उदयपुर। सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने गुरुवार को संसद में प्रत्येक जिले में आपातकालीन नंबर 1962 की पशु एम्बुलेंस योजना को अनिवार्य रूप से लागू करने तथा एक जिला-एक पशु चिकित्सालय नीति के अंतर्गत प्रत्येक जिले में एक आधुनिक व पूर्ण सुविधायुक्त जिला पशु अस्पताल स्थापित करने की मांग उठाई।
सांसद डॉ रावत ने नियम 377 के अधीन सूचना के तहत अपनी मांग रखते हुए कहा कि पशुधन हमारी अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण आधार है, इसलिए इसका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। देश में पशुधन आबादी 54 करोड़ से अधिक है, किन्तु अनेक जिलों में आज भी बीमार या दुर्घटनाग्रस्त पशुओं के उपचार हेतु पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। इस कारण पशुपालक समय पर अपने पशुओं का समुचित उपचार नहीं करा पाते, जिससे उन्हें आर्थिक हानि उठानी पड़ती है और मूल्यवान पशुधन भी नष्ट हो जाता है।
सांसद डॉ रावत ने आग्रह किया कि देश के प्रत्येक जिले में आपातकाली नंबर 1962 की पशु एम्बुलेंस योजना को अनिवार्य रूप से लागू किया जाए, ताकि आपातकालीन स्थिति में पशुओं को समय पर चिकित्सकीय सहायता मिल सके। साथ ही एक जिला-एक पशु चिकित्सालय नीति के अंतर्गत प्रत्येक जिले में एक आधुनिक, पूर्ण सुविधायुक्त जिला पशु अस्पताल स्थापित करने की मांग की। सांसद डॉ रावत ने कहा कि इन अस्पतालों में एक्स-रे, सर्जरी थिएटर, प्रयोगशाला परीक्षण, आईसीयू आधुनिक उपकरण तथा प्रशिक्षित विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। इससे पशुधन का संरक्षण सुदृढ़ होगा, लाखों पशुपालकों की आय बढ़ेगी और देश की पशुधन संपदा सुरक्षित एवं स्वस्थ बनी रहेगी। अतः सरकार से अनुरोध है कि इस दिशा में शीघ्र और प्रभावी कदम उठाए जाएं