श्रीगंगानगर। उत्तर रेलवे, दिल्ली मंडल अपने रेल बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए निरंतर प्रयासरत है और उसने दिल्ली सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन पर एक महत्वपूर्ण आधुनिकीकरण परियोजना पूरी की है। दिल्ली सराय रोहिल्ला, दिल्ली क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण स्टेशन है जहाँ से प्रतिदिन लगभग 104 ट्रेनें चलती/गुजरती हैं (महत्वपूर्ण ट्रेनें जयपुर के लिए डबल डेकर, जम्मू तवी के लिए दुरंतो एक्सप्रेस, यशवंतपुर के लिए दुरंतो एक्सप्रेस, उदयपुर के लिए चेतक एक्सप्रेस, अजमेर जनशताब्दी आदि) हैं। दिल्ली सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन लगभग 30,200 यात्री आते-जाते हैं। दिल्ली सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन अब रेल संचालन के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित है। उन्नयन कार्य 21 से 28 जुलाई 2025 तक चला। इस प्रमुख उन्नयन परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 25 करोड़ रुपये है।
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि यार्ड रीमॉडलिंग कार्य (नॉन इंटरलॉकिंग कार्य) एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। दिल्ली सराय रोहिल्ला यार्ड रीमॉडलिंग परियोजना का मुख्य उद्देश्य सुचारू संचालन, परिचालन क्षमता में वृद्धि, सुरक्षा, बेहतर कनेक्टिविटी और परिचालन दक्षता सुनिश्चित करना था। एक अतिरिक्त लूप लाइन और दो अतिरिक्त स्टेबलिंग लाइनें प्रदान की गई हैं, जिससे स्टेशन की क्षमता में वृद्धि होगी और अधिक ट्रेनों के संचालन की क्षमता में वृद्धि होगी। ट्रेनों की शंटिंग अधिक सुविधाजनक होगी।
उन्होंने बताया कि परिचालन दक्षता बढ़ाने के अलावा बेहतर सुरक्षा और कनेक्टिविटी के लिए पुरानी इंटरलॉकिंग प्रणाली को वितरित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग से बदल दिया गया है। ट्रैक लेआउट का आधुनिकीकरण किया गया है, अर्थात चार टर्नआउट और नौ ट्रैप लगाए गए हैं। इस उन्नयन कार्य में लगभग 300 रेलवे अधिकारी/कर्मचारी और संविदा कर्मचारी शामिल थे। छह जे.सी.बी. और 4 हाइड्रा को सेवा में लगाया गया। रेलवे टीम ने रीमॉडलिंग कार्य को सफल बनाने के लिए दिन-रात काम किया और नियोजित ब्लॉक अवधि के अनुसार कार्य पूरा किया