गति शक्ति विश्वविद्यालय और डीआरडीओ ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए स्मार्ट तकनीकी समाधान विकसित करने हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

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Published on : 18 Nov, 25 07:11

गति शक्ति विश्वविद्यालय और डीआरडीओ ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए स्मार्ट तकनीकी समाधान विकसित करने हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

समझौता ज्ञापन से रसद, चिप डिज़ाइन और उन्नत एन्क्रिप्शन तकनीकों में संयुक्त अनुसंधान का मार्ग प्रशस्त होगा
नई दिल्ली।
गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के बीच 17 नवंबर 2025 को नई दिल्ली में डॉ. समीर वी. कामत (डीआरडीओ के अध्यक्ष और रक्षा अनुसंधान एवं विकास सचिव) की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। जीएसवी और डीआरडीओ ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए स्मार्ट तकनीकी समाधान विकसित करने हेतु हाथ मिलाया है। डॉ. समीर वी. कामत ने इस अवसर पर कहा, इस सहयोग से स्वदेशी रक्षा प्रणालियों के परिनियोजन पहलुओं के लिए तकनीकी समाधानों के विकास में सहायता मिलने की उम्मीद है।
यह समझौता ज्ञापन सहयोगात्मक अध्ययन और अनुसंधान एवं विकास का माध्यम होगा, जो लॉजिस्टिक्स प्रबंधन, सामरिक, परिचालन और रणनीतिक स्तर पर परिचालन लॉजिस्टिक्स के क्षेत्रों में अवधारणाओं के विश्लेषण और परिचालन लॉजिस्टिक्स योजना के सत्यापनए चिप डिजाइन और हार्डवेयर सुरक्षा और होमोमोर्फिक/ब्लॉक चेन आधारित एन्क्रिप्शन के लिए निर्देशित होगा।
मुख्य ध्यान परिचालन और सैन्य विज्ञान क्षेत्र, रसद प्रबंधन और तकनीकी अनुसंधान में शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों की क्षमता निर्माण पर होगा। दोनों संगठन अनुसंधान करने, संयुक्त सेमिनार/सम्मेलन आयोजित करने, क्षमता निर्माण और गोलमेज कार्यशालाओं में शामिल होंगे। प्रोण् मनोज चौधरी (कुलपतिए जीएसवी) और डॉ. लाल चंद मंगल, (डीएस और डीजी,टीएम), हस्ताक्षरकर्ता थे।
विश्वविद्यालय का रसद और आपूर्ति श्रृंखला अनुसंधान और शिक्षा के लिए तीनों रक्षा बलों, अर्थात् भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के साथ पहले से ही मजबूत सहयोग है। इसलिएए डीआरडीओ के साथ समझौता ज्ञापन जीएसवी को अत्याधुनिक अनुसंधान के माध्यम से इस क्षेत्र के लिए अपने मूल्य प्रस्ताव को बढ़ाने में सक्षम बनाता है।
परिवहन एवं रसद क्षेत्र में भारत का पहला विश्वविद्यालयए गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी), 2022 में संसद के अधिनियम द्वारा एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किया गया था। रेल मंत्रालय (भारत सरकार) के अधीन कार्यरत, यह विश्वविद्यालय रेलवे, राजमार्ग, बंदरगाह, विमानन, समुद्री, नौवहन, अंतर्देशीय जलमार्ग, शहरी परिवहन और संपूर्ण रसद एवं आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क सहित संपूर्ण परिवहन क्षेत्र को कवर करता है। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री अश्विनी वैष्णव (केंद्रीय रेलए सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री) हैं।


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