विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की अखिल भारतीय उपाध्यक्ष का श्री पीताम्बरा आश्रम में अभिनन्दन,

( 339 बार पढ़ी गयी)
Published on : 23 Dec, 25 04:12

संस्कृति एवं संस्कारों का संवहन सर्वोपरि - पद्मश्री सुश्री निवेदिता भिडे

विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की अखिल भारतीय उपाध्यक्ष का श्री पीताम्बरा आश्रम में अभिनन्दन,

 

बांसवाड़ा,  विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की अखिल भारतीय उपाध्यक्ष, विश्वविख्यात आध्यात्मिक चिन्तक पद्मश्री सुश्री निवेदिता रघुनाथ भिड़े का गायत्री मण्डल द्वारा रविवार रात श्री पीताम्बरा आश्रम में आयोजित समारोह में भव्य स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया।

इस अवसर पर गायत्री मण्डल के संरक्षक एवं श्री बड़ा रामद्वारा के संत श्री रामप्रकाश रामस्नेही महाराज की अध्यक्षता में आयोजित दिव्य समागम समारोह में पद्मश्री सुश्री निवेदिता भिडे दीदी के साथ ही विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी से सम्बद्ध प्रतिनिधिगण शीतल दीदी, प्रान्त प्रमुख भगवान जी, डॉ. गंगाहरि दिवाकर, राजस्थान प्रान्त संचालक शकुन्तला दीदी, भीलवाड़ा नगर प्रमुख भूपेन्द्र भैया, पूर्णकालिक कार्यकर्ता संगीता दीदी(जयपुर), रवि भाम्भी (भीलवाड़ा) एवं केन्द्र के स्थानीय कार्यकर्ता उपस्थित थे।

गायत्री मण्डल द्वारा अभिनन्दन

समारोह में पद्मश्री सुश्री निवेदिता दीदी का उपरणा एवं शॉल ओढ़ाकर अभिनन्दन गायत्री मण्डल के उपाध्यक्ष अनिमेष पुरोहित, कोषाध्यक्ष अनन्त जोशी, मण्डल के आजीवन सदस्यों शैलेन्द्र भट्ट, सुनील दोसी, सुशील त्रिवेदी, द्रोमिल त्रिवेदी, कमलकान्त भट्ट, चन्द्रेश व्यास एवं ललित आचार्य ने किया।

अन्य सभी अतिथियों का पुष्पहार, उपरणा एवं शॉल ओढ़ाकर स्वागत वास्तुविद् चन्द्रशेखर जोशी, त्रम्बकेश्वर ठाकोर, विनोद चौबीसा, पुष्पा व्यास, किरण भट्ट, अलका वैष्णव, आचार्य योगिता व्यास, रुचि सौरभ रावल, महक सनाढ्य, प्रेरणा उपाध्याय, पं. जय रणा, शारदा मईड़ा आदि ने किया।

गायत्री मण्डल की ओर से स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए मण्डल के कोषाध्यक्ष अनन्त जोशी ने संस्था की आध्यात्मिक संस्कार संवहन गतिविधियों का परिचय प्रस्तुत किया।

विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी द्वारा संचालित पश्चिमी क्षेत्र जनजातीय सेवा प्रकल्प और विवेकानन्द केन्द्र के उद्देश्यों एवं गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी भगवान भैया ने दी।

राष्ट्रीय चिन्तन सर्वोपरि

इस अवसर पर अपने उद्बोधन में विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की अखिल भारतीय उपाध्यक्ष एवं विश्वविख्यात अध्यात्म-संस्कृति चिन्तक पद्मश्री सुश्री निवेदिता रघुनाथ भिड़े ने सामाजिक चेतना एवं राष्ट्रीय चिन्तनपरक उद्गार व्यक्त करते हुए सामाजिक सरोकारों के प्रति जागरुकता एवं समर्पित सहभागिता का आह्वान किया।

युवा पीढ़ी की सहभागिता बढ़ाएं

उन्होंने भारतीय संस्कृति, अध्यात्म एवं सनातन परम्पराओं से युवा शक्ति को परिचित कराने और राष्ट्र जागरण के लिए सभी संभव प्रयासों में समर्पित भाव से जुटने का आह्वान किया और कहा कि इसके लिए हम सभी को हर स्तर पर, हर अवसर का उपयोग करते हुए निष्ठा से काम करने की जरूरत है।

