प्रमोद जैन भाया का नामांकन सही पाए जाने पर अंता विधानसभा उप चुनाव का सस्पेंस हुआ खत्म

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Published on : 26 Oct, 25 06:10

त्वरित टिप्पणी- नीति गोपेन्द्र भट्ट -

प्रमोद जैन भाया का नामांकन सही पाए जाने पर अंता विधानसभा उप चुनाव का सस्पेंस हुआ खत्म

राजस्थान के अंता विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार प्रमोद जैन भाया का नामांकन रद्द होने की आशंका दूर होने और उनका नामांकन पत्र जांच में सही पाए जाने के बाद अंता में उपजा राजनीतिक सस्पेंस अब समाप्त हो गया है। निर्वाचन अधिकारी ने प्रमोद जैन भाया के सभी दस्तावेजों को विधि सम्मत बताया है । इससे उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है।

राजस्थान विधानसभा उपचुनाव के नामांकन दौर में जिस मुद्दे ने सबसे अधिक राजनीतिक सरगर्मी पैदा की, वह था प्रमोद जैन भाया का नामांकन पत्र। विरोधियों द्वारा उठाई गई आपत्तियों के बाद यह आशंका जताई जा रही थी कि उनका नामांकन रद्द हो सकता है लेकिन शुक्रवार को हुई विस्तृत जांच के बाद निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट किया कि भाया का नामांकन पूर्ण रूप से वैध और सही पाया गया है। नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कुछ विपक्षी उम्मीदवारों ने प्रमोद जैन भाया के शपथ पत्र और संपत्ति विवरण से जुड़ी तकनीकी आपत्तियाँ दर्ज कराई थीं। कहा गया कि उनके कुछ दस्तावेजों में विसंगतियाँ हैं। इसी के चलते राजनीतिक हलकों में यह चर्चा फैल गई कि उनका नामांकन निरस्त हो सकता है। इन अटकलों ने क्षेत्रीय राजनीति में हलचल मचा दी थी, क्योंकि भाया अपने क्षेत्र के सबसे प्रभावशाली उम्मीदवारों में गिने जाते हैं।
निर्वाचन अधिकारी ने शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सभी दस्तावेजों की बारीकी से जांच की।रिपोर्ट में पाया गया कि प्रमोद जैन भाया द्वारा प्रस्तुत किए गए हलफनामे, बैंक विवरण, कर संबंधी प्रमाणपत्र और नामांकन पत्र पूर्णतः नियमों के अनुरूप और प्रमाणिक हैं।
इस घोषणा के साथ ही भाया समर्थकों ने राहत की साँस ली और निर्वाचन कार्यालय के बाहर जश्न का माहौल बन गया।

प्रमोद जैन भाया न केवल एक अनुभवी राजनेता हैं, बल्कि वे अपने क्षेत्र में विकास कार्यों, सड़क, शिक्षा और खनिज उद्योग में पारदर्शिता के लिए जाने जाते हैं।राज्य के पूर्व खनिज मंत्री के रूप में उनकी छवि एक सशक्त प्रशासक की रही है।
उनकी उम्मीदवारी अब पुनः मजबूत हो जाने से विधानसभा क्षेत्र में चुनावी समीकरण नए सिरे से बनते दिख रहे हैं।नामांकन रद्द होने की आशंका के बाद आई यह राहत प्रमोद जैन भाया के लिए न केवल कानूनी बल्कि चुनाव से पहले की राजनीतिक विजय भी मानी जा रही है।

बिहार चुनाव के साथ-साथ राजस्थान के हाड़ौती अंचल में अंता विधानसभा उप चुनाव की सियासत गर्म हो गई है। बिहार में महागबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर मचा बवाल राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव ,राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के साथ हुई वार्ता और गुरुवार को पटना में हुईं महागबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अशोक गहलोत द्वारा तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने के बाद शान्त हुआ है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने लालू प्रसाद के दवाब में आकर यह फैसला किया है। बजाओ का मानना है कि इससे भाजपा और नीतीश कुमार को ही फायदा होने वाला है।

