राज्यपाल ने कोटा से सिंघल, मनीषा, विष्णु और रामनारायण को सम्मानित किया

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Published on : 22 Dec, 25 06:12

 अखिल भारतीय साहित्यकार सम्मान समारोह

राज्यपाल ने कोटा से सिंघल, मनीषा, विष्णु और रामनारायण को सम्मानित किया

कोटा ,/ राजस्थान के महामहिम राज्यपाल श्री  हरिभाऊ किसनराव बागडे ने शनिवार 20 दिसंबर को लालसोट  के उच्च माध्यमिक विद्यालय में  आयोजित कार्यक्रम में कोटा से डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, डॉ. मनीषा शर्मा, विष्णु शर्मा हरिहर और रामनारायण मीणा हलधर को सम्मानित किया। उन्होंने 11 राज्यों के 31 साहित्यकारों को उनकी साहित्यिक कृतियों के लिए  शाल ओढ़ा कर एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया ।
    अनुराग सेवा संस्थान  लालसोट के स्थापना के 32 वर्ष पूर्ण होने पर संस्थान द्वारा   "अनुराग -31" के अन्तर्गत आयोजित विभिन्न साहित्यिक , सांस्कृतिक, बौद्धिक, क्रीड़ा, धार्मिक, सामाजिक ,  लोक- संस्कृति,  सामाजिक समरसता, साम्प्रदायिक सद्भाव, सनातन संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण से संबंधित सभी 31 साहित्यकारों को सम्मानित किया गया।
    पद्मश्री डॉक्टर रवीन्द्र कुमार, मेरठ को साहित्य में विशिष्ट अवदान हेतु अनुराग साहित्य श्री सम्मान -2025 से सम्मानित किया गया। स्मृति सम्मान में डॉ पदम सिंह पदम, करहल  मैनपुरी -हिंदी लेखिकाओं का इतिहास (साहित्य इतिहास) , डॉ. रामकुमार घोटड़ सार्दुलपुर चूरू -बाल मन की दस्तावेजी लघुकथाऍं (लघुकथा), डा. प्रबोध कुमार गोविल, जयपुर,  पिंजरा तोड़ के भागा पंछी, (आत्मकथा)  डॉ. अखिलेश निगम लखन‌ऊ- अखिल दोहा सतसई (दोहा संग्रह) , श्री जगदीश मोहन रावत, जयपुर - अंग अंग में चन्दन वन, (गीत), श्री श्याम प्रकाश देवपुरा, श्रीनाथद्वारा हरसिंगार (पत्रिका) (संपादन), डा. आर पी सारस्वत, मुम्बई (महाराष्ट्र)- सिमटती साँसों का संघर्ष, डायरी , श्री रामनारायण शर्मा, श्री गंगानगर - रामचरितमानस में पर्यावरण (आध्यात्मिक विवेचन), श्रीमती शील कौशिक सिरसा, हरियाणा, - माया का रहस्यमयी टीला, (बाल साहित्य),  डा मनीषा शर्मा छावनी कोटा-हिंदी कथा साहित्य विमर्श (आलोचना), श्री देवेन्द्र कुमार मिश्रा जबलपुर, मप्र - डस्ट एवं अन्य कहानियां, (कहानी), श्री विष्णु शर्मा 'हरिहर', कोटा, - त्रिवेणी, (हाईकू),  श्री रामनारायण हलधर कोटा- धूप और चांदनी, (ग़ज़ल),  डा. नीना छिब्बर जोधपुर- अब लौट चलें, (कविता),  अटल राम चतुर्वेदी, मथुरा  अटल सजल संग्रह  (सजल),  श्रीमती बसंती पॅंवार जोधपुर - अपना अपना भाग्य, (हिन्दी अनुवाद), श्री अमर बानियां लोहारो गन्तोक सिक्किम- हँसिली लीला(अनुवाद), श्रीमती विमला नागला, केकड़ी - तुलसी चिरमी लिख लिख पाती, (पत्र),  श्री संतोष दास शास्त्री नैनीताल उत्तराखंड - वनवासी राघवेंद्र (आध्यात्मिक आलेख) , श्री महाराम सिंह मृदुल , इटावा, - माटी का तो धर्म एक है (गीत), श्री प्रेमपाल शर्मा , दिल्ली, - स्मृतियों के मोती, (संस्मरण),  श्रीमती एकता अमित व्यास कच्छ गुजरात - अमीरन, (उपन्यास),  डॉ प्रदीप कुमार शर्मा रायपुर, छत्तीसगढ़ - अपने अपने संस्कार,( लघुकथा), श्री रवि पुरोहित बीकानेर , आग अभी शेष है (कविता), श्री नीलम राकेश लखनऊ, उ प्र - फूलों की बगिया, (बाल साहित्य), श्री शिव मोहन यादव, दिल्ली, श्री कृष्ण अर्जुन युद्ध, (खण्ड काव्य), श्री प्रभात कुमार सिंघल, कोटा, राजस्थान के साहित्य साधक, (जीवनी), श्री सतीश कुमार, किशनगढ़ , राजस्थान  (जीवनी साहित्य), श्री नरेंद्र निर्मल, भरतपुर , - धूप छांव (गीत), श्री धर्मेन्द्र सैनी, बांदीकुई दौसा  - फुनगी , उपन्यास (युवा साहित्यकार) को सम्मानित किया गया। साहित्य श्री सम्मान के लिए 11000 रूपये नगद व स्मृति सम्मान हेतु प्रत्येक साहित्यकार को 3100 रुपए नगद, श्रीफल, शाल, स्मृति चिह्न, प्रमाण पत्र व कलम भेंट कर सम्मानित किया गया।


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