पहले प्रवासी राजस्थानी दिवस का सफल आयोजन कराने से बढ़ा मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का कद

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Published on : 12 Dec, 25 04:12

राजस्थान फाउंडेशन के चैप्टर्स अध्यक्ष और प्रतिनिधियों से बेबाक बातचीत कर मुख्यमंत्री ने अपने इरादों को किया जाहिर

पहले प्रवासी राजस्थानी दिवस का सफल आयोजन कराने से बढ़ा मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का कद

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

पिछले वर्ष अपनी सरकार के पहले ही वर्ष में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट का और उसमें प्रवासी राजस्थानियों से किए गए वायदे के अनुसार इस वर्ष प्रथम प्रवासी राजस्थानी दिवस सम्मेलन का सफल आयोजन कराने से निश्चित रूप से मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का कद बढ़ा है। हालांकि संसद का शीतकालीन सत्र चलने के कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में भाग लेने जयपुर नहीं आ पाए जबकि पिछले वर्ष दिसम्बर में वे राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट का हिस्सा बने थे। दोनों शीर्ष नेताओं के अपरिहार्य कारणों से इस बार समिट में नहीं आ पाने के बावजूद मुख्यमंत्री शर्मा लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला और 11 केन्द्रीय मंत्रियों को प्रवासी राजस्थानी दिवस सम्मेलन का हिस्सा बनाने में सफल रहे। सम्मेलन के लिए करीब 9 हजार प्रवासियों ने अपना पंजीयन कराया ।

सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में राजस्थान और पंजाब के राज्यपालों हरिभाऊ बागड़े और गुलाब चन्द कटारिया तथा केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल, भूपेन्द्र यादव,सी आर चौधरी, भागीरथ चौधरी,राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ आदि दिग्गज नेताओं की मौजूदगी के बावजूद मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का जो आभा मंडल दिखा वह बेमिसाल कहा जा सकता है। मुख्यमंत्री शर्मा की बॉडी लेंग्वेज में वह आत्म विश्वास दिखाई दिया जो कि किसी पके पकाए दिग्गज नेता में दिखाई देता है। एक दिवसीय इस सम्मेलन में वे सारा दिन आयोजन स्थल जयपुर एग्जीबिशन और कन्वेंशन सेन्टर सीतापुरा ( जे ई सी सी) पर रहे तथा करीबन हर सत्र को संबोधित करने बैटरी वाली फैरी में एक हॉल से दूसरे हॉल में आते जाते रहे। इन सत्रों को केन्द्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत , केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर,खान एवं कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी,कौशल विकास मंत्री जयंत चौधरी,पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह , केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पटेल, वन और पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने संबोधित किया। राजस्थान के दोनों उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी एवं डॉ प्रेम चन्द बैरवा,उद्योग मंत्री, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़,ऊर्जा मंत्री गजेन्द्र सिंह खीवसर, जोगाराम पटेल आदि भी इसमें मौजूद रहे। राजस्थान संगीत और नृत्य से सजी सांस्कृतिक संध्या में लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला के साथ केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी पहुंचे। सम्मेलन में एक लाख करोड़ रु के निवेश प्रस्ताव, राजस्थान फाउंडेशन के देश विदेश में 14 नए चैप्टर खोलने की घोषणा के साथ ही प्रवासी राजस्थानी तथा कई अन्य नि नीतियां भी जारी की गई। वेदांता ग्रुप के मुखिया अनिल अग्रवाल सहित अन्य उद्योग समूहों ने इस अवसर पर सोलर ऊर्जा सहित कई अन्य नए क्षेत्रों में निवेश के प्रस्ताव एवं सुझाव दिए। उद्घाटन समारोह में नौ प्रवासी राजस्थानियों अनिल अग्रवाल,कुमार मंगलम बिरला, विनीत मित्तल,अजय पीरामल,माधव सिंघानिया, पूनमचंद राठी,नरसी कुलरिया,सी एम मूंदड़ा और प्रदीप राठौड़ को प्रवासी राजस्थानी सम्मान प्रदान किया गया।प

