उदयपुर, शहर के ख्यातनाम शिल्पकार डॉ. चन्द्रप्रकाश चित्तौड़ा ने जैनाचार्य राष्ट्रीय संत पुलक सागर जी महाराज से भेंट कर उन्हें अब तक अपने द्वारा बनाई गई सूक्ष्म पुस्तिकाओं व कला- कृतियों का अवलोकन कराया। कलाकार के प्रयासों की सराहना करते हुए जैनाचार्य ने कहा कि अणु को विराट होते तो देखा है लेकिन आज इन कृतियों के माध्यम से विराट को अणु-स्वरूप में प्रस्तुत करना आश्चर्य चकित करता है। उन्होने चित्तौड़ा द्वारा बनाई एक गुणा (एक मिलीमीटर) की पुस्तिका को देखकर उक्त विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर समाजसेवी विनोद फान्दोत, आनन्दीलाल चित्तौड़ा, कुंदनमल सामोता, करणसिंह जैन, राजेन्द्र अंतरसमान, विकास चित्तौड़ा सहित गणमान्य अन्य नागरिक उपस्थित थे।