पत्रकार युवराज देवड़ा को झूंटे मुकदमे में फसाने वाले पुलिस वालो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग

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Published on : 22 Apr, 24 05:04

के डी अब्बासी

पत्रकार युवराज देवड़ा को झूंटे मुकदमे में फसाने वाले पुलिस वालो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग

कोटा ।रामगंजमंडी जर्नलिस्ट वेलफेयर सोसायटी (रामगंजमंडी पत्रकार संघ,रजि.) के सदस्यों सहित अन्य पत्रकार संघ सदस्यों व सोशल मीडिया कर्मियों ने उप पुलिस अधीक्षक व उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन देकर पत्रकार युवराज देवड़ा व पुलिस मित्र पर रामगंजमंडी पुलिसकर्मियों द्वारा दुर्भावनावश नाजायज मुकदमा बनाकर थाने में बन्द करने के मामले में तत्काल दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की है,कार्यवाही न होने पर पत्रकारों द्वारा सम्पूर्ण तहसील में मतदान बहिष्कार की भी चेतावनी दी है।ज्ञापन में बताया कि 19 अप्रेल 2024 को कोटा जिले की रामगंजमंडी थाना पुलिस ने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर कटुराघात करते हुए द्वेषता पूर्ण कार्रवाई की है। पत्रकार युवराज देवड़ा पुत्र स्वर्गीय पत्रकार बहादुर सिंह जो रामगंजमंडी मे प्रतिष्ठित अख़बार "हाड़ौती अतुल" के संपादक है। जिनकी परिवारिक झगडे के बीच पुलिस ने पत्रकार युवराज देवड़ा उम्र 25 वर्ष जाति राजपूत निवासी यादव मोहल्ला को रात 9 बजे बिना सूचना पर पुलिस की गाडी उनके घर पहुँचती है। जहाँ पर एएसआई रामप्रकाश शराब के नशे मे जवानों को लेकर गए। थाने ले जाते समय युवराज देवड़ा ने अपने को हाड़ौती अतुल पाक्षिक का सम्पादक बताया पुलिस मित्र होने का परिचय दिया  और पत्रकार युवराज के साथ  दुर्व्यवहार कर गाडी मे  ऐसे बिठाया जैसे हिस्ट्रीशीटर हो,  थाने में पुलिस अधिकारी ने  पत्रकार के खिलाफ बेलगाम होकर अभद्रता से बोले  और मोबाइल छीन लिया।  जहाँ उन्हें शांति भंग मे गिरफ्तार करना बताया गया। ऐसे मे सूचना पर करिब क्षेत्र के 10 - 15 पत्रकार भी थाने पहुँचे। जिनसे थाने मे तैनात पुलिस कांस्टेबल बदसूलुकी कर थाने से बाहर कर दिया और  ज़िसके बाद पत्रकार युवराज को पहले से बंद संगीन अपराधियों के साथ बेरिक मे बंद कर दिया। पूरी रात  युवराज भय युक्त माहौल मे अपराधियों के साथ बंद रहे। तो सुबह ड्यूटी पर तैनात संत्री महिला कांस्टेबल पुनम और कांस्टेबल सियाराम ने पत्रकार युवराज देवड़ा का कालर पकड़ा।  यहाँ तक की पत्रकार से जब उनके परिजन  नीलेश देवड़ा मिलने आए तो महिला कांस्टेबल और अन्य ने उनके साथ  थप्पड़ मार दी और पैर पकड़ने के लिए कहा। जबकि मामला पारिवारिक था राजी नामा करवा सकते थे नही करवाया जबकि आरोप लगाने वाली महिला युवराज की सगी चाची है। जबकि  चाचा तो साफ मना कर रहा था कि रिपोर्ट नही लिखानी है।
   पुलिसिंग सेवार्थ होती है,सीआई रामनारायण भंवरिया की मॉनिटरिंग सही नहीं होने से पत्रकार और आमजन के साथ बदसूलुकी हो रही है। थाने को भय मुक्त करने पर फरियादी अपनी पीड़ा लेकर जाता है, लेकिन ऐसे कांस्टेबल जो खुद को सीआई समझें, हर फरियादी के साथ अभद्रता और बदसूलुकी कर रहे। जिससे आमजन का पुलिस ने विश्वास उठता जा रहा है।  ज्ञापन में मांग की है कि पत्रकार से मारपीट और बदसूलुकी करने वाले एएसआई रामप्रकाश, महिला कांस्टेबल पूनम और कांस्टेबल सियाराम पर कड़ी कार्रवाई की जाए। और तीनो को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए तो पत्रकार और आमजन भय मुक्त हो सके।  पुलिस उप अधीक्षक नरेंद्र पारीक ने सम्पूर्ण मामले की जांच करवाकर दोषोयो को सजा देने का आश्वासन दिया।
 जार कोटा जिला ग्रामीण अध्यक्ष राजू राठौर ने पुलिस द्वारा पत्रकार के साथ किए दुर्व्यवहार को निंदनीय बताते हुए इसे राजनीतिक साजिश बताया है,इसमे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच की जाए तो इसमे सत्तारूढ़ दल के नेताओ का हाथ निकलेगा,उन्होंने उक्क्त घटना को लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को दबाने का प्रयास बताया है। अधिस्वीकृत महासंघ ने भी इस घटना की निंदा की है।


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