उदयपुर, स्ट्रोक की पहचान और समय पर प्रतिक्रिया के महत्व को समझाने के उद्देश्य से पारस हेल्थ उदयपुर ने न्यूरोसाइंसेस विभाग के तहत एक विशेष स्ट्रोक अवेयरनेस हेल्थ टॉक का आयोजन किया। इस सत्र का उद्देश्य प्रतिभागियों को स्ट्रोक के शुरुआती चेतावनी संकेतों की पहचान करना और “गोल्डन ऑवर” के भीतर कार्रवाई के महत्व को समझाना था।
इस कार्यक्रम का संचालन पारस हेल्थ उदयपुर के वरिष्ठ न्यूरोलॉजी कंसल्टेंट्स डॉ. तरुण माथुर और डॉ. मनीष कुलश्रेष्ठ के नेतृत्व में किया गया। विशेषज्ञों ने विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त F.A.S.T. मेथड पर विशेष जोर दिया —
F (Face Drooping) यानी चेहरा लटकना,
A (Arm Weakness) यानी हाथ की कमजोरी,
S (Speech Difficulty) यानी बोलने में कठिनाई, और
T (Time to Call Emergency) यानी तुरंत चिकित्सा सहायता के लिए कॉल करना।
डॉ. तरुण माथुर ने बताया, “स्ट्रोक समय के खिलाफ एक दौड़ की तरह होता है। हर बीतते मिनट के साथ मस्तिष्क की कोशिकाएं नष्ट होती जाती हैं। यदि मरीज स्ट्रोक के पहले घंटे के भीतर अस्पताल पहुंच जाए, तो उसकी सामान्य कार्यक्षमता बहाल करने और दीर्घकालिक जटिलताओं से बचाने की संभावना सबसे अधिक होती है।”
डॉ. मनीष कुलश्रेष्ठ ने कहा, “भारत में हर साल लगभग 1.5 मिलियन नए स्ट्रोक के मामले दर्ज होते हैं, लेकिन केवल चार में से एक व्यक्ति ही समय पर स्ट्रोक-रेडी अस्पताल तक पहुंच पाता है। लक्षणों की पहचान में देरी या उपचार में देर कई जानें ले लेती है। जागरूकता ही इस कमी को दूर करने का सबसे प्रभावी तरीका है।”
इस हेल्थ टॉक में लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और स्ट्रोक से बचाव, जोखिम कम करने के उपाय, तथा स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के महत्व पर उपयोगी जानकारी प्राप्त की।
यह पहल पारस हेल्थ उदयपुर की रोकथाम-आधारित स्वास्थ्य सेवाओं और न्यूरोलॉजिकल जागरूकता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। अस्पताल का उद्देश्य समुदाय को समय पर सही निर्णय लेने और आपात स्थिति में तत्परता से कार्य करने के लिए सशक्त बनाना है।