 
                            जैसलमेर। कृषि विभाग जैसलमेर के तत्वावधान में आज आत्मा सभागार भवन में पंचायत समिति सम की ब्लॉक स्तरीय एक दिवसीय तिलहन कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया कार्यशाला के दौरान संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार डॉ. जे. आर. भाखर ने बताया कि तिलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए संतुलित उर्वरक उपयोग, समय पर बुवाई, जैविक तरीकों को अपनाना एवं समुचित सिंचाई प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि तिलहनी फसलों में डीएपी कि जगह सिंगल सुपर फॉस्फेट एंव एनपीके उर्वरक उपयोग करने कि सलाह दी। इसके अलावा उन्होंने बताया कि तिलहनी व दलहनी फसलों के लिए डीएपी में उपलब्ध नत्रजन व फास्फोरस के वैकल्पिक उर्वरक एसएसपी (सिंगल सुपर फास्फेट 16 प्रतिशत फास्फोरस) का यूरिया के साथ संयोजन किए जाने से फसलों को आवश्यक तत्व सुगमता से उपलब्ध होने के साथ आवश्यक अन्य तत्वों सल्फर व कैल्सियम की पूर्ति भी हो सकेगी।
इस अवसर पर सहायक निदेशक कृषि महावीर छींपा ने किसानों को तिलहन फसलों सरसों, मूंगफली, तिल, आदि की उन्नत किस्मों, उत्पादन तकनीकों, कीट एवं रोग प्रबंधन, तथा जलवायु अनुकूल खेती की जानकारी दी इसके साथ ही सहायक निदेशक कृषि प्रदीप चौधरी ने बताया कि त लहन उत्पादन बढ़ाने के लिए संतुलित उर्वरक उपयोग, समय पर बुवाई, जैविक तरीकों को अपनाना और समुचित सिंचाई प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है।
कार्यक्रम के दौरान किसानों को विभिन्न विभागीय योजनाओं, अनुदान एवं तकनीकी सहायता की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। उपस्थित किसानों ने कृषि विशेषज्ञों से अपने खेतों से संबंधित समस्याओं पर चर्चा की एवं समाधान प्राप्त किए। इसके अलावा कार्यक्रम में कृषि अधिकारी संजय बिश्नोई, सहायक कृषि अधिकारी सम सीताराम एंव अन्य विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यशाला में पंचायत समिति सम क्षेत्र के किसानों ने बढचढ कर भाग लिया।