राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर कोटा मंडल पुस्तकालय में विधिक परामर्श अधिवेशन

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Published on : 08 Dec, 25 11:12

दो सत्र, दो विषय, एक संदेश—अधिकार और सुरक्षा का दायित्व हम सबका

राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर कोटा मंडल पुस्तकालय में विधिक परामर्श अधिवेशन

कोटा। राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय, कोटा में दो सत्रों वाला विधिक परामर्श अधिवेशन आयोजित किया गया। कार्यक्रम में कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा से लेकर मानवाधिकारों के मूल सिद्धांतों तक व्यापक चर्चा हुई।

पहले सत्र में “कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम, निषेध व निवारण कानून–2013 (POSH Act)” विषय पर व्याख्यान हुआ। सत्र की अध्यक्षता आंतरिक शिकायत समिति (ICC) की अध्यक्ष डॉ. शशि जैन ने की। समिति की सदस्य डॉ. प्रीतिमा व्यासडॉ. मनीषा मूदगल और नीलम काबरा भी मंच पर उपस्थित रहीं। इस अवसर पर संभागीय पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने विषय पर मुख्य वक्तव्य प्रस्तुत किया।

डॉ. शशि जैन ने कहा, “POSH Act कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण सुनिश्चित करने का सशक्त माध्यम है। डॉ. प्रीतिमा व्यास ने कहा, “जागरूकता और संवेदनशीलता ही कानून को प्रभावी बनाती है। डॉ. मनीषा मूदगल ने कहा, यौन उत्पीड़न कई रूपों में होता है, हर रूप को गंभीरता से समझना आवश्यक है।नीलम काबरा ने कहा, “रोकथाम और प्रशिक्षण POSH Act के मुख्य स्तंभ हैं।डॉ. दीपक श्रीवास्तव ने कहा, “पुस्तकालय समाज में संवेदनशीलता और अधिकार जागरूकता का सशक्त मंच है।

दूसरे सत्र में मानवाधिकारों पर संवाद हुआ। सत्र की अध्यक्षता अधिवक्ता नरेंद्र शर्मा ने की तथा अधिवक्ता निकिता वर्मा ने मुख्य वक्तव्य दिया।अधिवक्ता नरेंद्र शर्मा ने कहा, “मानवाधिकारों की रक्षा में नागरिकों की भूमिका उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी सरकार की।अधिवक्ता निकिता वर्मा ने कहा, “मानवाधिकार जीवन के हर क्षेत्र से जुड़े हैं, इसलिए जागरूकता अनिवार्य है।कार्यक्रम का संचालन रामनिवास धाकड़ ने किया और व्यवस्थापन अजय सक्सेना द्वारा संभाला गया।


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