राजस्थान सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय

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Published on : 20 Nov, 25 04:11

राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी राजस्थानी मामले विभाग* का होगा गठन

राजस्थान सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय

*विश्व पटल पर *ब्रांड राजस्थान*को मिलेगा प्रोत्साहन -राजस्थान ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी-2025 का अनुमोदन*

गोपेन्द्र नाथ भट्ट 

अगले माह दिसम्बर में जयपुर के सीतापुरा के जे आई सी सी में राइजिंग राजस्थान समिट के अन्तर्गत आयोजित होने वाले प्रथम प्रवासी राजस्थानी दिवस से पूर्व राजस्थान सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए *राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी राजस्थानी मामले विभाग* का गठन करने का निर्णय लिया है ।

 

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को जयपुर  में आयोजित राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रवासी राजस्थानियों के लिए नया विभाग गठित करने का निर्णय किया गया। बैठक में राजस्थान ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी के अनुमोदन तथा आरवीयूएनएल व सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड के मध्य ज्वाइंट वेंचर कंपनी के गठन सहित कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए।  

 

बुधवार को कैबिनेट में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने पत्रकार वार्ता में बताया कि को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी राजस्थानी मामले का विभाग विभाग प्रवासी राजस्थानियों और राज्य सरकार के बीच संवाद और सहयोग के लिए एक सशक्त मंच उपलब्ध करवाएगा, जिससे प्रवासियों का अपनी मातृभूमि से जुड़ाव और मजबूत होगा। विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से यह विभाग विश्व पटल पर ब्रांड राजस्थान को प्रोत्साहित करने का कार्य भी करेगा।

 

यह विभाग प्रवासी राजस्थानियों को राज्य सरकार की योजनाओं से लाभान्वित करने और उनके विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए नीतिगत ढांचा उपलब्ध कराएगा। साथ ही, प्रवासी राजस्थानी दिवस, प्रवासी राजस्थानी सम्मान समारोह के साथ-साथ प्रवासी राजस्थानियों के लिए एक्सचेंज कार्यक्रमों का भी आयोजन करेगा। प्रवासी राजस्थानी एसोसिएशन्स के रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल का संचालन भी इस विभाग द्वारा किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष प्रवासी राजस्थानी कॉन्क्लेव के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रवासी राजस्थानियों के लिए विशेष विभाग स्थापित करने की घोषणा की थी।

 

मंत्रिमंडल ने राजस्थान ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी-2025 का अनुमोदन किया है। इस नीति का प्रमुख उद्देश्य जीसीसी की स्थापना और विस्तार के माध्यम से राजस्थान को एक वैश्विक नवाचार एवं निवेश केंद्र के रूप में स्थापित करना है। यह नीति वर्ष 2030 तक राजस्थान में 200 से अधिक जीसीसी स्थापित करने, 1.5 लाख रोजगार के अवसर सृजित करने के साथ देश के 100 अरब डॉलर के जीसीसी बाजार में महत्वपूर्ण योगदान देने के लक्ष्य पर आधारित है। राज्य सरकार इस नीति के माध्यम से जयपुर, उदयपुर, जोधपुर जैसे शहरों को जीसीसी हब के रूप में विकसित करेगी।इस पॉलिसी के अंतर्गत ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स की स्थापना के लिए रिप्स-2024 के प्रावधानों का लाभ दिया जाएगा। इसमें परियोजना लागत (भूमि और भवन लागत को छोड़कर) का 30 प्रतिशत या अधिकतम 10 करोड़ रुपए तक की पूंजी निवेश सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही, भूमि या लीज एरिया की लागत का 50 प्रतिशत (अधिकतम 1 करोड़ रुपए) तक प्रतिपूर्ति लैण्ड कॉस्ट इंसेन्टिव के रूप में भी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, कर्मचारियों के वेतन पर पहले तीन वर्षों तक 30 प्रतिशत (अधिकतम 1.25 लाख प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष) की पेरोल सब्सिडी दी जाएगी। 

 

राजस्थान ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी-2025 में किराए पर संचालित इकाइयों को पहले तीन वर्षों तक किराए का 50 प्रतिशत तथा अगले दो वर्षों के लिए 25 प्रतिशत अधिकतम 5 करोड़ रुपए प्रति जीसीसी प्रति वर्ष तक रेंटल असिस्टेंस के रूप में मिलेगा। कर्मचारियों के कौशल विकास को प्रोत्साहित करने हेतु प्रशिक्षण लागत का 50 प्रतिशत (अधिकतम ढाई करोड़ रुपए) प्रति जीसीसी प्रति वर्ष तक प्रतिपूर्ति पात्रतानुसार की जाएगी। इसके साथ ही, पर्यावरण-अनुकूल नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन इंसेंटिव, अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में पेटेंट, कॉपीराइट आदि की लागत पर 50 प्रतिशत सहायता, स्टांप ड्यूटी एवं बिजली शुल्क पर छूट भी दी जाएगी। 

 

मंत्रिमंडल ने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरवीयूएनएल) तथा सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के बीच ज्वाइंट वेंचर कंपनी के गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। इस कंपनी में आरवीयूएनएल और एससीसीएल की हिस्सेदारी क्रमशः 26 प्रतिशत और 74 प्रतिशत होगी। यह जेवी खदान स्थल पर 9,600 करोड़ रुपए की लागत से 800 मेगावाट की कोयला आधारित ताप विद्युत परियोजना और राजस्थान में 6,000 करोड़ रुपए की लागत से 1500 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनाएं स्थापित करेगी।

 

मंत्रिमंडल ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए बीकानेर जिले की पूगल तहसील के ग्राम करणीसर, भाटियान में 161.45 हैक्टेयर भूमि एवं चित्तौड़गढ़ जिले की रावतभाटा तहसील के ग्राम खरनाई में 356.25 हैक्टेयर भूमि को सशर्त कीमतन आवंटित करने की स्वीकृति प्रदान की है। साथ ही, पॉवरग्रिड बाड़मेर-1 ट्रांसमिशन लिमिटेड को 765 केवी सब स्टेशन की स्थापना के लिए बाड़मेर जिले के सोखरु में 70.6 हैक्टेयर भूमि आवंटित किए जाने का निर्णय भी किया गया है। इन निर्णयों से अक्षय ऊर्जा से उत्पादित विद्युत का ट्रांसमिशन नेटवर्क मजबूत होगा और आमजन को सुगम विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। 


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