उदयपुर में शनिवार को होगी अनूठी नाट्य प्रस्तुति : गुगल कर ले रे....

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Published on : 12 Dec, 25 05:12

अंतरिक्ष से लौटे प्रथम भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला होंगे मुख्य अतिथि

उदयपुर में शनिवार को होगी अनूठी नाट्य प्रस्तुति : गुगल कर ले रे....

उदयपुर। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र से लौटने के बाद प्रथम भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला शनिवार को झीलों की नगरी उदयपुर पहुंच रहे हैं। उनकी यह यात्रा खास इसलिए मानी जा रही है क्योंकि वे यहां सरकारी स्कूलों के छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले नाटक ‘गुगल कर ले रे…’ में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। आयोजन विद्याभवन स्कूल के मुक्ताकाशी रंगमंच पर शनिवार शाम आयोजित होगा।

विशेष बात यह है कि ग्रुप कैप्टन शुक्ला केवल उपस्थिति नहीं दर्ज कराएंगे, बल्कि वे स्वयं नाटक के एक हिस्से में मंच पर उतरकर ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाएंगे। अंतरिक्ष से लौटे किसी भारतीय अंतरिक्ष यात्री का इस तरह बच्चों के बीच आकर कला और शिक्षा के संगम को प्रोत्साहित करना शहर के लिए गौरवपूर्ण क्षण होगा।

साहित्यकार कहानीवाला रजत मेघनानी द्वारा लिखित 'गुगल कर ले रे...' नाटक का निर्देशन प्रयास संस्थान के सुनील टांक द्वारा किया जाएगा जबकि सरकारी स्कूल के बच्चे और कुछ कलाकार इसमें पहली बार बतौर रंगकर्मी प्रस्तुति देंगे।

यह कार्यक्रम शहर के कला जगत में सक्रिय संस्था क्रिएटिव सर्किल द्वारा सजेगा, जिसमें आरएसएमएम, वंडर सीमेंट, नींव, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर और विद्याभवन सोसायटी का सहयोग मिला है। कार्यक्रम संयोजक, स्केच आर्टिस्ट एवं प्रदेश के ख्यात आर्किटेक्ट सुनील एस. लड्ढा ने हाल ही में ग्रुप कैप्टन शुक्ला से मुलाकात कर उन्हें इस विशेष आयोजन में शामिल होने का अनुरोध किया था।

सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मंच देने वाला यह आयोजन अपनी तरह का पहला प्रयास है, जिसमें सिद्धहस्त कलाकारों के बजाय राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय वरड़ा के बच्चे नाटक की प्रस्तुति देंगे। ग्रुप कैप्टन शुक्ला विशेष रूप से विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाने आ रहे हैं और कार्यक्रम के दौरान वे चुनिंदा छात्रों व आमजनों से संवाद भी करेंगे।

कार्यक्रम को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारियां चल रही हैं और शहर में इसे लेकर उत्साह का माहौल है। उम्मीद की जा रही है कि यह आयोजन न केवल बच्चों को नई प्रेरणा देगा, बल्कि शिक्षा, कला और अंतरिक्ष विज्ञान के बीच एक नया संवाद भी स्थापित करेगा।


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