धन्वन्तरी, लक्ष्मी जी व ग्रंथों की विधि विधान से की पूजा अर्चना

( 2377 बार पढ़ी गयी)
Published on : 19 Oct, 25 06:10

धन्वन्तरी, लक्ष्मी जी व ग्रंथों की विधि विधान से की पूजा अर्चना

सुख, समृद्धि, स्वास्थ धन की रक्षार्थ भगवान धन्वंतरि की करंे आराधना - प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत

उदयपुर /
जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय में पांच दिवसीय  दीपोत्सव के पहले दिन शनिवार को धनतेरस पर पंडित परमेश्वर चैबीसा के साधिध्य में कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, कुलाधिपति , कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर द्वारा  धन्वन्तरी,  लक्ष्मी जी की विधि विधान से पूजा अर्चना कर देश में अमन चेन, सुख शांति की कामना की।
प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि धन्वंतरी की पूजन के साथ ही पांच दीपावली का त्यौहार शुरू हो गया है। हमारे प्राचीन पौराणिक साहित्य में वर्णित है कि देवासुर संग्राम की पृष्ठभूमि में अमृत के लिए हुए समुद्र मंथन में चैदह रत्न निकले थे, उनमें एक रत्न भगवान धन्वंतरि थे। जिनके हाथों में अमृत कलश था। इस कारण मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के आदि प्रवर्तक है। इसलिए धन्वंतरि को आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। धन्वन्तरी के  ग्रंथों की पूजा एवं उनका स्मरण मात्र से ही समस्त रोगों का नाश हो जाता है।
इस अवसर पर रजिस्ट्रार डाॅ. तरूण श्रीमाली , परीक्षा नियंत्रक डाॅ. पारस जैन, डाॅ. कला मुणेत, डाॅ. चन्द्रेश छतलानी, निजी सचिव कृष्णकांत कुमावत,  प्रवीण गुर्जर, भगवती लाल श्रीमाली, रजनी पी., डाॅ. यज्ञ आमेटा, मुर्तजा अली, प्रताप सिंह सिसोदिया, उदयभा सिंह, डाॅ. सपना श्रीमाली, डाॅ. जयसिंह जोधा, कालु सिंह, विकास डांगी, सिद्वार्थ सहित अनेक कार्यकर्ता ने धन की देवी लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना की।  


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.