लोक कला देखने के साथ ही सीखने का भी मिलेगा अवसर

( 479 बार पढ़ी गयी)
Published on : 20 Dec, 25 15:12

लोक कला देखने के साथ ही सीखने का भी मिलेगा अवसर


-शिल्पग्राम उत्सव में लगेंगी तीन कार्यशालाएं
-ट्ाइबल मास्क, पेपरमैशी और कठपुतली कार्यशाला में सिखाई जाएंगी इन कलाओं की बारीकियां

उदयपुर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर की ओर से 21 दिसंबर से आयोजित होने जा रहे शिल्पग्राम उत्सव में लोेक कला में रुचि रखने वाले हर उम्र के लोगों के लिए शिल्पग्राम प्रांगण में ट्राइबल मास्क, पेपरमैशी और कठपुतली की कार्यशाला लगेंगी। इनमें विशेषज्ञ इन विधाओं से जुड़ी बारीकियां सिखाएंगे।
पश्चिम क्षेत्र सस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि शिल्पग्राम प्रांगण में 21 से 30 दिसंबर तक मुक्ताकाशी रंगमंच के पास ये कार्यशालाएं लगेंगी। ट्राइबल कार्यशाला में लकड़ी व अन्य सामग्री से बनने वाले आदिवासी मुखौटे बनाने सिखाए जाएंगे। इस वर्कशॉप में बांसवाड़ा के छगन लाल डिंडोर प्रशिक्षण देंगे। पेपरमैशी कार्यशाला में लुग्दी को खूबसूर आकार देकर खिलौने व अन्य डेकोरेटिव आइटम्स के निर्माण का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें बूंदी के कलाकार रामदेव मीणा प्रशिक्षक होंगे। वहीं, कठपुतली कार्यशाला में उदयपुर के मुकेश भाट कठपुतली बनाना सिखाएंगे।
इन कार्यशालाओं में किसी भी उम्र के लोग प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। वहीं, जो कलाकार इन कलाओं में पूर्व से लगे हैं, वे भी अपने हुनर को और तराश सकेंगे।  


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.