डॉक्टर डे की संध्या पूर्व संध्या पर विशेष रिपोर्ट

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Published on : 28 Jun, 25 16:06

बिना कमीशन की दवा और सच्चे मन से इलाज करने के लिए पहचाने जाते हैं सीनियर फिजिशन डॉक्टर सुनील दत्त शर्मा

डॉक्टर डे की संध्या पूर्व संध्या पर विशेष रिपोर्ट
के डी अब्बासी कोटा। बेस्ट डॉक्टर का खिताब मतदान,विज्ञापन,पोस्टरों से नहीं बल्कि डॉक्टर के पास उपचार करा चुके मरीजों द्वारा दिया जाता है वह बताते हैं कि उपचार के लिए कौनसा डॉक्टर बेस्ट है। कोटा शहर के भीमगंज मंडी क्षेत्र,रेलवे कॉलोनी क्षेत्र सहित शहर और शहर से बाहर उपचार कराने वाले मरीज सीनियर फिजिशियन डॉक्टर सुनील दत्त शर्मा को बेस्ट डॉक्टर का खिताब देते हैं। सीनियर फिजिशियन डॉक्टर सुनील दत्त शर्मा सेटेलाइट अस्पताल रामपुरा से रिटायर्ड होने के बाद वह स्टेशन रोड उपभोक्ता होलसेल भंडार के नजदीक कोटा जंक्शन पर अपने क्लिनिक पर शाम को छह बजे से रात दस बजे तक और सुबह दस बजे से ग्यारह बजे तक मरीजों का उपचार करते है। सीनियर फिजियशन डॉक्टर सुनील दत्त शर्मा की पत्नी वरिष्ठ चिकित्सक डॉ मीनू कोरपाल, एम एस गायनी भी शाम को क्लिनिक पर मरीजों का उपचार करती है। मशहूर वरिष्ठ चिकित्सक डॉ मीनू कोरपाल भीमगंज मंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से रिटायर्ड हुई है।
 
डॉक्टर जब आज की दुनिया में चिकित्सा भी व्यापार बनती जा रही है, ऐसे समय में कोई डॉक्टर अगर मरीज को सिर्फ इंसानियत के नाते सच्चे मन से देखे, तो वो न केवल डॉक्टर कहलाने लायक है, बल्कि समाज का सच्चा सेवक भी है। ऐसे ही एक नाम हैं – सीनियर फिजिशियन डॉ. सुनील दत्त शर्मा
एक अनुभवी फिजिशियन हैं, जो अपने पेशे को सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम मानते हैं। उनके पास रोज़ाना सैकड़ों मरीज इलाज के लिए आते हैं, लेकिन जो बात उन्हें बाकी डॉक्टरों से अलग बनाती है, वो है अन्य फिजिशियन डॉक्टर से कम फीस – बिना कमीशन की दवा और सही इलाज की नीयत। सीनियर फिजिशियन डॉक्टर की फीस 300 रुपए थी तब सीनियर फिजिशियन डॉक्टर सुनील दत्त शर्मा मरीज से 200 रुपए फीस लेते हैं। अभी हाल में ही सीनियर फिजिशियन डॉक्टर ने अपनी फीस 300 की जगह 400 रुपए कर दी है। सीनियर फिजिशियन डॉक्टर सुनील दत्त शर्मा ने मरीजों के लिए 250 रुपए फीस तय।की है।
कमीशन से परे सोच
अक्सर देखने में आता है कि डॉक्टर मरीज को महंगी दवाइयाँ लिखते हैं, जो विशेष मेडिकल स्टोर पर ही मिलती हैं और जिन पर डॉक्टर को कमीशन भी मिलता है। लेकिन सीनियर फिजिशियन डॉ. शर्मा ने इस चलन से खुद को अलग रखा है। वह हमेशा ऐसी दवाएं लिखते हैं जो शहर के किसी भी मेडिकल स्टोर से प्राप्त की जा सकती है, जो सस्ती होती हैं और आम आदमी की पहुँच में भी रहती हैं। उनका मानना है, "इलाज का मकसद पैसा कमाना नहीं, मरीज को राहत देना है।
"सच्चाई और
सरलता में विश्वास
 
