संगम विश्वविद्यालय में 'एयर स्ट्राइक' से मचा हड़कंप, मॉक ड्रिल से दिया आपातकालीन स्थिति में बचाव का संदेश

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Published on : 09 May, 25 03:05

।विश्वविद्यालय के एनसीसी एनएसएस ने मॉक ड्रिल के जरिए आपातकालीन व्यवस्थाओं की तैयारी करी।

संगम विश्वविद्यालय में 'एयर स्ट्राइक' से मचा हड़कंप, मॉक ड्रिल से दिया आपातकालीन स्थिति में बचाव का संदेश

भीलवाड़ा। संगम विश्वविद्यालय में उस वक्त हड़कंप मच गया जब वहां "'एयर स्ट्राइक' की सूचना मिली। मॉक ड्रिल के अनुसार, हमले के बाद विश्वविद्यालय में आग लगने की सूचना आई और कई लोगों के घायल होने व दम घुटने से स्थिति बिगड़ने की खबर फैली। इस 'आपात स्थिति' की खबर चारों ओर फैलते ही विश्वविद्यालय प्रशासन, एनसीसी कैडेट, एनएसएस वालंटियर, स्टाफ कर्मचारी,आदि की टीमें त्वरित गति से मौके पर पहुंच गई। हालांकि कुछ देर बाद स्पष्ट हुआ कि यह कोई असली हमला नहीं, बल्कि केंद्र व राज्य सरकार ,जिला प्रशाशन , एनसीसी एनएसएस विभागके निर्देशानुसार आयोजित एक मॉक ड्रिल थी, जिसे संगम विश्वविद्यालय प्रशासन , एनसीसी,एनएसएस द्वारा योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया था।मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपात स्थिति में तैयारियों, विभागीय समन्वय, त्वरित प्रतिक्रिया और राहत कार्यों की व्यावहारिक समीक्षा करना था।मॉक ड्रिल संयोजक लेफ्टिनेंट राजकुमार जैन ने बताया कि इस मॉक ड्रिल में यह परिदृश्य तैयार किया गया था कि विश्वविद्यालय के सेंट्रल लॉन पर हमला हुआ है, जिससे आग लग गई है, और करीब 5 से 10 लोग झुलस गए हैं। एनसीसी कैडेट,एनएसएस छात्र,नर्सिंग स्टाफ आदि बचाव कार्यों का नेतृत्व करने मौके पर पहुंचे। 

घटना स्थल की घेराबंदी कर सुरक्षा सुनिश्चित की गई। फायर फाइटिंग की टीम गठित कर  छात्र दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाने का प्रयास का प्रदर्शन किया और घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल भेजने का अभ्यास किया गया। प्राथमिक उपचार सुरक्षा, सीपीआर आदि को भी सिखाया गया।मॉक ड्रिल के दौरान सभी छात्र छात्राओं,फैकल्टी स्टॉफ आदि को भी आग और अन्य आपात स्थितियों में सुरक्षित बचाव की जानकारी दी गई। प्रशिक्षणात्मक रूप से यह अभियान अत्यंत सफल राहा।संगम विश्वविद्यालय के फायर सेफ्टी विभाग, एप्लाइड हेल्थ साइंस विभाग ने इस माँक ड्रिल में पूर्ण सहयोग दिया। मॉक ड्रिल के समापन के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक समीक्षा बैठक की, जिसमें सभी विभागीय अधिकारियों से फीडबैक लिया गया और भविष्य में ऐसी आपात परिस्थितियों से बेहतर तरीके से निपटने के लिए सुझाव मांगे गए।कुलपति प्रो करुणेश सक्सेना ने कहा कि मॉक ड्रिल जैसी व्यवस्थाएं आपात स्थिति में जनहानि को कम करने में अहम भूमिका निभाती हैं। यह संसाधन और तकनीकी दक्षता को जांचने का एक प्रभावी माध्यम है। प्रो वीसी प्रो मानस रंजन पाणिग्रही ने कहा, इस ड्रिल ने साबित किया कि आपात स्थिति में सभी विभागों में बेहतर समन्वय संभव है।

 


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