भगवान बिरसा मुण्डा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल पर मनाए जा रहे जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़े के सातवें दिन शुक्रवार को प्रदेश भर में कृषि विभाग के तत्वावधान में कृषक संगोष्ठियों का आयोजन हुआ।
राज्य के सभी जिलों में आयोजित इन कार्यक्रमों में किसानों को भगवान बिरसा मुंडा के जीवन संघर्ष, उनके जनजातीय समाज के उत्थान हेतु किए गए योगदान तथा उनके बलिदान की प्रेरणादायक गाथाओं से अवगत कराया गया। संगोष्ठियों में वक्ताओं ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा ने स्वाधीनता संग्राम में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए जनजातीय समाज को एकजुट कर ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध आंदोलन चलाया। उनके विचार आज भी समाज को आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान की राह दिखाते हैं।
कार्यक्रम में वंदे मातरम् गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर राष्ट्रगीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और इसके जन जागरण में योगदान पर भी चर्चा की गई। अधिकारियों ने बताया कि वंदे मातरम् गीत ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान देश में राष्ट्रभक्ति की भावना को प्रबल किया, और आज भी यह गीत भारतीय संस्कृति की आत्मा के रूप में प्रेरणा देता है।
विभागीय योजनाओं की भी दी जानकारी
कृषक संगोष्ठियों में कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने किसानों को नवीन कृषि तकनीकों, प्राकृतिक खेती, जैविक उत्पादन, जल संरक्षण, फसल विविधिकरण और विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषि बीमा योजना, मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड, ड्रिप सिंचाई जैसी योजनाओं के लाभों की जानकारी देकर किसानों को इनसे अधिकाधिक लाभ लेने के लिए प्रेरित किया गया। राज्य के विभिन्न जिलों में बड़ी संख्या में किसान संगोष्ठियों में शामिल हुए और अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रमों में जनजातीय गौरव वर्ष के अंतर्गत ग्रामीण विकास, स्वावलंबन और राष्ट्रभक्ति का संदेश दिया गया।
उदयपुर में 70 स्थानों पर हुई गोष्ठियां
उदयपुर। उदयपुर जिले में जनजाति गौरव वर्ष कार्यक्रम अंर्तगत जिले की विभिन्न 72 ग्राम पंचायतों में 72 वृहत स्तर पर किसान गोष्ठियां का आयोजन किया गया इसमें 7530 किसानों ने भाग लिया। कृषि विभाग के खण्ड उदयपुर के अतिरिक्त निदेशक निरंजनसिंह राठौड़ ने भगवान बिरसा मुण्डा के व्यक्तित्व के संबंध में जानकारी दी। संयुक्त निदेशक सुधीर वर्मा द्वारा वन्दे मातरम् राष्ट्रीय गीत की व्याख्या करते हुए भगवान बिरसा मुण्डा के जीवन संघर्ष पर प्रकाश डाला। उन्होंने सरकार द्वारा संचालित प्राकृतिक खेती मिशन अन्तर्गत संचालित योजनाओं का लाभ लेकर प्राकृतिक एवं जैविक खेती अपनाने हेतु प्रेरित किया। उन्होने इस अवसर पर उपस्थित किसानों को कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाए यथा फार्मपोण्ड, सिंचाई पाइप लाइन, बूंद-बूंद सिंचाई, फव्वारा सिंचाई, उन्नत कृषि यंत्र, तारबंदी, आदि योजनाओं में अनुदान के प्रावधानो एवं पात्रताओ की चर्चा करते हुए किसानो को इन योजनाओ का लाभ उठाने हेतु प्रेरित किया।इस अवसर पर श्यामलाल सालवी सहायक निदेशक कृषि विस्तार ने किसानों को प्राकृतिक खेती के विभिन्न घटको यथा जीवामृत, पंचामृत, बीजामृत, दसपरणीअर्क, आदि को स्वयं के स्तर पर तैयार कर गौ आधारित खेती अपनाने हेतु जोर दिया।प्राकृतिक खेती मिशन के प्रभारी कृषि अधिकारी शिवदयाल मीणा द्वारा अवगत कराया गया कि आज सम्पूर्ण जिले कि विभिन्न ग्राम पंचायतों में आयोजित हो रहे किसान गोष्ठि कार्यक्रमों मे प्रतिभागी किसानो को भगवान बिरसा मुण्डा की जीवनी से प्रेरित हो कर जल, जमीन और जंगल की सुरक्षा हेतु प्राकृतिक खेती अपनाए जाने के साथ-साथ धरती माता बचाव अभियान के तहत कृषको को जैविक खेती अपनाने तथा संतुलित उर्वरक कम रासयनिक उर्वरक उपयोग तथा मृदा स्वास्थ कार्ड की सिफारिश अनुसार जैव/रासायनिक उर्वरक उपयोग हेतु प्रेरित करने के लिए शपथ भी दिलाई जा रही है।