अंता में कांग्रेस के बागी  टोंक जिले के देवली उनियारा उप चुनाव से चर्चित हुए नरेश मीणा के बाद अब भाजपा के भी बागी पूर्व विधायक रामपाल मेघवाल के नामांकन भरने से अंता विधानसभा उप चुनाव में चौकोणीय संघर्ष के हालात बन गए है।हालांकि भाजपा को लगता है कि रामपाल मेघवाल को मना लिया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने आरोप लगाया कि ये नामांकन कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया ने ही भरवाया है। उन्होंने कहा कि अगर हमारा कोई कार्यकर्ता अनुशासनहीनता करता है तो हम उसे पार्टी से निष्कासित करेंगे।
अंता विधानसभा सीट पर अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है। भाजपा से पूर्व विधायक रामपाल मेघवाल ने नामांकन भर कर चौंकाने का काम किया है। इस घटनाक्रम से भाजपा चिंतित हुई है। साथ ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने अनुशासनहीनता को लेकर बागी प्रत्याशी को चेतावनी भी दी है। मदन राठौड़ ने कहा है कि अनुशासन पार्टी में सबसे ऊपर है। भाजपा के रामपाल मेघवाल के मैदान में आने से चौकोणीय संघर्ष के हालात पैदा हो गए है। कांग्रेस से पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया, भाजपा के नए उम्मीदवार मोरपाल सुमन, कांग्रेस के बागी निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा पहले से ही चुनावी समर में कूद चुके है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने आरोप लगाया कि ये खेल कांग्रेस प्रत्याशी का है । उन्होंने अपनी पत्नी उर्मिला जैन से भी नामांकन दाखिल करा दिया था। हालांकि अंता उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी उर्मिला जैन भाया का नामांकन रद्द हो गया है। उर्मिला ने कांग्रेस पार्टी से वैकल्पिक उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था। कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया के घोषित होने के बाद उर्मिला जैन का नामांकन गुरुवार को रद्द कर दिया गया। अंता के रिटर्निंग अधिकारी हवाई सिंह यादव ने बताया कि उर्मिला जैन भाया ने कांग्रेस से वैकल्पिक उम्मीदवार के तौर पर ही नामांकन दाखिल किया था।चूंकि कांग्रेस ने अपना अधिकृत प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया को बनाया है, इसलिए एक ही पार्टी से दो नामांकन स्वीकार्य नहीं हैं। इस आधार पर उनका नामांकन रद्द किया गया। यादव ने बताया कि उर्मिला जैन ने केवल एक ही प्रस्तावक के साथ नामांकन भरा था। यदि उनके पास 10 प्रस्तावक होते, तो उनका नामांकन निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में स्वीकार कर लिया जाता, क्योंकि निर्दलीय प्रत्याशी के लिए 10 प्रस्तावकों की आवश्यकता होती है।

नामांकन की अंतिम तिथि निकलने के बाद  गुरुवार को नामांकन पत्रों की जांच हुई थी। अब 27 अक्टूबर तक नाम वापसी हो सकती है। नामांकन पत्रों की संवीक्षा के बाद अंता उपचुनाव में कुल 20 प्रत्याशी मैदान में रह गए हैं। चुनावी मैदान में अन्तिम रूप से शेष रहने वाले उम्मीदवारों की तस्वीर 27 अक्टूबर सोमवार को स्पष्ट हो जायेगी। दोनों प्रमुख दल अपने बागी उम्मीदवारों से अपने नामांकन पर्चे वापस लेने के लिए दवाब बना रहे है।

भाजपा और कांग्रेस के बागी उम्मीदवारों के चुनाव मैदान में उतरने के चलते बारां जिले के राजनीतिक हलकों में एक नई हलचल देखने को मिल रही है। बागी उम्मीदवारों से भाजपा और कांग्रेस खेमें में मचा हड़कंप हुआ है हालांकि रामपाल मेघवाल भाजपा के बागी है, लेकिन राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार जमीनी हकीकत कहती है कि मेघवाल की बगावत से भाजपा को उतना नुकसान नहीं होगा  जितना नरेश मीणा के चुनाव मैदान में आने से कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद जैन भाया को हो सकता है। वैसे प्रायः दलित मतदाताओं का झुकाव कांग्रेस की ओर रहता है।  मेघवाल के चुनाव मैदान में डटे रहने पर प्रमोद जैन भाया,भाजपा के मोरपाल सुमन और कांग्रेस बागी नरेश मीणा को भी नुकसान हो सकता है। अलबत्ता नफा नुकसान का यह गणित किसके पक्ष और विरोध में होगा यह चुनाव परिणाम के बाद ही सामने आएगा।

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