सीनियर फिजिशियन डॉक्टर सुनील दत्त शर्मा का इलाज केवल दवाओं से नहीं होता, बल्कि उनके सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार से भी लोग जल्दी ठीक हो जाते हैं। वो हर मरीज की बात ध्यान से सुनते हैं, उन्हें पूरा समय देते हैं और न तो फालतू जांचें करवाते हैं, न ही उन्हें भ्रमित करते हैं।
 
मरीजों की नजर में हीरो
 
कई बुज़ुर्ग मरीज कहते हैं, "आजकल ऐसे सीनियर फिजिशियन डॉक्टर सुनील दत्त शर्मा जैसा मिलना मुश्किल है। सीनियर फिजिशियन डॉ. सुनील दत्त शर्मा भगवान की तरह हैं।" अभावग्रस्त निर्धन मरीज के लिए मुफ्त में दवा लिख देना, किसी अभावग्रस्त गरीब मरीज की फीस माफ कर देना – ये उनके रोज़मर्रा के काम हैं।
 
एक मिशन, एक सोच
 
सीनियर फिजिशियन डॉ. सुनील दत्त शर्मा का सपना है कि "भारत में स्वास्थ्य सेवा अमीरों की जागीर न रह जाए, बल्कि हर गरीब को भी अच्छा इलाज मिले।" उनका ये काम न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि आने वाले डॉक्टरों के लिए एक मिसाल भी है।डॉक्टर सुनील दत्त शर्मा ईमानदारी,मेहनत से समाज की गत 45 वर्षों से शोषित - पीड़ित जनता की नि : स्वार्थ सेवा कर रहे हैं। कोटा के मशहूर सीनियर फिजिशियन डॉ सुनील दत्त शर्मा(एम. डी . मैडिसन)का जन्म वर्ष 1957 में कोटा जंक्शन के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। सीनियर फिजिशियन डॉक्टर सुनील दत्त शर्मा के पिता स्व. श्री ब्रह्मदत्त शर्मा रेल कर्मचारी और माताजी धार्मिक और कर्तव्य परायण गृहणी थी। दोनों ने अपने बच्चों को सेवा,परिश्रम, ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के भरपूर संस्कार दिए। सीनियर फिजिशियन डॉ सुनील दत्त शर्मा बचपन से ही मेधावी छात्र रहे इसलिए शिक्षा की हर परीक्षा उन्होंने सर्वश्रेष्ठ परिणाम के साथ उत्तीर्ण की। मन में प्रारंभ से ही चिकित्सक बनकर दुखी मानवता की इच्छा थी और योग्यता भी थी इसलिए बालाजी के आशीर्वाद से उदयपुर के सरकारी आर एन टी मेडिकल कॉलेज से एम बी बी एस करने के लिए चुन लिए गए और एम बी बी एस के श्रेष्ठ परिणाम के आधार पर वहीं से एम डी मेडिसिन करने का अवसर प्राप्त हुआ।समय के साथ सीनियर फिजिशियन डॉ सुनील दत्त शर्मा का विवाह प्रसिद्ध महिला डॉक्टर डॉ मीनू कोरपाल,एम एस गायनी के साथ सम्पन्न हुआ। जिन्होंने हर कदम जीवन की धूप - छांव में डॉ शर्मा का खूब साथ निभाया।उदयपुर से एम डी करने के बाद सीनियर फिजिशियन डॉ सुनील दत्त शर्मा की पहली नियुक्ति सरकारी चिकित्सक के रूप में बारां जिले की दूरदराज आदिवासी क्षेत्र शाहबाद में हुई।उस समय उस क्षेत्र में न तो पक्की सड़के थी और ना ही यातायात के साधन। नियुक्ति के स्थान पर जीवनयापन की सामान्य सुविधाएं भी नहीं थीं। ऐसे अभावग्रस्त क्षेत्र को मानवता की सेवा का ईश्वर प्रदत्त श्रेष्ठ अवसर मानकर सीनियर फिजिशियन डॉ शर्मा ने वर्षों तक अभावग्रस्त साधनहीन निर्धन आदिवासियों की मन वचन कर्म से खूब सेवा की। उस का ही परिणाम है कि लगभग चार दशक बीत जाने के बाद आज भी डॉ शर्मा का शाहबाद क्षेत्र से जीवंत संपर्क है।