उदयपुर। खान एवं भूविज्ञान विभाग ने राजस्व वसूली की गति तेज करते हुए ठोस प्रयासों पर जोर दिया है। विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान प्रमुख सचिव श्री टी. रविकान्त ने कहा कि वसूली के प्रयास केवल औपचारिक न होकर परिणाम स्वरूप दिखाई देने चाहिए। साथ ही बकाया राशि की समयबद्ध वसूली सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने बताया कि पुरानी बकाया राशि के लिए राज्य सरकार ने एमनेस्टी योजना लागू कर आकर्षक रियायतें दी हैं। ऐसे में अधिकारियों को बकायादारों से समन्वय स्थापित कर वसूली के ठोस प्रयास करने होंगे और एमनेस्टी योजना का लाभ उठाने के लिए उन्हें प्रेरित करना होगा।
बैठक में आरसीसी-ईआरसीसी ठेकों की मासिक किश्तें माह के प्रथम सप्ताह में ही वसूलने के निर्देश दिए गए। प्रमुख सचिव ने चालू व पुरानी बकाया राशि, अवैध खनन पर लगाए गए जुर्माने की सौ प्रतिशत वसूली पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में राजस्व लक्ष्यों में वृद्धि की गई है, जिन्हें शत-प्रतिशत हासिल करना विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए।
श्री रविकान्त ने मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी में देश में प्रथम स्थान हासिल करने पर विभागीय अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि इसी गति को माइनर मिनरल प्लॉटों की नीलामी में भी बनाए रखना होगा। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा का स्पष्ट संदेश है कि खनिज सेक्टर में राजस्थान को देश का अग्रणी प्रदेश बनाना है।
अतिरिक्त निदेशक श्री महेश माथुर ने आश्वासन दिया कि विभाग मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के मार्गदर्शन में नए आयाम स्थापित करेगा। वित्तीय सलाहकार श्री गिरिश कछारा ने बताया कि विभागीय राजस्व संग्रहण की दैनिक मोनिटरिंग शुरू कर दी गई है और प्रगति रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जा रही है।
बैठक में अधीक्षण खनि अभियंता डॉ. धर्मेन्द्र लोहार, श्री भीम सिंह, श्री कमलेश्वर बारेगामा, श्री सतीश आर्य, अधीक्षण भूवैज्ञानिक श्री गोपाला राम, श्री नितिन चौधरी, एसीपी श्री जयेश नीनामा सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।