वन्देमातरम् की 150  वीं वर्षगांठ पर विद्यालय में हुआ कार्यक्रम

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Published on : 09 Nov, 25 06:11

वन्देमातरम् की 150  वीं वर्षगांठ पर विद्यालय में हुआ कार्यक्रम

कोटा / रंगीतिका संस्था और  संस्कृति, साहित्य,  मीड़िया फोरम के तत्वाधान में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नवीन गुमानपुरा में वन्देमातरम् की 150  वीं वर्षगांठ पर बाल साहित्य मेले में प्रश्नोत्तरी , कविता और चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई।

प्रथम द्वितीय,तृतीय स्थान पर पर रहने वाले बालक - बालिकाओं को पुरस्कृत किया गया। कवि महेश पंचोली, डॉ. सुशीला जोशी, साधना शर्मा, वंदना शर्मा ने बच्चों को देशभक्ति की कविताएं सुनाई। विद्यालय के सीमा मीणा, प्रीति जैन, अबरार पठान और भूपेंद्र सिंह नरूका ने कार्यक्रम में पूर्ण रुचि से सहयोग किया।

    मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कोटा शहर स्नेहलता शर्मा ने बताया क कि वन्देमातरम् के 150 पूर्ण होने पर हर बच्चे में तथा जन-जन में अलख जगाने के लिए हमने यह कार्यक्रम कोटा के हर स्कूल में आयोजित करने का निर्णय लिया है । इसके तहत कविता, पोस्टर, नारे , निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। 

 सूचना एवं जनसंपर्क विभाग राजस्थान के पूर्व संयुक्त निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंघल ने राष्ट्रीय गीत वन्देमातरम् के विभिन्न पहलुओं की जानकारी देते हुए स्वतंत्रता संग्राम और वर्तमान संदर्भ में महत्व के बारे में बच्चों को जानकारी दी।

      कवि महेश पंचोली ने" मैं सैनिक बन जाऊंगा" कविता सुना कर बच्चों को उत्साहित किया तो साधना जी ने "वीर सपूतों जाग उठो, अब देश का मान बढ़ाना है" और वंदना जी ने"आने वाले कल की तुम तस्वीर हो ,नाज करेगी दुनिया तुम पर ,तुम दुनिया की तकदीर हो "गाना गा कर बच्चों को उत्साहित कर मनोरंजन किया। 

   प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में रौनक यादव कक्षा 5 प्रथम ,परिधि कक्षा 6 द्वितीय, खुशी कक्षा 8 सुमन तृतीय  रहे तो कविता प्रतियोगिता में दीपिका कक्षा 7 प्रथम  , मोनिका कक्षा 7 द्वितीय और  लव कुमार कक्षा 3 तृतीय रहे । संस्था की ओर से जीतने वालों को पुरस्कार प्रदान किए गए। सभी बच्चों को पैन और टाफियां वितरित की गई । 

    कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुशीला जोशी के द्वारा किया गया, उन्होंने बच्चों को शपथ दिलाई की, "तिरंगे इत्र से दुनिया को महकाते रहेंगे, बुझेगी यह आग, तो आग भड़काते रहेंगे, पर हम तो हमेशा "वंदे मातरम" गाते रहेंगे "। कवि महेश पंचोली ने अपनी दो 'बाल संग्रह' स्कूल को भेंट किये ।


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