त्वरित टिप्पणी  :भारत और पाकिस्तान के मध्य युद्ध विराम की घोषणा

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Published on : 11 May, 25 04:05

गोपेन्द्र नाथ भट्ट 

भारत और पाकिस्तान के मध्य युद्ध विराम की घोषणा हो गई है । यह घोषणा दोनों देशों पर बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय दवाब के मध्य की गई है। बताया जा रहा है कि अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई  और सबसे पहले ट्रंप ने ही अपने एक्स एकाउण्ट पर सार्वजनिक रुप से जाहिर किया । बाद में भारत के विदेश मन्त्री एस.जयशंकर ने भी इसकी पुष्टि की । विदेश मंत्रालय ने शनिवार की शाम इस सम्बन्ध में एक प्रेस कान्फ्रेंस कर बताया कि भारत ने अपनी शर्तों पर ही पाकिस्तान के साथ सीज फायर किया है ।भारत सरकार ने कहा है कि अब पाकिस्तान की ओर से होने वाले किसी भी आतंकी हमलें को बर्दास्त नहीं किया जाएगा और भारत इसे युद्ध मान कर तुरन्त उस ओर जवाबी कार्यवाही करेगा। इसके साथ ही भारत जोकि स्वयं एक परमाणु शक्ति है, विश्व का पहला ऐसा देश न गया है जिसने परमाणु शक्ति सम्पन्न पाकिस्तान पर मिसाईल हमला कर उसके आतंकी अड्डों को बर्बाद कर दिया।

भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि सीजफायर के बाद दोनों देशों के चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ सोमवार  बारह मई  को एक बैठक आयोजित  कर द्विपक्षीय  वार्ता करेंगे । हालाँकि भारत ने स्पष्ट किया है कि सिन्धु जल समझौता सहित पाकिस्तान पर लगाए गए सभी प्रतिबंध जारी लगेंगे ।

सीजफायर  की घोषणा के बाद प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, अपने मंत्रिमण्डलीय सहयोगियों ,तीनों सेना के अध्यक्षों तथा रक्षा, गृह, विदेश और अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भावी रणनीति पर गहन विचार विमर्श किया।

इसके पूर्व भारत पाक के मध्य 89 घण्टे चले अघोषित युद्ध और आधुनिक तरीके से चलाये गए युद्ध के दरमियान जिसमें सेना और हथियारों का कोई मूवमेंट नहीं हुआ में भी प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ ही अपने वरिष्ठ सहयोगियों,केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह,विदेश मंत्री एस.जय शंकर, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा, सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राज मार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव,जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल, कृषि मन्त्री शिव राज सिंह चौहान, पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के अलावा   नागरिक उड्डयन मन्त्री किंजरापु राममोहन नायडू एवं केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर आदि से हर आपात परिस्थितियों का सामना करने की रणनीति पर लगातार विचार विमर्श किया ।

इधर पाकिस्तान से लगी सबसे बड़ी एक हजार किमी से भी लम्बी अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे प्रदेश राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने भी शनिवार को जयपुर में सीमावर्ती क्षेत्रों में व्याप्त परिस्थितियों के संदर्भ में एक सर्वदलीय बैठक की । इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित पक्ष एवं विपक्ष के मंत्री और विधायक शामिल हुए ।

 

भारत और पाकिस्तान के बीच चरम सीमा पर पहुंचे तनाव और सीमा पार से पाकिस्तान की ओर से भारत के ऑपरेशन सिन्दूर से हुई बर्बादी से बौखला कर भारत के आबादी और सैन्य क्षेत्रों पर हमलें करने तथा उसके जवाब में भारतीय सैनिक कार्यवाही से हताश पाकिस्तान  ने अंतर्राष्ट्रीय दवाब में भारतीय शर्तों को मानते हुए फिलहाल सीज फायर पर रजामंदी तो कर ली है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान के नापाक इरादों से भारत को आगे भी बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है । 

जैश ए मोहम्मद पुस्तक के लेखक और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी नीति एवं मामलों के जाने माने विशेषज्ञ तथा उसानास फाउण्डेशन, उदयपुर के संस्थापक अभिनव पण्ड्या  का मानना है कि आतंकवादी पैदा करने और उन्हें ट्रैनिंग देने तथा इस्लामी धर्मांन्धता फैलाने एवं धार्मिक उन्माद उत्पन्न करने की अंतर्राष्ट्रीय फेक्ट्री मानी जाने वाले पाकिस्तान, किसी भी प्रकार से भरौसे के लायक नहीं है। इसलिए भारत को पाकिस्तान के भ्रामक प्रचार, बयानों और प्रोपगंडा में आए बिना हमेशा सचेत रहना चाहिए ताकि आतंकवाद  के अंतरराष्ट्रीय नेट वर्क को समाप्त कर विश्व की एक बहुत बड़ी सेवा की जा सके। उनका मानना है कि पाकिस्तान का मुख्य एजेण्डा अपने लोगों के दिलों दिमाग में भारत के प्रति नफ़रत पैदा करना और आतंकवादियों को पालना पोसना ही है।

