नई दिल्ली/जयपुर, राजस्थान विधानसभाध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने शुक्रवार को पेरिस में फ्रांसीसी सीनेट का औपचारिक दौरा कर वहां की संसदीय प्रणाली, समितियों की संरचना तथा लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का अवलोकन एवं अध्ययन किया।
देवनानी इस अध्ययन यात्रा में फ्रांसीसी विधायिका की कार्य प्रणाली के बारे में जानकारी ली। उन्होंने सीनेट के सीनेटर श्रीमती नथाली गौलेट से संसदीय दक्षता बढ़ाने बाली बिंदुओं पर चर्चा की तथा दोनों देशों की लोकतांत्रिक संस्थाओं के मध्य सहयोग की नई संभावनाओं को तलाशा।
देवनानी ने फ्रांस की द्विसदनीय प्रणाली, विशेषतः सीनेट की भूमिका, उसकी संवैधानिक स्थिति तथा विधायी प्रक्रियाओं में उसकी भागीदारी का राज्यसभा और राज्य विधान परिषद का तुलनात्मक अध्ययन किया। उन्होंने सीनेट की स्थायी समितियों के कार्य, उनके अनुसंधान आधारित निर्णय लेने की प्रणाली तथा प्रशासन और विधायिका के बीच संतुलन बनाए रखने की प्रक्रिया में गहरी रुचि दिखाई।
इस अवसर पर उन्होंने फ्रांस सीनेट उपाध्यक्ष, संसदीय सचिवों एवं विधि विशेषज्ञों से संवाद कर विचारों का आदान-प्रदान किया। चर्चाओं में जलवायु नीति, शिक्षा सुधार, बजट प्रक्रिया एवं साइबर सुरक्षा जैसे समसामयिक विषयों पर दोनों पक्षों ने विचार रखे।
देवनानी ने कहा कि फ्रांस की संसदीय परंपराएँ लोकतंत्र की परिपक्वता का परिचायक हैं। भारत और फ्रांस की विधायिकाओं के मध्य संवाद एवं सहयोग की निरंतरता से हम पारस्परिक समृद्धि, विधायी दक्षता और सुशासन के नए प्रतिमान स्थापित कर सकते हैं।उन्होंने बताया कि यह अध्ययन यात्रा भारत-फ्रांस संसदीय संबंधों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण है। राजस्थान विधानसभा अब इस अनुभव का लाभ उठाकर अपनी विधायी कार्यप्रणाली में नवाचार, पारदर्शिता और वैश्विक संवाद की नई दृष्टि समाविष्ट करने की दिशा में अग्रसर होगी।