उदयपुर : आरसीएम की राष्ट्रव्यापी रूपांतरण यात्रा ने 17 सितम्बर को उदयपुर में अपने सफल पड़ाव का समापन किया, जिसमें आरसीएम के एसोसिएट बायर्स और समाज के लोगों की उत्साह भरी भागीदारी देखने को मिली। आरसीएम के पास वर्तमान में देशभर में 20 लाख से अधिक एसोसिएट बायर्स हैं, और कंपनी का लक्ष्य आने वाले वर्षों में इस संख्या को बढ़ाने का है। राज्य में कंपनी का विस्तारित नेटवर्क किफायती, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की बढ़ती मांग और आत्मनिर्भरता के लिए स्थायी अवसर पैदा करने वाले मंच के रूप में आरसीएम पर लोगों के विश्वास को दर्शाता है।
अपने समग्र सफलता और प्रगति के विज़न के तहत आरसीएम, उदयपुर और राजस्थान के विभिन्न समुदायों में लोगों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। महिलाओं, युवाओं और विभिन्न पृष्ठभूमियों से आने वाले प्रयासशील उद्यमियों को समान अवसर प्रदान करके, आरसीएम आजीविका को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है और सुनिश्चित कर रहा है कि प्रगति के लाभ व्यापक रूप से साझा किए जाएँ।
रूपांतरण यात्रा, जो आरसीएम की 25वीं वर्षगाँठ के सेलिब्रेशन का हिस्सा है, एक 100 दिवसीय यात्रा है जो 17,000 किलोमीटर चलकर, 75 शहरों से होते हुए और 25 भव्य सेलिब्रेशन कार्यक्रम आयोजित करेगी।
उदयपुर में अपने पड़ाव के दौरान, रूपांतरण यात्रा ने आरसीएम के मूल स्तंभों – स्वास्थ्य, सेवा और संस्कार को सुदृढ़ किया। इसमें उन महिला अचीवर्स, युवा लीडर्स और समाज सेवा में सक्रिय व्यक्तियों की प्रेरणादायक यात्रा को सबसे सामने उजागर किया, जिन्होंने आरसीएम सिस्टम के माध्यम से अपने जीवन को बदला। रूपांतरण यात्रा का पड़ाव उदयपुर में रखकर, आरसीएम ने मौजूदा एसोसिएट बायर्स के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया और नए सदस्यों का स्वागत किया।
उदयपुरवासियों ने यात्रा का शानदार स्वागत किया, और सैंकड़ों लोग 'किंगडम ऑफ स्पोर्ट्स' मैदान, न्यू नव रतन रोड, बेदला में आयोजित भव्य समारोह में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत आरसीएम प्राणगीत के साथ हुई, जिसमें आरसीएम के उद्देश्यों और सिद्धांतों को प्रस्तुत किया गया, इसके बाद शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक योग सत्र आयोजित किया गया। स्वास्थ्य क्रांति के साथ-साथ आरसीएम द्वारा उठाए गए विभिन्न स्वास्थ्य संबंधित पहलों का परिचय दिया गया। आगंतुकों ने सेवा गतिविधियों में भाग लिया और एक डॉक्युमेंट्री के माध्यम से आरसीएम की प्रभावशाली यात्रा को दिखाया गया। सभी ने आदर्श नागरिक शपथ ली, जिसमें उन्होंने सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का समापन एक प्रभावी जागरूकता रैली के साथ हुआ, जिसने उदयपुर में सेवा, स्वास्थ्य और संस्कार का संदेश फैलाया।
मैनेजिंग डायरेक्टर, प्रियंका अग्रवाल ने कहा कि हाल ही में लॉन्च हुई "मनसा वाचा कर्मणा - एक कर्मयोगी की जीवनी", जो आरसीएम के संस्थापक तिलोकचंद छाबड़ा के जीवन पर आधारित है, कार्यक्रम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह पुस्तक उनके कर्मयोगी जीवन की यात्रा को प्रस्तुत करती है, जिसमें उनके मूल्यों और उनके विचारों और कार्यों के उस प्रभाव को भी उजागर करती है, जिसने लाखों लोगों के जीवन को बदला है।
मैनेजिंग डायरेक्टर सौरभ छाबड़ा ने कहा कि उदयपुर से मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया हमारे जन-आधारित आंदोलन की शक्ति और भावना का प्रतीक है। हम रूपांतरण यात्रा के माध्यम से एक स्वस्थ और विकसित भारत बनाने और हर घर तक बेहतर स्वास्थ्य, आर्थिक अवसर और जीवनमूल्यों के साथ सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
रूपांतरण यात्रा एक बदलाव के सफर से कहीं अधिक है, यह सशक्तिकरण का एक अभियान है। जब महिलाएँ शक्ति, सोच और देखभाल के साथ नेतृत्व करती हैं, तो वे न केवल अपना भविष्य गढ़ती हैं, बल्कि देश का भविष्य भी बदलती हैं।
सीईओ, मनोज कुमार ने कहा कि एफएमसीजी और स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रॉडक्ट से लेकर फैशन और लाइफस्टाइल तक, आरसीएम के प्रॉडक्ट्स गर्व से ‘मेड इन इंडिया’ है और उच्च मानकों का पालन करते हुए बनाए जाते है। रूपांतरण यात्रा के माध्यम से हम करोड़ों लोगों तक पहुँच कर उन्हें सशक्त बनाना चाहते हैं, व आरसीएम द्वारा पहले से बनाए गए सकारात्मक प्रभाव को और आगे बढ़ाते हुए स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान देना चाहते हैं। अपने अगले गंतव्य की ओर बढ़ते हुए रूपांतरण यात्रा, यहाँ भी ऊर्जा और प्रेरणा देकर जा रही है, जो उदयपुर और राजस्थान में प्रगति के अवसरों और समग्र समाजिक विकास को आगे बढ़ाएगी, और साथ ही यात्रा के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त करेगी।