समता भवन का हुआ परिवर्धनम् , अबसे नए स्वरुप से निखरे समता भवन मे होगी नित्य धर्म आराधना

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Published on : 29 Jun, 25 09:06

नवकार जाप व समता शाखा के साथ परिवर्धित भवन , समता भवन का लोकार्पण हुआ.

समता भवन का हुआ परिवर्धनम् , अबसे नए स्वरुप से निखरे समता भवन मे होगी नित्य धर्म आराधना

उदयपुर , साधुमार्गी जैन संघ , उदयपुर का एक प्रमुख धार्मिक जैन संघ है व  स्थानकवासी परम्परा वाला यह संघ जैन जगत मे उदयपुर को विशीष्टता प्रदान करता है, श्री अखिल भारतीय  साधुमार्गी राष्ट्रीय संघ तो उदयपुर को  धर्म संघ के रुप मे चोथे स्तंभ होने का दृर्जा भी प्रदान करता है।

संघ की विभिन्न धार्मिक गतिविधियों के लिए धर्म स्थानक के रुप मे उदयपुर के उपनगर हिरण मंगरी सेक्टर 3-4-5-6 आदि क्षैत्र के मध्य मे स्थित समता भवन जो कि मयुर वन कोलोनी मे स्थित है का विगत कुछ समय से परिवर्धन कार्य चल रहा था जिसमे नए सामायिक हाल व प्रवचन हाल का निर्माण भी किया गया

इस नए परिवर्धीत समता भवन का लोकार्पण 29 जुन 2025, रविवार को प्रात: संघ के गणमामान्य सदस्यों  की उपस्थिति मे किया गया।

सैंकडो की संख्या मे संघ सदस्यों ने नवकार मंत्र जाप व समता शाखा करके परिवर्धीत समता भवन का लोकार्पण किया समता शाखा पश्चात्  आम सभा का आयोजन भी किया गया। 

आम सभा के दोरान संघ अध्यक्ष ने उदयपुर मे न्यु भोपालपुरा मे शिघ्र सिही संघ के जगह पर एक नविन समता भवन निर्माण करने का प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया

सभा हर्ष हर्ष के जयकारों से गुंज उठी

आयोजन मे संघ अध्यक्ष सागर जी गोलछा,  मंत्री आशीष जी सहलोत , संघ परामर्षक  माणिक जी नाहर , नरेश जी सिंघवी, युवा संघ अध्यक्ष सौरभ गोलछा, मंत्री मोनिन सुराणा, महिला मंडल अध्यक्ष सीमा पोखरना, मंत्री सुलेखा मोगरा, बहु मंडल अध्यक्ष प्रियंका कोठारी , मंत्री अदिति मोदी सहित अनेक श्रावक श्रावीकाओं की उपस्थिति रही  

सामायिक  , प्रतिक्रमण , संवर , पोषध , जैन पाठशाला , शिविर आदि विभिन्न धार्मिक उपयोग के लिए बनाया गया भवन साधु - साध्वी जी के विराजने व प्रवचन के लिए भी उपयोग आ सकेगा , इस धर्म स्थान मे एक मिनी पुस्तकालय भी रखा जाएगा जहां विभिन्न धार्मिक पुस्तकों का संग्रह रहेगा।

इस धर्म स्थान मे प्रवेश के लिए पांच अभीगम नियमो -

सचित का त्याग , अचित का विवेक , उत्तरासन धारण ,  दृष्टि वंदन ,मन की एकाग्रता का पालन का आवश्यक रहेगा।

संघ अध्यक्ष सागर गोलछा ने बताया कि देशभर के विभिन्न प्रमुख ग्राम शहरों मे मिलाकर देश भर मे सैंकडो समता भवन है जिनमे निरन्तर धर्म आराधनाएं हो रही है।


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