फोटो जर्नलिज्म के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले को मिलेगा एक लाख रु का पद्मश कुलेरिया फोटो जर्नलिज्म एक्सीलेंसी राष्ट्रीय पुरस्कार

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Published on : 18 Nov, 25 05:11

फोटो जर्नलिज्म के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले को मिलेगा एक लाख रु का पद्मश कुलेरिया फोटो जर्नलिज्म एक्सीलेंसी राष्ट्रीय पुरस्कार

*इमेजिन फोटोजर्नलिस्ट सोसाइटी ने राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर,जयपुर में 11वीं जयपुर फोटोजर्नलिज्म सेमिनार का आयोजन किया*

नीति गोपेन्द्र भट्ट

जयपुर। फोटो जर्नलिज्म के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पत्रकार को अगले वर्ष से एक लाख रु का पद्मश कुलेरिया फोटो जर्नलिज्म एक्सीलेंसी राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया जायेगा।

यह घोषणा दृश्य कथाकारों की अगली पीढ़ी को प्रेरित और पोषित करने के अपने मिशन को जारी रखते हुए, इमेजिन फोटोजर्नलिस्ट सोसाइटी द्वारा राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित जयपुर फोटोजर्नलिज्म सेमिनार के 11वें संस्करण के दौरान की गई।

इस एक दिवसीय कार्यक्रम में फोटोजर्नलिज्म, मीडिया, सरकार, सिनेमा और सामुदायिक नेतृत्व के क्षेत्रों के विशेषज्ञों का एक प्रतिष्ठित पैनल एकत्रित हुआ, जिन्होंने जयपुर भर से आए मीडिया छात्रों और फोटोग्राफी के शौकीनों के साथ अपने ज्ञान और दृष्टिकोण साझा किए।

सेमिनार में पीटीआई की फोटो एडिटर गुरिंदर ओसान, अंतर्राष्ट्रीय फोटोजर्नलिस्ट और डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफर पुरुषोत्तम दिवाकर, पीआईबी और सीबीसी, जयपुर की अतिरिक्त महानिदेशक रितु शुक्ला, वनस्थली विद्यापीठ के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर के निदेशक अंशुमान शास्त्री, फिल्म निर्माता, फोटो एडिटर और विजुअल स्टोरीटेलिंग कंसल्टेंट शेखर घोष   लांबी अहीर गाँव की सरपंच नीरू यादव, , अभिनेता, लेखक और निर्माता रवि यादव,और वीणा म्यूजिक के निदेशक हेमजीत मालू  सहित कई जाने-माने वक्ता शामिल हुए। इन प्रतिष्ठित हस्तियों ने पत्रकारिता, शासन, प्रौद्योगिकी, फिल्म और सांस्कृतिक संरक्षण में अपने अनूठे अनुभवों से इस कार्यक्रम को समृद्ध बनाया।

 

 

सेमिनार की शुरुआत शेखर घोष के संबोधन से हुई, जिन्होंने तेज़-तर्रार सूचना चक्रों और डिजिटल मीडिया द्वारा आकार दिए गए युग में दृश्य पत्रकारों की उभरती ज़िम्मेदारी पर ज़ोर देते हुए कहा, "पच्चीस वर्षों से अधिक के फोटो पत्रकारिता में, मैंने सीखा है कि हमारा काम केवल क्षणों को कैद करना नहीं है, बल्कि ज़िम्मेदारी निभाना है। चाहे वह युवा कहानीकारों को प्रेरित करना हो, गलत सूचनाओं से लड़ना हो, या कोविड के दौरान सहकर्मियों द्वारा की गई कठोर वास्तविकताओं का दस्तावेजीकरण करना हो, हमारा कर्तव्य एक ही है: साहस और करुणा के साथ सत्य का अनुसरण करना। आपको, अगली पीढ़ी को, इसे आगे बढ़ाना होगा, क्योंकि पत्रकारिता तभी जीवित रहती है जब हर फ्रेम और हर कहानी में ईमानदारी हो।" उनकी अंतर्दृष्टि ने जनता की समझ को आकार देने में सच्ची और सामयिक छवियों की शक्ति पर प्रकाश डाला।

 

इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय फोटो पत्रकार पुरुषोत्तम दिवाकर ने ज़मीनी स्तर पर वास्तविक कहानियों के दस्तावेजीकरण के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। अपने विशाल अनुभव का उपयोग करते हुए, उन्होंने संघर्ष कवरेज, ग्रामीण रिपोर्टिंग और फोटोग्राफी में प्रामाणिकता के अपूरणीय मूल्य के बारे में बात की, जिसका अनुकरण एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) नहीं कर सकती।

"हॉकी वाली सरपंच" के नाम से प्रसिद्ध नीरू यादव ने एक प्रेरक जमीनी स्तर की कहानी प्रस्तुत करते हुए, ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने, लड़कियों के बीच खेलों को बढ़ावा देने और सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए नेतृत्व का उपयोग करने में अपने योगदान के बारे में बताया। उनके सत्र ने छात्रों को सामाजिक रूप से जागरूक कहानी कहने के लिए प्रेरित किया।

 

इस कार्यक्रम में अंशुमान शास्त्री और रवि यादव के आकर्षक सत्र भी हुए, जिन्होंने फिल्म निर्माण, लेखन और मानवीय भावनाओं व संस्कृति को उकेरने में सिनेमा की भूमिका पर रचनात्मक अंतर्दृष्टि साझा की। इसके अलावा, हेमजीत मालू ने कथा-निर्माण, लोक संस्कृति और विरासत के संरक्षण में दृश्य मीडिया के बढ़ते प्रभाव के बारे में बात की।

 

11वां जयपुर फोटो पत्रकारिता संगोष्ठी युवा मीडिया सीखने वालों के लिए एक समृद्ध और प्रेरक मंच साबित हुआ।  विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक साथ लाकर, सेमिनार ने नैतिक कहानी कहने के महत्व को सुदृढ़ किया और सार्वजनिक संवाद को प्रभावित करने, संस्कृति को संरक्षित करने और स्थायी सामाजिक प्रभाव पैदा करने में फोटो पत्रकारों की निरंतर भूमिका पर प्रकाश डाला।

राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के मीडिया सलाहकार गोपेन्द्र नाथ भट्ट भी इस अवसर पर बतौर अतिथि उपस्थित रहें।


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