कविता संवेदनाओं की मानवीय अभिव्यक्ति है और दूसरे की पीड़ा को अनुभूत करना है - डॉ.अतुल चतुर्वेदी

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Published on : 24 Mar, 24 08:03

आर्यन लेखिका मंच का फागोत्सव एवं शपथ ग्रहण समारोह

कविता संवेदनाओं की मानवीय अभिव्यक्ति है और दूसरे की पीड़ा को अनुभूत करना है - डॉ.अतुल चतुर्वेदी

कोटा / आर्यन लेखिका मंच कोटा का फागोत्सव एवं शपथ ग्रहण समारोह डॉ एस आर रंगनाथन सभागार कोटा में हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ । समारोह का प्रारंभ अध्यक्षता कर रहे डॉ.अतुल चतुर्वेदी और मुख्य अतिथि डॉ.रीना दाधीच निदेशक शोध कोटा विश्वविद्यालय कोटा के दीप प्रज्वलन से हुआ ।  आर्यन लेखिका मंच कोटा की  नई कार्यकारिणी में अध्यक्ष रेखा पंचोली, उपाध्यक्ष डॉ. अपर्णा पाण्डेय, महामंत्री श्यामा शर्मा, सहमंत्री  अनुराधा शर्मा, कोषाध्यक्ष पल्लवी न्याती, सहमंत्री डॉ इंदु बाला शर्मा ने शपथ ग्रहण की। 
 मुख्य अतिथि डॉ. रीना दाधीच ने कहा कि कोटा महानगर की एक मात्र लेखिका संस्था आर्यन लेखिका मंच से जुड़ना मेरा सौभाग्य है और काव्यपाठ किया।  डॉ. अतुल चतुर्वेदी ने कहा लेखक बनने आये हैं तो खूब धैर्य साथ  स्वाध्याय और अभ्यास पर ज़ोर दें । यदि छन्दबद्ध कविता लिखते हैं तो पूरी तैयारी के साथ आयें । कविता वैचारिक चाबुक से किसी की पिटाई नहीं है न अपने विचार की भड़ास निकालना है । कविता संवेदनाओं की मानवीय अभिव्यक्ति है और दूसरे की पीड़ा को अनुभूत करना है ।  नवोदित लेखकों को लिखने के साथ अच्छी पुस्तकें पढ़ते रहें । विशिष्ट अतिथि रामेश्वर शर्मा रामू भैया ने कहा कविता में आध्यात्मिक स्वर होना चाहिए । कविता लोक हितार्थ एवं  कल्याणकारी  कल्याणकारी होनी चाहिए । विष्णु शर्मा हरिहर ने कविता के सात्विक पक्ष पर ध्यान देना चाहिए। कविता ऐसी हो जो हृदय से निकले तो हृदय तक उसकी अनुभूतियां जाए और वह बरसों तक याद रहे । साहित्यकार जितेन्द्र निर्मोही ने कहा कविता का तन मानवीयता का होता है और मन संवेदना का समारोह के  विशिष्ट अतिथि मंडल में से रामनारायण मीणा हलधर ने दो कविताओं की प्रस्तुति से मन मोह लिया। संचालन रेखा पंचोली ने किया।
     इस समारोह में विशिष्ट अतिथि जितेन्द्र निर्मोही का  उनकी सद्य प्रकाशित अनुवाद कृति " लाड़ बाई"  उपन्यास को लेकर सम्मान
किया गया । उपन्यास की विवेचना करते हुए डॉ. अपर्णा पाण्डेय ने कहा कि यह उपन्यास नारी विमर्श से ओतप्रोत है।इसकी नायिका समाज से संघर्ष कर अपना उचित स्थान पाती है। उपन्यास के सभी तत्व इसमें मौजूद हैं
     फागोत्सव को समर्पित इस समारोह में श्यामा शर्मा, डॉ. अपर्णा पाण्डेय, डॉ. संगीता सिंह, डॉ. युगल सिंह, वंदना शर्मा, साधना गौतम, दीप्ति सिंह , प्रतिभा  जोशी, प्रज्ञा गौतम, पल्लवी न्याति,  डॉ अर्चना शर्मा,   अनुराधा शर्मा ने अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी ।
   स्वागत करते हुए डॉ.दीपक श्रीवास्तव ने समारोह की उपादेयता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आर्यन लेखिका मंच कोटा जिस सक्रियता से सृजन कर्म कर रहा है वह अभिनंदन योग्य है।समारोह में किशन वर्मा, सुरेश पंडित, विजय जोशी, डॉ. आदित्य श्रीवास्तव, प्रोफेसर के. बी. भारतीय, सत्येन्द्र वर्मा, गोपाल नामेंद्र आदि मौजूद थे। आरंभ में सरस्वती वंदना पल्लवी न्याती द्वारा प्रस्तुत की गई।
 


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