और वो समय समय पर शाहबाद और मामोनी क्षेत्र में अपने संपर्क से नि:शुल्क चिकित्सा शिवरों का आयोजन करवाते रहते हैं। सीनियर फिजिशियन डॉक्टर सुनील दत्त शर्मा ने कई दशकों तक सेटेलाइट हॉस्पिटल , रामपुरा में वरिष्ठ चिकित्सक और हॉस्पिटल प्रभारी के पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। सीनियर फिजिशियन डॉ सुनील दत्त शर्मा की सर्वश्रेष्ठ सेवाओं का ही परिणाम है कि वशिष्ठ चिकित्सक के पद पर निरन्तर चार दशकों की चिकित्सा सेवाओं पर सदैव सराहना और प्रशंसा होती रही,कभी कोई प्रश्नचिन्ह या उंगली नहीं उठी। सीनियर फिजिशियन डॉक्टर सुनील दत्त शर्मा को उत्कृष्ट शिक्षा सेवाओं के लिए नौकरी में रहते हुए राजस्थान सरकार द्वारा सम्मानित किया गया।सीनियर फिजिशियन डॉ सुनील दत्त शर्मा अपनी चिकित्सा सेवाओं के प्रति इतने समर्पित हैं कि कभी किसी के दबाव या प्रभाव से आकर्षित नहीं होते।वो मरीज को चेहरे से नहीं उसके रोग से जानते हैं। बीमारी की भली भांति जांच करवाना और फिर बिना कमीशन की ब्रांडेड दवाइयां लिखकर चिकित्सा करने में विश्वास करते हैं। सीनियर फिजिशियन डॉ सुनील दत्त शर्मा के क्लीनिक में दवाई कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा नि:शुल्क दवाइयों के सैंपल मित्रों,परिचितों और प्रभावशाली लोगों के लिए नहीं वरन अभावग्रस्त,निर्धन अस्वस्थ्य लोगों के लिए होते हैं। किसी भी जाति,वर्ग,लिंग धर्म का रोगी हो उसे अपने पूर्व निर्धारित नंबर पर बिना किसी वरीयता के दिखाना होगा। सीनियर फिजिशियन डॉ सुनील दत्त शर्मा के जीवन पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व श्री भुवनेश चतुर्वेदी और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान के पूर्व अध्यक्ष स्व श्री पुष्पकांत दलाल जैसे कर्मठ,ईमानदार, समर्पित समाजसेवी और सादगी पसंद व्यक्तित्वों का बहुत प्रभाव रहा है। सीनियर फिजिशियन डॉक्टर सुनील दत्त शर्मा ने चिकित्सा क्षेत्र में सुप्रसिद्ध डॉ आर एम सिंघवी,डॉ एस के गोयल,डॉ के के पारिख, डॉ अरुण बोर्डिया और कोटा के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ एन के गुप्ता जैसे वरिष्ठ चिकित्सकों से भी बहुत प्रेरणा ली है।शाहबाद आदिवासी क्षेत्र में मामोनी ग्राम को आदर्श सेवा गांव बनाने के लिए जीवन भर सेवा समर्पित स्व मोती लाल,नीलू मलहोत्रा,महेश शर्मा के सहयोगी साथी रहे हैं डॉ एस डी शर्मा।आज भी सीनियर फिजिशियन डॉक्टर सुनील दत्त शर्मा कोटा जंक्शन स्थित श्री राम धर्मार्थ चिकित्सालय में निरंतर सेवाओं के साथ प्रौढ़ शिक्षा विभाग और अन्य सामाजिक संगठनों द्वारा आयोजित किए जाने वाले स्वास्थ्य शिवरों में अपनी नि:शुल्क सेवाएं देते है। अभावग्रस्त,पीड़ित समाज के प्रति ऐसे समर्पित सीनियर फिजिशियन डॉ सुनील दत्त शर्मा के आदर्श जीवन, कृतित्व और व्यक्तित्व पर कुछ लिखने का उद्देश्य यही है कि लोग उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाज के प्रति अपने दायित्व का बोध करे और अपने योग्य और स्तर की अभावग्रस्त मानवता की सेवा अवश्य करे। ये देश ये समाज हमारा है इसके केवल अधिकार नहीं इसके प्रति हमारे दायित्व भी है।केवल कोसने से नहीं कुछ करने से ही स्वस्थ्य और विकसित समाज का निर्माण होगा

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