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कशमकश दिल की 

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17 Jun 25
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प्रेरणाश्री गौड़  जोधपुर

कशमकश दिल की 


कैंपस के बगीचे में रोहिणी और तुषार सरिता और अमित बैठे हैं तभी अचानक से मोहित आता है और कहता है “ तुम लोग यहां बैठे हो, हिंदी की क्लास अटेंड नहीं करोगे क्या?”

रोहिणी कहती है “ आज हिंदी की क्लास अटेंड करना चाहते हैं लेकिन आज तुषार का बर्थडे है तो हम सब बाहर घूमने का प्लान बना रहे हैं मोहित तुम भी हम लोगों को ज्वाइन कर लो”

मोहित “ विश यू ए वेरी वेरी हैप्पी बर्थडे डियर तुषार”

तुषार “ थैंक यू सो मच डिअर मोहित”

रोहिणी “ मोहित क्या सोचा है? चलोगे हमारे साथ तो फिर मैं तुम्हारे लिए भी मूवी का टिकट बुक कर दूं”

मोहित “ सॉरी रोहिणी मुझे घर पर कोई जरूरी काम है मैं तुम लोगों को ज्वाइन नहीं कर सकता तुम लोग  एंजॉय करो”

रोहिणी “ ठीक है मोहित कल मिलते हैं हिंदी की क्लास में”

रोहिणी ,तुषार ,सरिता और अमित चारों मूवी देखने के लिए निकलते हैं। फिर चौपाटी पर आकर खाते पीते हैं। 

तुषार “ रोहिणी सरिता और अमित तुम तीनों ने आज मेरे बर्थडे को स्पेशल बनाया इसीलिए तुम तीनों का तहे दिल से धन्यवाद”

रोहिणी “ अरे यार तुषार कैसी बात करते हो तुम हमारे दोस्त हो तुम्हारा स्पेशल डे हमारे लिए भी महत्वपूर्ण है तो स्पेशल तो होना ही था”

सरिता “ देखो तुषार हम सभी फ्रेंड है और कब कहां कैसे मस्ती करनी है यह तो हम जानते हैं और तुम्हारा बर्थडे हो और हम मस्ती नहीं करें तब भला क्या मतलब इस दोस्ती का “

अमित “ बिल्कुल सही कह रही हो सरिता तुम हम सब दोस्त हैं और दोस्तों की खुशी का ध्यान रखना बहुत जरूरी है “

कुछ दिनों के बाद कैंपस में सेमेस्टर शुरू हो जाते हैं सभी अपनी अपनी तैयारी में लगे हैं लेकिन मोहित तैयारी के साथ साथ रोहिणी को प्रपोज करने की भी तैयारी करता है लेकिन तुषार और रोहिणी की बढ़ती हुई दोस्ती को देखकर परेशान सा हो जाता है 
और भीतरी भीतर कहता है “ कशमकश दिल की”

 


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