21 दिसम्बर विश्व ध्यान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। आर एन टी मेडिकल कॉलेज के 1972 बैच के वरिष्ठ चिकित्सक भारतीय योगिनी संघ के सहयोग से आज दिन की शुरुआत सकारात्मकता से करेगा। यह आयोजन न केवल स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का संदेश देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अनुशासित जीवनशैली और योग का महत्व उम्र के हर पड़ाव पर समान रूप से आवश्यक है।
कार्यक्रम का आयोजन प्रातः डबोक स्थित रिसोर्ट पर रखा गया है। कार्यक्रम संयोजक डॉ एम एम मंगल, डॉ आशा खमेसरा और डॉ उमा मेहता है। 53 साल से साथ करीब 50 प्रतिष्ठित चिकित्सक इसमें शामिल होंगे। उन सभी का एक दिन के आवास की व्यवस्था वही रखी गई है।
भारतीय योगिनी संघ की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ शुभा सुराणा के नेतृत्व में योग सत्र किया जाएगा। डॉ सुराणा संघ उपाध्यक्ष होने के साथ पाहेर विश्वविद्यालय में योग विभाग में सहायक आचार्य पद पर कार्यरत भी है। करीब 20 साल से योग क्षेत्र में सेवाए प्रदान कर रही है। उनके साथ संघ के सदस्य किरण सोनी एवं रुचिका बिलोची भी कार्यक्रम के आयोजन में सहयोग करेंगे। योग सत्र का उद्देश्य शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक संतुलन और आत्मिक शांति को बढ़ावा देना है। आर एन टी के इन वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा दिन की शुरुआत करने का निर्णय निश्चित रूप से समाज के लिए प्रेरणास्रोत सिद्ध होगा और योग के प्रति जन-जागरूकता को नई दिशा देगा।