उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल (पिम्स), उमरड़ा में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में नवजात की जटिल सफल सर्जरी हुई। पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. अतुल मिश्रा ने बताया कि यह शिशु जगत (उदयपुर) चिकित्सा केंद्र से रेफर होकर पिम्स हॉस्पिटल में आया। बच्चा सांस लेने में दिक्कत के साथ दूध और थूक निगल नहीं पा रहा था। जांच में पता चला कि बच्चे की खाने की नली विकसित नहीं हुई है और बच्चे को ट्रेकियो-इसोफेजियल फिस्टूला नामक बड़ी सर्जिकल बीमारी है। इसके साथ ही निमोनिया व संक्रमण के कारण बच्चे की स्थिति बहुत नाजुक थी। गहन चिकित्सा इकाई में बच्चे को वेंटीलेटर पर रखा गया और स्थिति संभलने के तुरंत बाद ऑपरेशन किया गया।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि लगभग 3-4 हजार नवजात में से किसी एक को यह बीमारी हो सकती है। इस बच्चे में भोजन नली (इसोफेगस) के दोनों हिस्से बहुत दूर होने के कारण सर्जरी के दौरान जोड़ में काफी दिक्कत आई। लगभग साढ़े तीन घंटे चले ऑपरेशन में इसे सही किया गया। डॉ. मिश्रा ने बताया कि इन नवजात शिशुओं में ऑपरेशन के बाद अनेक जटिलताओं की संभावना रहती है। पहले से मौजूद निमोनिया, संक्रमण व ऑपरेटिव मुश्किलों के चलते बच्चे को ठीक करने में चिकित्सक टीम व नर्सिंग स्टाफ को ऐडी चोटी का जोर लगाना पड़ा। दूध पीना सीखने में भी बच्चे को काफी समय लगा। तमाम बाधाओं को पार कर लगभग एक महीने की मेहनत के पश्चात बच्चा पूरा ठीक हुआ। ठीक होने के बाद बच्चे को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया। इस कार्य में डॉ. मिश्रा के अलावा निश्चेतन विभाग की डॉ. कमलेश, डॉ. पीनू, डॉ. त्यागी, डॉ. साक्षी, डॉ. प्रिया, डॉ. सुमित, डॉ. अथर्व, डॉ. मुस्कान व पीडियाट्रिक विभाग के डॉ. अंकित, डॉ. विवेक पाराशर, डॉ. राहुल खत्री, व स्टाफ अरूण, रेशमा, अशोक, शिव, दीपक, राहुल, छगन आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
 पिम्स के चैयरमेन आशीष अग्रवाल ने बताया कि पिम्स हॉस्पिटल सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। बच्चे का इलाज जननी सुरक्षा योजना के तहत निशुल्क किया गया।