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने देश विदेश से जयपुर पहुंचे प्रवासी राजस्थानियों और राजस्थान फाउंडेशन के देश विदेश के सभी चैप्टर्स अध्यक्षों और प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान भी जिस बेबाकी और आत्म विश्वास से विकास की ओर बढ़ते राजस्थान का खाका खींचा और भविष्य के सुनहरे राजस्थान की ओर इंगित किया वह भी सुनने लायक तथा उनके दृढ़ इरादों को जाहिर करने वाला था। उन्होंने प्रवासियों से कहा कि आप राजस्थान से बाहर जाकर जहां कही भी बसे है। आप उन देशों और प्रदेश के सभी इलाकों के विकास में बेजोड़ योगदान दे रहे है। राजस्थान चाहता है कि आप वे काम भी काम करते रहे लेकिन अपनी मातृ भूमि के लिए भी अपने दायित्व और जिम्मेदारियों को न भूले तथा अपने प्रदेश के प्रति कर्ज को चुकाने के धर्म को भी निभाए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम करने वालो के पूरी तरह से साथ है और हर प्रकार का उनका सहयोग और संरक्षण करने के लिए तैयार है लेकिन दूसरी ओर जो लोग सिर्फ बड़ी बड़ी बातें और सैर सपाटा कर राजस्थान आकर चले जाते है,उन पर भी नजर रख रही है तथा उनकी सूची बना भविष्य ने ऐसे लोगों के प्रति गंभीर भी नहीं होना चाहती। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जानते है कि अधिकांश प्रवासी राजस्थानी अपनी जड़ों से जुड़ा रहने की ही शुद्ध भावना रखते है तथा वे राजस्थान के विकास में भागीदार भी बनना चाहते है क्योंकि यह राजस्थान के लोगों की सदियों पुरानी परम्परा है। साथ ही अब कुछ परिस्थितियां भी ऐसी बन गई है कि प्रवासी नए सिरे से सोचने लगें है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रवासी प्रदूषण की समस्या से त्रस्त है तो उत्तर- पूर्व,छत्तीसगढ़,पश्चिम बंगाल, दक्षिणी आदि प्रदेशों तथा अन्य प्रदेशों के सामने अलग-अलग प्रकार की समस्याएं तथा अन्य कई प्रतिकूल परिस्थितियों का साया छाया हुआ है। ऐसे वातावरस की वजह से हर कोई प्रवासी राजस्थान के अनुकूल वातावरण में आना चाहता है । फिर आज का राजस्थान पहले वाला राजस्थान नहीं रहा बल्कि बहुत बदल गया है और यहां सड़क रेल और हवाई सेवाओं सहित हर क्षेत्र में बदलाव के साथ जबरदस्त भी विकास हुआ है तथा प्रदेश में पर्यटन के साथ ही सोलर एवं विंड एनर्जी, बिजली,पानी, सिंचाई,कृषि,डेयरी एवं संबद्ध योजनाओं, सहकारिता, शिक्षा ,सूचना प्रौद्योगिकी, रिफाइनरी और पेट्रोलियम तथा खान और खनिज आदि करीबन हर क्षेत्र में निवेश का आदर्श वातावरण भी सभी को राजस्थान की ओर लुभा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में भी राजस्थान सुर के साथ सुर मिला आगे बढ़ रहा है।

सफल प्रवासी राजस्थानी दिवस के बाद मुख्यमंत्री शर्मा अब अपनी सरकार की दो वर्षों की वर्षगांठ के कार्यक्रमों पर फोकस करने वाले है फिर मंत्रिपरिषद का पुनर्गठन,आने वाले वर्ष का विधान सभा में बजट पारित कराना तथा आने वाले स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव की तैयारिया उनकी प्राथमिकता में रहने वाली है।देखना है मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का बढ़ता आत्म विश्वास देश के सबसे बड़े भौगोलिक प्रदेश राजस्थान को विकास की कितनी अधिक ऊंचाईयों तक पहुंचाने वाला है?


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