अभिनव पंड्या का यह भी मानना है कि सीज फायर पर सहमति बनने के बावजूद पाकिस्तान, आगे भी भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों के अलावा अन्य महत्वपूर्ण स्थानों विशेष कर भारत के धार्मिक और पर्यटन स्थलों को सॉफ्ट टार्गेट मान कर उसे अपना निशाना बना सकता है। पाकिस्तान की इस साजिश को विफल करने के लिए भारत सरकार के साथ ही सभी प्रदेशों की राज्य सरकारों को अपने प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर चौकसी एवं सुरक्षा के माकूल एवं चौक चौबंद इंतज़ाम सुनिश्चित करने चाहिए ।

उल्लेखनीय है कि पहलगाम की आतंकी घटना के बाद भारत की करारी जवाबी कार्यवाही से बौखलाए पाकिस्तान ने युद्ध के सभी अंतरराष्ट्रीय सिद्धान्तों तथा मापदण्डों को  छोड़ कर सूर्यास्त के बाद भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के विभिन्न आबादी वाले इलाकों और सैन्य ठिकानों पर अंधाधुन्ध गोलीबारी, ड्रॉन एवं मिसाईल हमलें किए । पाकिस्तान ने भारत की राजधानी नई दिल्ली, जम्मू कश्मीर के प्रमुख तीर्थ वैष्णों देवी और उत्तरी राजस्थान के श्री गंगा नगर और  पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर और जोधपुर तथा  गुजरात के कच्छ भुज तक मिसाईल से निशाने साधने के कुत्सित प्रयास किए।हालांकि भारत की बहादुर सैनाओं  ने पाकिस्तान के हर नापाक हमलों और मंसूबों का माकूल जवाब दिया और उनके तकरीबन हर हमलें को  नाकाम कर दिया।पहलगाम की घटना के पंद्रह दिनों बाद भारत ने पाकिस्तान के आतंकी अड्डों पर मिसाईल हमला बोला था । भारत पाकिस्तान के उन इलाकों को ही टारगेट कर रहा था जोकि आतंकवादियों के बड़े अड्डे रहें है लेकिन,पाकिस्तान  ने लगातार सीज फायर का उल्लंघन कर पिछलें तीन दिनों से लगातार भारत के सिविलियन इलाकों पर हमलें किए जिससे भारत में जान माल का नुकसान हुआ। हालांकि इसके जवाब में अब भारत को भी मजबूरन अपनी जवाबी कार्यवाही करनी पड़ी और भारत की जबरदस्त मार से पाकिस्तान के प्रमुख एयरबेस, पोर्ट तथा कई सामरिक स्थल बर्बाद हों गए। इसके पहले भारत द्वारा सात मई की रात को पाकिस्तान के खिलाफ की गई सैन्य कार्रवाई में उनके नौ आतंकवादी अड्डे पूरी तरह बर्बाद हों गए थे ।पाकिस्तान के मुरीदके और बहावलपुर में आतंक के अड्डे पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं।लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद के यही ठिकाने आतंकियों के पनाहगार थे।यहीं से उनको आतंक फैलाने की ट्रेनिंग दी जाती थी लेकिन अब ये ठिकाने पूरी तरह से नेस्तनाबूत हो चुके हैं।पाकिस्तान के पंजाब में  बहावलपुर में मारे गए पाकिस्तान के दुर्दान्त अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची भी बाहर आ गई है जिसमें  कंधार हाईजैक और मुम्बई हमलें के मोस्ट वाण्टेड आतंकवादियों के नाम शामिल है । भारत ने अमरीका सहित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को ऐसे दुर्दान्त आतंकवादियों के जनाजे में पाकिस्तान के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की ओर से रीद चढ़ाने और सैन्य एवं प्रशासनिक अधिकारियों के शामिल होकर उन्हें द्वारा गार्ड ऑफ ओनर दिलाने सहित अन्य कई ढोस सबूत दिए। साथ ही शुक्रवार को पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ)से मौजूदा एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी के तहत लगभग 1 अरब अमेरिकी डॉलर की किस्त जारी करने की मंजूरी देने का भी भारी विरोध किया।आतंक की फैक्ट्री चलाने वाले पाकिस्तान को आईएमएफ ने इतनी बड़ी आर्थिक मदद ऐसे समय में दी है, जबकि भारत के खिलाफ उसकी नापाक हरकतों की सारी दुनिया में थू-थू हो रही है। आईएमएफ के इस फैसले की भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में कड़ी आलोचना हुई ।साथ कतिपय देशों की दोगली नीति भी उजागर हो गई है ।

अब यह देखना होगा कि पाकिस्तान सीज फायर की पालना किस सीमा तक और कब तक करेगा?


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