गोपेन्द्र नाथ भट्ट
राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी वी. श्रीनिवास को राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। राजस्थान की भजन लाल सरकार के इसके आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिए है। वी. श्रीनिवास सोमवार 17 नवम्बर को अपने नए पद का कार्य भार संभालेंगे। वी. श्रीनिवास की गहन प्रशासनिक विशेषज्ञता और अनुभव को देखते हुए उनका यह कार्यकाल बेहतर रहने की उम्मीद है।
श्रीनिवास 1989 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी हैं ।वी. श्रीनिवास की नियुक्ति राजस्थान के लिए इसलिए खास है क्योंकि वे एक ऐसा प्रशासक हैं जो सिर्फ प्रशासनिक अनुभव में माहिर नहीं, बल्कि नीति-निर्माण, अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण और डिजिटल बदलाव में भी प्रवीण हैं। उनकी गहन सेवा पृष्ठभूमि और सम्मानित उपलब्धियाँ यह संकेत देती हैं कि राज्य को उनके नेतृत्व में सुशासन, जवाबदेही और नवाचार की दिशा में आगे बढ़ने की पूरी संभावना है।
वी. श्रीनिवास का जन्म 1 सितंबर 1966 को आंध्र प्रदेश (वर्तमान में तेलंगाना) में हुआ । उनके पिता की पृष्ठभूमि मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम से जुड़ी थी, जिससे श्रीनिवास का पारिवारिक जीवन समाज-सेवा की भावना से प्रभावित रहा। उन्होंने हैदराबाद की ओस्मानिया विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में बी टेक और एम टेक की पढ़ाई पूरी की। मात्र 22 वर्ष की उम्र में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की और आई ए एस अधिकारी बने। सरकारी सेवा के शुरुआती वर्षों में उन्होंने स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक ज़िम्मेदारियाँ निभाईं जैसे भीलवाड़ा में उप-प्रभागीय अधिकारी (एस डी ओ) और निम्बाहेड़ा में एसडीओ तथा पाली और जोधपुर के जिला कलक्टर आदि पदों का सफलता पूर्वक दायित्व का निर्वहन किया। आरम्भ में उन्होंने जलग्रहण और मिट्टी संरक्षण विभाग में निदेशक के रूप में भी काम किया और ग्रामीण विकास की चुनौतियों के साथ जुड़ी ज़मीन-स्तर की समस्याओं को समझा। इसके बाद वे जिला कलक्टर के पद पर आये । उन्होंने पाली और जोधपुर जिलों के जिला कलक्टर के रूप में सेवा दी, जिसे गहन जिला प्रशासन का अनुभव माना जाता है।
वी. श्रीनिवास का अधिकांश करियर केंद्र सरकार में रहा है, जहाँ उन्होंने कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों में कार्य किया है। उन्होंने पेट्रोलियम मंत्रालय में उप-सचिव के रूप में काम किया, इसके बाद उन्होंने विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय में निजी सचिव के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं।
सबसे उल्लेखनीय उनकी अंतरराष्ट्रीय भूमिका है श्रीनिवास ने वॉशिंगटन, डी.सी. में आई एम एफ (इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड) में भारत के कार्यकारी निदेशक के तकनीकी सलाहकार के रूप में काम किया। यह अनुभव उन्हें वैश्विक वित्तीय नीतियों और बहुपक्षीय संस्थानों को समझने में सक्षम बनाता है। राजस्थान लौटने पर, उन्होंने राज्य सरकार में विभिन्न विभागों में उच्च पदों पर कार्य किया। योजना, स्वास्थ्य-परिवार कल्याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सचिव पदों पर उन्होंने प्रशासन और नीति निर्माण में योगदान दिया। केंद्रीय स्तर पर उनकी भूमिकाएँ भी बहुत व्यापक रहीं। वे प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग, और पेंशन एवं पेंशनर्स वेलफेयर विभाग में सचिव रह चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने वस्त्र मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में काम किया।
वे नई दिल्ली के एम्स में उप-निर्देशक (प्रशासन) रहे, जहाँ उन्होंने ई-हॉस्पिटल सिस्टम की शुरुआत की, जिससे मरीजों को लंबे इंतज़ार से राहत मिली और डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ। श्रीनिवास केवल एक प्रशासक ही नहीं, बल्कि एक विद्वान भी हैं। उन्होंने भारत-अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष सम्बन्धों पर एक पुस्तक लिखी है और शासन, सार्वजनिक वित्त, प्रशासन पर अनेक लेख प्रकाशित किए हैं। उनकी अन्य उपलब्धियों में डिजिटल इंडिया अवार्ड (2020), एम्स लीडरशिप एक्सीलेंस अवार्ड (2017) और कैया कल्प (स्वच्छ अस्पताल) पुरस्कार शामिल हैं। वे अंतरराष्ट्रीय प्रशासनिक विज्ञान संस्थान (आई आई ए एस, ब्रुसेल्स) में सक्रिय हैं और वहां उनकी मान्यता बेहद मजबूत है।
वी. श्रीनिवास की नई नियुक्ति मुख्य सचिव, राजस्थान के रूप में राज्य के प्रशासन में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। केंद्र सरकार ने उन्हें राज्य कैडर में वापस भेजा है ताकि वे सचिवालय की उच्चतम बायोरॉक्रेटिक भूमिका संभाल सकें। हालांकि उनके कार्यकाल की अवधि काफी कम है। वे सितंबर 2026 में रिटायर होने वाले है। हालांकि, राज्य सरकार और केंद्र के बीच दिशा-निर्देशों के अनुसार इस अवधि को छह-छह महीने की दो अतिरिक्त अवधि तक बढ़ाई जा सकती है। राजस्थान सरकार उनकी नियुक्ति को शासन में तकनीकी दक्षता, डिजिटल सुधार और सशक्त प्रशासनिक नेतृत्व लाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम मान रही है।
वी. श्रीनिवासन अगले वर्ष सितम्बर में सेवा निवृत होने वाले है। उनकी 11 महीने की कम समय वाली सेवाएं आने वाले समय में राजस्थान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका साबित होने वाली है।इसी कारण राजस्थान सरकार उन्हें शासन सुधारों और प्रशासनिक स्थिरता लाने के लिए महत्व दे रही है। समय बताएगा कि उनके नेतृत्व में राज्य प्रशासन किन नई ऊँचाइयों तक पहुँचेगा।