उदयपुर। सावन के प्रथम सोमवार को भगवान महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। मंदिर में तड़के से ही भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। भगवान आशुतोष का रजत पालकी में भव्य भ्रमण दोपहर 12.15 बजे अभिजीत मुहूर्त में प्रारंभ हुआ, जिसमें ‘हर-हर महादेव’ और ‘बम-बम भोले’ के जयघोष गूंज उठे।
सुबह से ही मंदिर में विशेष अनुष्ठानों की शुरुआत हो गई थी। विद्वान पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ लघुरुद्र पाठ कर भगवान का जलाभिषेक किया गया। श्रद्धालुओं ने गर्भगृह के बाहर से जल अर्पित कर दर्शन लाभ लिया। पार्थिव शिवलिंग की पूजा-अर्चना का क्रम भी दिनभर चलता रहा।
प्रातः 11:15 बजे भगवान के विग्रह स्वरूप को रजत पालकी में अर्द्धनारीश्वर श्रृंगार के साथ विराजित किया गया। इसके उपरांत पालकी में विराजित विग्रह स्वरूप की विधिवत पूजा-अर्चना हुई। भ्रमण की शुरुआत से पहले पालकी को गर्भगृह में विराजमान भगवान महाकालेश्वर के सम्मुख ले जाकर जयकारों के बीच झुलाया गया। तत्पश्चात मंदिर परिसर में भ्रमण कराया गया। भ्रमण के समापन पर सभा मंडप में भगवान को भोग अर्पित कर विशेष आरती की गई।
भक्तों के उत्साहपूर्ण वातावरण में ढोल-नगाड़ों की थाप पर महिला श्रद्धालु भक्ति में मग्न होकर नृत्य करती रहीं, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया।
प्रदेश सरकार की ओर से रुद्राभिषेक
सुबह 10 बजे देवस्थान विभाग की ओर से विद्वान पंडितों के सान्निध्य में रुद्राभिषेक संपन्न हुआ। इसमें सहायक आयुक्त जतीन गांधी समेत विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल हुए।
शाही सवारी का पोस्टर विमोचित
इसी दिन भगवान आशुतोष की अंतिम सोमवार (4 अगस्त) को निकलने वाली शाही सवारी के पोस्टर का भी भव्य विमोचन किया गया। इसके साथ ही शाही सवारी की तैयारियों को गति मिली। पोस्टर शहर के विभिन्न स्थानों पर लगाए जाएंगे, वहीं ऑटो में भी यात्रा का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इस अवसर पर प्रन्यास अध्यक्ष तेजसिंह सरूपरिया, सचिव चंद्रशेखर दाधीच सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।