हिंदुस्तान स्काउट एंड गाइड दल ने सात किलोमीटर ट्रेकिंग कर प्रकृति का लिया आनंद

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Published on : 11 Jul, 25 05:07

परशुराम महादेव सहित अनेक मंदिरो में किए दर्शन, जाना धार्मिक महत्व रुद्राक्ष, कदम व कल्प वृक्ष को देख उनका पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व जाना

हिंदुस्तान स्काउट एंड गाइड दल ने सात किलोमीटर ट्रेकिंग कर प्रकृति का लिया आनंद

उदयपुर । हिंदुस्तान स्काउट एंड गाइड राजस्थान राज्य के वार्षिक केलैंडर अनुसार जिला आयुक्तएवं जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय माध्यमिक उदयपुर के आदेशानुसार हिंदुस्तान स्काउट एंड गाइड राजस्थान राज्य के उदयपुर जिले के सरकारी व निजी स्कूलों के बालक बालिकाओं व विद्यालय प्रभारी एवं भ्रमण दल प्रभारी, स्काउट अधिकारियों सहित 83 सदस्यीय दल दो दिवसीय शैक्षिक साहसिक भ्रमण कर पूरा कर उदयपुर पहुंचा । दूसरे दिन दल ने 7 किलोमीटर से अधिक की ट्रेकिंग कर प्रकृति का पूरा आनंद उठाया। दल के सदस्यों ने परशुराम महादेव सहित अनेक मंदिरो में दर्शन कर तीर्थस्थलों का धार्मिक महत्व जाना। हिंदुस्तान स्काउट के संभाग कमिश्नर एवं भ्रमण दल शिविर प्रभारी गोपाल मेहता मेनारिया ने बताया कि हिंदुस्तान स्काउट  के राज्य सचिव नरेंद्र औदिच्य एवम जिला ऑर्गेनाइजर शांता वैष्णव के निर्देशन में मंगलवार प्रातः 7 बजे घाणेराव सादड़ी में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इसके बाद बस से परशुराम महादेव तलहटी में हाथी पोल पहुंचे , जहां से पैदल ट्रेकिंग शुरु की। करीब ढाई किलोमीटर पैदल चढ़ाई के बाद सभी स्काउट एंड गाइड ने अपने अपने विद्यालय प्रभारी के साथ मुख्य दर्शन हेतु परशुराम गुफा में पहुंचकर स्वयंभू शिवलिंग के दिव्य दर्शन कर प्राकृतिक झरने और गोमुख से हो रहे जलाभिषेक का चरणामृत लिया। इसके बाद वर्षों पुरानी धुनी ,संत समाधि ,राधा कृष्ण के किए और पूजा अर्चना कर प्रसाद ग्रहण किया। इसके पश्चात डेढ किलोमीटर की फिर से ट्रेकिंग करते हुए कुंभलगढ़ मार्ग पर स्थित परशुराम फूटा महादेव पहुंचे। वहीं पर स्थित मेला स्थल के सामने स्थित कल्पेश्वर महादेव ,राधा कृष्ण मंदिर , शबरी मंदिर, तपोनिधि निरंजनी अखाड़ा, अनोखे हनुमान मंदिर में दर्शन कर भोजन प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद वहां पर वर्षों पुराने लगे हुए रुद्राक्ष के वृक्ष ,कदम व कल्प वृक्ष के दर्शन किए और उनका पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व जाना ।  प्रभारी स्काउटर और फ्लॉफ लीडर के निर्देशन में दो दो की पंक्ति बना अनुशासित तरीके से पुनः साढ़े तीन किलोमीटर दूर तलहटी में हाथी पोल द्वार पहुंचे। देर रात्रि भ्रमण दल पुनः सुरक्षित उदयपुर पहुंच गया।


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