हमारे युवा विद्यार्थी प्रतिभाओं का भंडार है जिन्हे औद्योगिक प्रशिक्षण,कौशल विकास के माध्यम से सशक्त किया जा सकता है : श्री मनोज शर्मा, प्रसिडेंट आरएसडब्लूएम लिमिटेड
जयपुर,निम्स विश्वविद्यालय के सलाहकार एवं पूर्व कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह ने आज
विख्यात ओद्योगिक इकाई आरएसडब्लूएम लिमिटेड, गुलाबपुरा (भीलवाड़ा) के प्रसिडेंट मनोज शर्मा से शिष्टाचार भेंटवार्ता की और विद्यार्थियों के कौशल विकास, औद्योगिक भ्रमण एवं निम्स के विद्यार्थियों को वर्तमान औद्योगिक परिदृश्य के अनुसार किस प्रकार ओद्योगिक मांग के अनुरूप तैयार कर उद्योग जगत की जनशक्ति की मांग की पूर्ति की जा सके के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। इस अवसर पर प्रोफेसर सिंह ने इस विख्यात औद्योगिक इकाई का भ्रमण भी किया और निम्स के विद्यार्थियों के औद्योगिक प्रशिक्षण के संबंध में ओद्योगिक इकाई के संचालन से जुडी महत्वपूर्ण जानकारिया प्राप्त की।
चर्चा के दौरान प्रोफेसर अमेरिका सिंह ने कहा कि आज के अद्यतन और नए युग के कौशल एकीकृत उच्च शिक्षा 21 वीं सदी की अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए कैरियर निर्माण के इच्छुक छात्रों के लिए बुनियादी आवश्यकता है। हमारे युवा विद्यार्थी प्रतिभाओं का भंडार है जिन्हे औद्योगिक प्रशिक्षण और कौशल विकास के माध्यम से सशक्त किया जा सकता है। एनईपी शिक्षा के लिए एक बहु-विषयक दृष्टिकोण पर जोर देती है, जिसका लक्ष्य व्यावसायिक और कौशल शिक्षा को मुख्यधारा की शिक्षा में एकीकृत करना और छात्रों को विशिष्ट करियर के लिए प्रासंगिक नए-युग के कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिससे उनका विकास हो सके। रोज़गार योग्यता यह दृष्टिकोण विभिन्न डोमेन छात्रों की समग्र समझ को बढ़ावा देता है और छात्रों को व्यापक ज्ञान आधार से लैस करता है। आज के गतिशील रोजगार परिदृश्य में करियर संवर्द्धन के लिए कौशल विकास की आवश्यकता को कम करके नहीं आंका जा सकता। निरंतर सीखने और कौशल अधिग्रहण में सक्रिय रूप से निवेश करने की मानसिकता अपनाकर, व्यक्ति न केवल अपने करियर को आगे बढ़ा सकता हैं, बल्कि ऐतिहासिक परिवर्तन के साथ आगे बढ़ सकता हैं। उद्योगो, उच्च शैक्षणिक संस्थानों और नीति निर्माताओं के लिए यह जरूरी है कि वे आजीवन सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देने में सहयोग करें और आने वाले वर्षों में कार्यबल के सशक्तिकरण और सफलता को सुनिश्चित करने के लिए कौशल विकास को मुख्य आधार बनाये।
आरएसडब्लूएम लिमिटेड के प्रसिडेंट मनोज शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और शोध-अनुसंधान दोनों ही किसी भी शिक्षा व्यवस्था के वो आधार है जो मूल्यपरक शिक्षा को आकार देने के साथ नवीन ज्ञान के मार्ग पर आगे बढ़ाता है। अनुसंधान आधारित गुणवत्तायुक्त शिक्षा और उनका शिक्षण दोनों ही अहम क्षे़त्र है जहां गंभीरता के साथ सकारात्मकता के साथ काम करने की आवश्यकता है। देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए और सजग, विचारशील और नवीनतम आयामों को ग्रहण करने वाले एक सशक्त युवा वर्ग के निर्माण के लिए बहुत आवश्यक है कि विषयों की जानकारी के साथ-साथ उन्हें प्रोगात्मक शिक्षा और प्रशिक्षण से भी रूबरू कराया जाए। जब शिक्षा और उद्योगो के बीच कोई अंतर नहीं होगा, तो उद्योग स्वचालित रूप से शिक्षा एवं अनुसंधान के मैदान में प्रवेश करने में बहुत रुचि लेंगे। नौकरी चाहने वाले नौकरी देने वाले बन जाएंगे। शिक्षा जगत की गतिशीलता अधिक जीवंत और समावेशी है। कौशल शिक्षा एक विद्यार्थी की सृजनशिलता को विकसित करेंगी और यह प्रौद्योगिकियों विज्ञान में नवाचारों को बढ़ावा देगी।अपने करियर को भविष्य में सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक कौशल के साथ एक वैश्विक कार्यबल तैयार करने के उद्देश्य से, एनईपी शिक्षार्थियों को प्रभावी संचार, रचनात्मकता, समस्या-समाधान जैसे मूलभूत कौशल अपनाने के लिए तैयार करता है।