचास वर्ष की आयु के बाद मेनोपॉज जैसी अवस्था आती है, जिसमें व्यवहारगत, शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इस अवस्था में गुस्सा, चिड़चिड़ापन और शारीरिक क्षमता में कमी जैसी समस्याएँ आम हो जाती हैं, लेकिन इन पर समाज पर्याप्त ध्यान नहीं देता।

यह विचार विश्व प्रसिद्ध जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ एवं वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के प्रो. सुभाष हीरा ने विद्या भवन पॉलिटेक्निक सभागार में आयोजित परिचर्चा के दौरान व्यक्त किए। वे 140 देशों में एड्स, टीबी, मलेरिया, मंकी पॉक्स और कोविड-19 जैसी महामारियों के खिलाफ काम कर चुके हैं।

‘पब्लिक हेल्थ, वेलबिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ विषयक परिचर्चा में प्रो. हीरा ने कहा कि बीते वर्षों में मानवजाति ने प्लेग, स्पेनिश फ्लू, बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू और कोविड जैसी कई महामारियों का सामना किया है। उन्होंने चेताया कि भविष्य में इबोला एक बड़ी चुनौती बन सकता है, जिसके लिए तैयारी जरूरी है।

उन्होंने बताया कि इक्कीसवीं सदी को ‘महामारियों की सदी’ कहा जा सकता है, जिसके पीछे बायोवार या बायोटेरर की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता।

जेनेरिक दवाइयों को आमजन तक पहुँचाने और जी20 सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रो. हीरा ने बताया कि एक सदी पहले जहाँ औसत आयु 35 वर्ष थी, वहीं आज उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं के कारण यह लगभग दोगुनी हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि आज गैर-संचारी और जीवनशैली आधारित बीमारियाँ जैसे डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कार्डियक अरेस्ट, न्यूरल डिजीज़, और सर्वाइकल कैंसर तेजी से बढ़ रहे हैं। कोविड संक्रमण ने भी रक्त के थक्के जमने की समस्या को बढ़ाया है।

प्रो. हीरा ने बताया कि भारत टीबी रोगियों की संख्या में शीर्ष पर है, जिसका जीवाणु खांसने पर 40 फीट और हवा के साथ 80 फीट तक जा सकता है, जिससे भीड़भाड़ और बंद स्थानों पर संक्रमण फैलना आसान हो जाता है।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उपयोगी है, पर यह केवल एक सहयोगी साधन है — यह मानवीय संवेदना और उपचार में जुड़ी करुणा का स्थान नहीं ले सकता।

उन्होंने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने से अनेक बीमारियाँ ठीक हो सकती हैं। भारत सरकार ने जी20 के अंतर्गत 2 लाख वेलनेस सेंटर खोलने का निर्णय लिया है, जिनमें से 80% पहले ही प्रारंभ हो चुके हैं।

कार्यक्रम का संचालन प्राचार्य डॉ. अनिल मेहता ने किया। आरंभ में अकादमिक कोऑर्डिनेटर चंद्रेश अरोड़ा और विभागाध्यक्ष प्रकाश ने स्वागत किया।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like