सुश्री निवेदिता दीदी ने गायत्री मण्डल एवं श्री पीताम्बरा आश्रम द्वारा संचालित धर्म-अध्यात्म विषयक गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि आज देश में इस प्रकार के कार्यों की आवश्यकता है।

सनातन परम्पराओं का परिपालन करें

उन्होंने सनातन धर्म रक्षा का कार्य सेवाव्रत के रूप में लेकर आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि यही एक धर्म है जो ईश्वर को सर्वत्र देखता और विश्व मंगल की कामना करता हुआ सर्व समावेशक तत्त्व ज्ञान से परिपूर्ण विलक्षण परम्पराओं से समृद्ध है।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि इन परम्पराओं को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए ईश्वर को साक्षी रखकर नित्य नियमों का पूर्ण परिपालन करते हुए जीवनचर्या का निर्वाह किया जाना जरूरी है। इसके लिए सभी प्रकार के भ्रमों और आशंकाओं से मुक्त रहकर परम्पराओं का पालन करें।

अनुकरणीय आचरण अपनाएं

उन्होंने कहा कि जीवन और जगत कही हर क्रिया और व्यवहार में सनातन परम्परा का समावेश हमें प्रकृति और परम सत्ता से जोड़ता है, यही परमेश्वर की उपासना का माध्यम है। इसके लिए उन्होंने अनुकरणीय आचरण पर बल दिया।

तत्त्वों के मूल मर्म को आत्मसात करें

उन्हांने रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानन्द आदि के जीवनदर्शन तथा अन्य उद्धरणों से समझाइश करते हुए कहा कि ईश्वर एक ही है, उसकी अनेक तत्त्वों में पूजा की जाती है। इस महान और सर्वस्वीकार्य तत्त्व का ज्ञान रखते हुए विधि और कर्मकाण्ड का निर्वहन करें। नई पीढ़ी में इन तत्त्वों की समझ विकसित करने की जरूरत है ताकि वे इनके मूल मर्म को आत्मसात कर अपनी पूरी-पूरी भागीदारी का निर्वहन कर सकें।

युवाओं की सहभागिता पर जोर

उन्होंने सनातन तत्त्वों को एक से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए युवाओं की सशक्त सहभागिता पर जोर दिया और कहा कि इसी से युवाओं में सम सामयिक पाश्चात्य संक्रमण से बचाया जाकर उन्हें सुनहरा, उत्साही, समृद्ध, दिव्य एवं दैवीय जीवन प्रदान किया जा सकता है।

निवेदिता दीदी ने विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी के कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि केन्द्र अध्यात्म प्रेरित कार्य में संलग्न होकर हिन्दू समाज को संगठित, संस्कारी एवं संवेदनशील बनाते हुए राष्ट्र को परम वैभवशाली बनाने की दिशा में प्रयासरत है। इस कार्य में सभी को मिलजुलकर आगे आना होगा।

दिव्यत्व और दैवत्व जगाएं

अध्यक्षीय उद्बोधन में गायत्री मण्डल के संरक्षक एवं श्री बड़ा रामद्वारा संत श्री रामप्रकाश रामस्नेही महाराज ने विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी के पवित्र उद्देश्यों एवं लक्ष्यों की सराहना करते हुए इन्हें जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया। समारोह का संचालन कोषाध्यक्ष अनन्त जोशी व आभार प्रदर्शन उपाध्यक्ष अनिमेष पुरोहित .ने किया।

समारोह में जय गिरिराज सिंह चौहान, सौरभ रावल, अमृत सनाढ्य, पूजा जोशी, रमेश भट्ट, अनिल पण्ड्या, पं. मनोज नरहरि भट्ट, कालूराम राठौड़, पंकज नारायण वैष्णव, कन्हैयालाल जोशी सहित गायत्री मण्डल के पदाधिकारीगण, सदस्य, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं गणमान्य श्रेष्ठीजन उपस्थित थे।

दर्शन व अवलोकन

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद्मश्री सुश्री निवेदिता दीदी ने आश्रम परिसर में हनुमानजी, पीताम्बरा एवं नर्मदेश्वर महादेव के दर्शन किए और आश्रम गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। इससे पूर्व आश्रम परिसर पहुंचने पर आश्रम के साधकों एवं साधिकाओं द्वारा वैदिक स्वस्ति ऋचाओं के मंगलगान के साथ पुष्पवृष्टि कर उनकी अगवानी की गई।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.