दक्षिण पश्चिमी कमान साइकिल रैली का फ्लैग-इन के साथ हुआ सफलतापूर्वक समापन

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Published on : 16 Dec, 25 09:12

दक्षिण पश्चिमी कमान साइकिल रैली का फ्लैग-इन के साथ हुआ सफलतापूर्वक समापन

जयपुर: दक्षिण पश्चिमी कमान की साइकिल रैली का समापन आज जयपुर मिलिट्री स्टेशन में गरिमामय फ्लैग-इन समारोह के साथ हुआ।  इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंहआर्मी कमांडरसप्त शक्ति कमान तथा श्रीमती बरिंदर जीत कौरक्षेत्रीय अध्यक्षासप्त शक्ति AWWA मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।  उनके साथ विभिन्न फॉर्मेशन कमांडर एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी समारोह में भाग लिया।  श्रीमती बरिंदर जीत कौर ने साइकिल रैली को फ्लैग-इन कर औपचारिक रूप से इसका समापन किया।

 

      नेतृत्व का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल मंजिंदर सिंह स्वयं साइकिल रैली के अंतिम चरण में साइकिल चलाकर प्रतिभागियों के साथ शामिल हुएजिसे उपस्थित जनसमूह ने उत्साहपूर्ण तालियों से सराहा।  समारोह को संबोधित करते हुए आर्मी कमांडर ने साइकिल रैली टीम की निष्ठासहनशक्ति और समर्पण की प्रशंसा की।  उन्होंने मार्ग में छात्रोंपूर्व सैनिकों और नागरिकों को फिटनेसअनुशासन और देशभक्ति के प्रति प्रेरित करने के उनके प्रयासों को विशेष रूप से सराहा।

 

      यह साइकिल रैली 09 दिसंबर 2025 को फाजिल्का से प्रारंभ हुई थीजिसने सात दिनों में लगभग 800 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए दो राज्योंछह जिलों और 15 गांवों से होकर गुजरते हुए 16 दिसंबर 2025 को जयपुर में अपना लक्ष्य प्राप्त किया।  रैली का आयोजन विजय दिवस के अवसर पर सशस्त्र बलों के शौर्य और सर्वोच्च बलिदान को नमन करने के उद्देश्य सेआर्मी डे परेड 2026 के कार्यक्रमों के अंतर्गत किया गया।  इस दौरान टीम ने विभिन्न जनसंपर्क गतिविधियों के माध्यम से स्थानीय युवाओं और समुदायों से संवाद स्थापित कियाजिससे राष्ट्र निर्माणसामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता का संदेश सशक्त रूप से पहुंचाया गया।

 

      समारोह के दौरान रैली में भाग लेने वाले सैनिकों तथा इसके सफल आयोजन में योगदान देने वाले नागरिक सहयोगियों को सम्मानित भी किया गया।  आर्मी कमांडर ने सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों और भारतीय सेना के बीच गहरे और अटूट संबंधों को रेखांकित करते हुए कहा कि यह रिश्ता आपसी विश्वाससम्मान तथा साझा जिम्मेदारी की भावना पर आधारित है।

 

      अनुशासनटीमवर्क और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बनी यह साइकिल रैली अपने आदर्श वाक्य की सच्ची अभिव्यक्ति रही-

सीमावासियों का समर्थनसेना का संरक्षण

सीमावर्ती समुदायों का सहयोगराष्ट्र की सुरक्षा।


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