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प्रहलाद गुंजल ने लगाये प्रशासन पर सरकार के दबाव में द्वेषता पूर्ण कार्यवाही के आरोप

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22 May 24
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प्रहलाद गुंजल ने लगाये प्रशासन पर सरकार के दबाव में द्वेषता पूर्ण कार्यवाही के आरोप

कोटा : प्रहलाद गुंजल ने कहा की जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन सरकार के दबाव में द्वेषता पूर्ण कार्यवाही करने को आमादा है। 

गुंजल ने कहा कि मेरे द्वारा नियमानुसार संचालित क्रेशर पर प्रशासन गलत तरीके से कार्यवाही की मंशा बना रहा है। यह आरोप गुंजल ने आज एक प्रेस वार्ता में लगाये। गुंजल ने कहा कि सरकार व प्रशासन बौखलाया हुआ है, उन्होंने एक पत्र दिखाते हुए कहा कि 17 मई को आईजी कोटा ने एक बैठक ली और कहा की बिंदु संख्या दो, इसमें बावड़ीखेड़ा में एक क्रेशर अवैध रूप से संचालित हो रहा है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाये उस पर कलेक्टर की तरफ से 22 मई को सात विभागों पुलिस, डीएफओ, यूआईटी, एसडीएम, परिवहन, पॉल्यूशन और माइनिंग को जिम्मेदारी दी गई यह पत्र मुझे  व्यक्तिगत रूप से नहीं मिला है। 

 

*गुंजल ने पत्रकारों को दिए क्रेशर संचालक के दस्तावेज*

 

 गुंजल ने क्रशर संचालक के दस्तावेज पत्रकारों को उपलब्ध करवाते हुए कहा कि जिस भूमि पर क्रेशर संचालित हो रहा है वह राजाराम भील की जमीन थी जिसका क्रेशर के लिए कन्वर्जन 9 जुलाई 2010 को हो गया था। क्रेशर के लिये कन्वर्जन होता है तो फॉरेस्ट की, वाइल्डलाइफ की, रेवेन्यू की, एनवायरमेंट की सबकी एनओसी के बाद ही होता है व 16 मई 2011 को राजाराम भील को सेल परमिशन भी मिल गई थी उसके बाद उस जमीन की रजिस्ट्री 23 अक्तूबर 2011 को हमारे नाम हो गई । 2 साल के अंदर क्रेशर शुरू नहीं कर पाने के चलते हमने अवधि विस्तार की स्वीकृति 30 जनवरी 2015 को नियमानुसार ली, व क्रेशर का काम प्रारंभ किया और 2016 से क्रेशर नियमित संचालित किया जा रहा है जिसकी पर्यावरण विभाग की स्वीकृति भी 30 जून 2028 तक है। इसके अलावा और किसी भी परमिशन की आवश्यकता नहीं होती है।

 

 *नियमानुसार संचालित है क्रेशर*

 

गुंजल ने कहा कि हमारा क्रेशर नियमानुसार संचालित है प्रशासन कोई गलत कार्रवाई करेगा तो उसका गंभीर परिणाम होगा। उन्होंने कहा कि नियमों के दायरे में प्रशासन नापना चाहता है तो नाप ले कोई नियम विरुद्ध नहीं है, खातेदार से कन्वर्जन शुदा प्लाट खरीदा है। एनवायरमेंट क्लीयरेंस 2028 तक की है और मेरी जमीन के चारों तरफ खातेदार हैं वहां एक इंच जमीन भी ना तो फॉरेस्ट की है ना ही सिवायचक है। चारों तरफ खातेदार हैं आप नियमों के दायरे में जमीन नाप लीजिए।

 

*4 तारीख बाद बताऊंगा किसका है जमीनों पर अवैध कब्जा* 

 

गुंजल ने कहा कि 4 तारीख के बाद किस फैक्ट्री में कितने बीघा जंगलात है, काली सिंध ढिबरी, पलायथा, गड़ेपान, मोती कुआं में कितने अवैध क्रेशर संचालित हो रहे हैं मैं बताऊंगा। मैं 4 तारीख बाद आर पार की लड़ाई लडूंगा पूरा राजस्थान जानता है अवैध गतिविधि करने वाला शासन के खिलाफ बोल नहीं सकता मेरा कोई अवेध काम नहीं, प्रशासन आए और नियमानुसार जांच पड़ताल कर ले।

 

*बिरला जी ने मानी हार*

 

गुंजल ने कहा कि मतो की गिनती से पहले ही बिरला जी ने हार मान ली है और पूरी सरकार ने शासन की सारी पावर ऑफ अटॉर्नी आईजी कोटा को दे दी है ऐसा लगता है सारा प्रशासन पंगु बन गया है आईजी कोटा यहां की सारी व्यवस्था के मालिक हो गए हैं। कौन-कौन भारतीय जनता पार्टी विरोधी है उन्हें कैसे शासन व प्रशासन के बूते टारगेट किया जा सकता है यह कार्रवाई उसी का हिस्सा है। गुंजल ने कहा आईजी व सरकार चाहती है कि किसी भी तरह झूठे मुकदमे लगाकर मुझे मतगणना में जाने से रोका जाए ताकि यह मतगणना में पूरी तरह से गड़बड़ी व धांधली कर सकें। उन्होने कहा की सरकार व आई जी किसी भी तरह मुझे मतगणना में जाने से रोकना चाहते है।

 


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