"सशक्त समाज के निर्माण में साक्षरता की भूमिका" विषय पर व्याख्यान 

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Published on : 09 Sep, 25 01:09

विश्व साक्षरता दिवस पर  अकलंक कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन में "सशक्त समाज के निर्माण में साक्षरता की भूमिका" विषय पर व्याख्यान 

"सशक्त समाज के निर्माण में साक्षरता की भूमिका" विषय पर व्याख्यान 

 

कोटा, विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर अकलंक कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन की एन.एस.एस. इकाई द्वारा "सशक्त समाज के निर्माण में साक्षरता की भूमिका" विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. पिंकी श्रीवास्तव, उप- प्राचार्या डॉ. नम्रता जैन, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता डॉ प्रभात सिंघल तथा एन.एस.एस. इकाई के प्रभारी डॉ रंजना गुप्ता, डॉ. सोनल तथा कार्यक्रम में सहयोग प्रदान कर रही डॉ. इंदु वाला शर्मा द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। तत्पश्चात प्राचार्या तथा उप-प्राचार्या द्वारा कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. प्रभात सिंघल( रिटायर्ड जॉइंट डायरेक्टर)डिपार्टमेंट ऑफ़ इनफार्मेशन एंड पब्लिकरिलेशन, राजस्थान सरकार को पुष्प गुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया गया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए डॉक्टर इंदु बाला शर्मा द्वारा अतिथि का परिचय कराया गया। इसी क्रम में कार्यक्रम के मुख्य वक्ता ने अपने उद्बोधन मैं बताया स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत में साक्षरता मात्र 17% थी किंतु आज यदि हम 2024 की बात करें तो हमारे यहां आज साक्षरता 80% का आंकड़ा प्राप्त कर चुकी है। यही कारण है की आज हमारा देश विकासशील देश से विकसित देश बनने की प्रक्रिया में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत के दो प्रदेश केरल तथा मिजोरम आज 95% साक्षरता के स्तर पर पहुंच चुके हैं । इसके साथ ही डॉक्टर सिंघल ने बहुत ही सुंदर शब्दों में विद्यार्थियों को समझाया की सशक्त समाज के निर्माण के लिए केवल शिक्षा प्राप्त करना ही काफी नहीं है। साक्षर अर्थात शिक्षित होने का भाव होना भी आवश्यक है, तभी हम देश को पूर्ण साक्षरता की ओर ले जाने में अपनी भूमिका निभा पाएंगे। 

इस अवसर पर हॉप सोसायटी के संस्थापक सदस्य डॉ. सिंघल विद्यार्थियों को नगर को आत्महत्या मुक्त बनाने में सहयोग की शपथ ग्रहण करवाई।

      डॉ. सिंघल ने बताया कि विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 10 सितंबर पर जागरूकता के विविध कार्यक्रमों के तहत आत्महत्या रोकथाम में सहयोग की शपथ भी दिलाई जाएगी। करीब एक सौ विद्यार्थियों ने, कोटा के हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह शपथ  लें, “ मैं भी रखवाला ” बनकर कोटा को आत्महत्या मुक्त शहर बनाने में अपना सहयोग दूँगा  की शपथ ग्रहण की। डॉ. सिंघल ने उन्हें इस प्रतिबद्धता को दर्शित करने के लिए 10 सितंबर की रात 8 बजे घर की खिड़की के समीप एक मोमबत्ती या दीपक जलाने की अपील की। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्या, उप- प्राचार्या, शिक्षकों एवं स्टाफ सदस्यों ने भी शपथ ली। इसी क्रम में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ पिंकी श्रीवास्तव ने भी अपने उद्बोधन द्वारा विद्यार्थियों को शिक्षा और साक्षरता का महत्व समझाते हुए अपने जीवन में इसे किस तरह आत्मसात करें यह भी बताया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. सिंघल को महाविद्यालय की प्राचार्या, उप-प्राचार्या तथा  एन.एस.एस. इकाई के प्रभारी डॉ रंजना गुप्ता तथा डॉक्टर सोनल द्वारा स्मृति चिन्ह स्वरूप  पुस्तक भेंट की गई। कार्यक्रम के अंत में डॉ. सोनल द्वारा कार्यक्रम में सहयोग देने व  सफल बनाने के लिए सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में मंच संचालन b.ed चतुर्थ वर्ष की छात्राएं अहिंसा गोस्वामी व दिव्या अवस्थी ने किया।


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