देहदान संकल्पित आयुर्वेद चिकित्सक का संपन्न हुआ देहदान

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Published on : 23 Nov, 25 07:11

ढोल,मंजीरे,नृत्य,भजन के साथ,आयुर्वेदिक चिकित्सक का हुआ देहदान

देहदान संकल्पित आयुर्वेद चिकित्सक का संपन्न हुआ देहदान

शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र एवं  सेवानिवृत्त आयुर्वेदिक चिकित्सक वैध सुभाष चंद्र पालीवाल का बीते दिनों जयपुर में उनके करीबी रिश्तेदार के निवास स्थान पर आकस्मिक निधन हो गया ।

पत्नी धीरा पालीवाल (सेवानिवृत्त शिक्षिका), भाई प्रभाश पालीवाल और दामाद अविनाश पालीवाल के सहयोग से कोटा में शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़ को सुभाष के निधन की सूचना दी । नेत्रदान,अंगदान और देहदान के प्रबल समर्थक सुभाष और धीरा ने 1 वर्ष पूर्व ही शाइन इंडिया फाउंडेशन के साथ देहदान का संकल्प पत्र भरा था ।

सुभाष ने वर्ष 1977 ने ओशो से दीक्षा प्राप्त करने के बाद, अपना पूरा जीवन ही समाज सेवा एवं दूसरों को सत्य,अहिंसा और आनंद के मार्ग को दिखाने में लगा दिया । शहर सरल और सदैव प्रसन्न चित्र दिखने वाले सुभाष को गुरुओं और प्रमुख साधकों द्वारा नया साधक नाम डॉ स्वामी सत्यानंद भारती नाम दिया गया ।

 

सुभाष की इच्छा अनुसार पत्नी धीरा और करीबी रिश्तेदारों द्वारा, ढोल,मंजीरे,नृत्य और भजन के साथ उनका पार्थिव शव राष्ट्रीय आयुर्वैदिक संस्थान,जयपुर में अध्ययन कर रहे आयुर्वेदिक चिकित्सकों के लिए दान किया गया । 

 

ओशो साधक नवल प्रकाश गौतम(बोधि गौतम) ने बताया कि हमारे ओशो के संस्कारों में मृत्यु को उत्सव की तरह मनाया जाता है, मृत्यु एक शरीर  से दूसरे शरीर को नवजीवन को जन्म देती है और इसीलिए यह कार्य खुशी और गीत भजनों के साथ संपन्न होता है। 

 

शाइन इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक डॉ कुलवंत गौड़ ने बताया कि,संस्था के पास कोटा संभाग के 300 से अधिक लोगों ने देहदान के संकल्प पत्र भरे हुए हैं,फॉर्म भरने से पहले सभी की समझाइश,घर जाकर परिवार के सभी सदस्यों के बीच में की गई है । संस्था के सहयोग से अभी तक 35 दिवंगतों  का देहदान भी संबंधित मेडिकल कॉलेज में किया जा चुका है ।


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