उदयपुर : पैसिफिक इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़, उमरड़ा के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में 66 वर्षीय पुरुष रोगी का सफलतापूर्वक उपचार किया गया है।
चेयरमैन आशीष अग्रवाल ने बताया कि संस्थान में रोगी पिछले दो माह से श्वसन सम्बन्धी समस्या के चलते अस्पताल आया। जाँच के दौरान छाती के एक्स-रे एवं एचआरसीटी स्कैन में बाएँ फेफड़े में अत्यधिक (ग्रॉस) प्ल्यूरल इफ्यूजन पाया गया, जिसके कारण बाएँ फेफड़े का पूर्ण संकुचन हो गया था।
चेयरमैन आशीष अग्रवाल ने बताया कि रोगी की गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए पारंपरिक ओपन थोरैसिक सर्जरी के स्थान पर न्यूनतम इनवेसिव थोरैकोस्कोपी प्रक्रिया अपनाई गई। इस आधुनिक तकनीक के माध्यम से लंबे समय तक अस्पताल एवं आईसीयू में भर्ती रहने, अधिक खर्च तथा संभावित जटिलताओं से बचाव संभव हुआ। प्रक्रिया के दौरान मोटी सेप्टेशन्स को उन्नत थोरैकोस्कोपी तकनीक (एंडोनाइफ कॉटरी) द्वारा सफलतापूर्वक काटा गया, जिससे फेफड़े का पुनः विस्तार संभव हो सका।
आशीष अग्रवाल ने बताया कि प्रक्रिया के पश्चात रोगी की स्थिति स्थिर रही तथा किसी प्रकार की जटिलता नहीं पाई गई। उन्होंने रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के फैकल्टी सदस्यों डॉ. सानिध्य टाक, डॉ. करणराज सिंघल, डॉ. मयूर विक्रम देवराज, डॉ. राजू कोट्टाकोटा एवं डॉ. अनिरुद्ध तथा समस्त रेज़िडेंट डॉक्टरों एवं ब्रोंकोस्कोपी टीम को सफल उपचार के लिए बधाई दी।