उदयपुर: गायत्री सेवा संस्थान ने 12 अक्टूबर 1986 को अपने संस्थापक लक्ष्मी नारायण पंड्या द्वारा शिक्षा और समग्र विकास के उद्देश्य से किए गए संस्थान की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ 39वीं साधारण सभा के साथ मनाई। संस्थान की स्थापना विशेष रूप से उदयपुर जिले के जनजाति और बहुल्य वर्ग के समन्वित विकास के लक्ष्य के साथ की गई थी, और समय के साथ इसकी कार्यक्षेत्र भी व्यापक हुई है।
साधारण सभा की अध्यक्षता करते हुए संस्थान अध्यक्ष डॉ. एन. के. पंड्या ने संस्थान की स्थापना से लेकर आज तक की यात्रा का वर्णन किया और सभी सदस्यों एवं कार्यकर्ताओं को निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी चेतन पांडे ने संस्थान द्वारा किए जा रहे विभिन्न सामाजिक, शैक्षिक और विकासात्मक कार्यों की जानकारी दी और आगामी वर्ष की कार्य योजनाओं पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
साधारण सभा में सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. टी.सी. डामोर, डॉ. शरद चन्द्र पुरोहित, बी.एम. दीक्षित, शिवजी गौड़, डॉ. राजकुमारी भार्गव, डॉ. महेश भटनागर और पर्यावरणविद सुनील दुबे ने विभिन्न विषयों पर अपने सुझाव और विचार साझा किए।
इस अवसर पर राजसमंद जिला समन्वयक योगेश सुखवाल को “गायत्री रत्न” पुरस्कार और स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया, उनके समाज सेवा में योगदान के लिए।
साथ ही बैठक में रेणु भटनागर, रामेश्वर पानेरी, विवोद पांडे, श्रीमन तेमनी, कल्पना पंड्या, डॉ. रोहन भट्ट, सुनील सालवी, विनोद प्रजापत, अदिति उपाध्याय सहित संस्थान के सभी सक्रिय सदस्य और कार्यकर्ता उपस्थित रहे और अपने विचार साझा किए।
बैठक का समापन संस्थान के सचिव शुभाष जोशी द्वारा सभी उपस्थित सदस्यों और अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए किया गया।