जैसलमेर राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर द्वारा चलाए जा रहे विषेष बाल विवाह सघन निषेध अभियान के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जैसलमेर के अध्यक्ष पूरण कुमार शर्मा ,जिला एवं सेषन न्यायाधीष के निर्देषानुसार जिले में विभिन्न स्थानों पर पैरालीगल वॉलियन्टियर्स द्वारा विधिक जागरूकता षिविरों का आयोजन किया गया।
अमरसागर व बड़ाबाग में आयोज्य विधिक जागरूकता षिविरों में पैरालीगल वॉलियन्टियर्स द्वारा यह जानकारी कराई गई कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है व कानूनी अपराध है। अक्षय तृतीया व पीपल पूर्णिमा एवं अन्य अवसरों पर बाल विवाह होने की प्रबल संभावना रहती है, जिनकी आवश्यक रोकथाम के लिए आमजन में जन जागरूकता प्रसारित करने के उद्देष्य से इन षिविरों का आयोजन किया जा रहा है। षिविरों के सफलतापूर्वक आयोजन में पैरालीगल वॉलियन्टियर्स जगदीष कुमार, कमल किषोर, बजरंग वर्मा व राजेष विष्नोई ने सहयोग किया।
इस दौरान इसके साथ ही षिविर में उपस्थित महिला श्रमिकों को महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम, 2013 के विधिक प्रावधानों की विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गई एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए संचालित की जा रही विभिन्न सामाजिक जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में अवगत कराया गया।
इस दौरान बाल विवाह की आवश्यक रोकथाम के लिए अभियान के तहत् बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यगण व चाईल्ड लाईन (1098) के साथ अध्यक्ष की अध्यक्षता में बैठक हुई। बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 से अवगत करवाया। अध्यक्ष ने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई व कानूनी अपराध है। इस दौरान पोस्टर का विमोचन किया गया अक्षय तृतीया के पर्व पर सम्भावित होने वाले बाल विवाह रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाकर सभी को तैयार रहने के लिए निर्देष दिये।
अक्षय तृतीया पर बाल विवाह की सम्भावनाओं को ध्यान में रखते हुए जिला स्तर से लेकर ग्राम स्तर तक फिल्ड स्टाफ को पूर्ण चौकसी एवं सतर्कता बरतने के लिए चाईल्ड लाईन 1098 को आदेष दिये उन्होंने बाल विवाह रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने के निर्देष दिये साथ ही बाल विवाह निषेध की पालना सुनिष्चित करने पर जोर दिया।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष व सदस्यगणो द्वारा षहरी बाल विवाह सम्पन्न कराने में हलवाई, कैटरिंग, टेण्ट व्यवसायी, मैरिज हॉल, ट्रान्सपोर्टर, प्रिटिंग प्रेस इत्यादि स्थानों पर जाकर सम्पर्क किया उनसे बाल विवाह रोकने के हेतु जानकारी देकर उनको बताया कि किसी भी स्थान पर यदि बाल विवाह होता है तो तुरन्त प्रभाव से इसकी सूचना चाईल्ड हेल्प लाईन (1098) पर दे। इसके साथ ही जिला प्रषासन के कन्ट्रोल रूम के फोन नम्बर (02992-250082 पर भी दे। जिससे आपके सहयोग से बाल विवाह रोकने में सहायता मिल सके। उन्होंने बताया कि बाल विवाह प्रोत्साहन करने वाले सरंक्षक, अभिभावक, माता-पिता, कोई भी व्यक्ति, संगठन उनमें उपस्थित रहने वाले बाराती किसी भी रूप में सहयोग करने वाले रिष्तेदारों को 02 साल का कठोर कारावास, एक लाख रूपये का जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। इसके बारे में लोगों को अवगत करवाये उन्होंने कहा कि यह एक सामाजिक कुरीति है एवं इस कुरीति को जिले से मुक्ति दिलाने के लिए सभी की सहभागिता जरूरी है।