मकर संक्रांति पर चायनीज मांझे के विक्रय व उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध, जिला प्रशासन सख्त

( 313 बार पढ़ी गयी)
Published on : 23 Dec, 25 06:12

जिला मजिस्ट्रेट ने जारी किए आदेश



उदयपुर,आगामी 14 जनवरी 2026 को मकर संक्रांति पर्व के दौरान पतंगबाजी को लेकर आमजन, पशु-पक्षियों एवं पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने नायलॉन एवं सिंथेटिक सामग्री से बने, कांच या लोहे के चूर्ण से लेपित तथा गैर-बायोडिग्रेडेबल मांझे (चायनीज मांझा) के निर्माण, भंडारण, विक्रय एवं उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
जिला मजिस्ट्रेट उदयपुर नमित मेहता ने इस संबंध में जिला पुलिस अधीक्षक एवं समस्त उपखण्ड मजिस्ट्रेट को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यह आदेश राजस्थान सरकार के पशुपालन, मत्स्य एवं गोपालन विभाग से प्राप्त परामर्शी तथा माननीय राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल एवं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व जारी आदेशों के क्रम में जारी किया गया है।

मानव व पक्षियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम
आदेश में उल्लेख किया गया है कि पतंगबाजी के दौरान उपयोग होने वाला चायनीज मांझा आमजन के लिए जानलेवा साबित हो सकता है तथा इससे मूक पक्षियों के घायल होने, अंग-भंग होने एवं मृत्यु की अनेक घटनाएं सामने आती रही हैं। यह मांझा गैर-बायोडिग्रेडेबल होने के कारण पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान पहुंचाता है।

सख्त कार्रवाई के निर्देश
जिला प्रशासन द्वारा निर्देशित किया गया है कि पुलिस एवं स्थानीय प्रशासन के माध्यम से सघन तलाशी अभियान चलाकर प्रतिबंधित मांझे के स्टॉक को जब्त किया जाए। उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम 1960, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986, भारतीय न्याय संहिता 2023 सहित अन्य प्रासंगिक कानूनों के तहत कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। बार-बार नियम तोड़ने वाले व्यापारियों के लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी।

जन-जागरूकता पर विशेष जोर
प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि पतंग उड़ाने के लिए केवल सूती धागे (सादा मांझा) का उपयोग करें। इसके लिए सोशल मीडिया, स्कूलों, कॉलेजों एवं सामाजिक संगठनों के सहयोग से व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। विद्यार्थियों को चायनीज मांझे का उपयोग नहीं करने की शपथ भी दिलाई जाएगी। पतंग विक्रेताओं एवं व्यापार संघों के साथ बैठक कर उन्हें प्रतिबंधित मांझे के बहिष्कार के लिए प्रेरित किया जाएगा।

घायल पक्षियों के लिए विशेष चिकित्सा व्यवस्था
मकर संक्रांति के अवसर पर घायल पक्षियों के त्वरित उपचार हेतु पशुपालन विभाग, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं पक्षी प्रेमियों के सहयोग से विशेष पक्षी चिकित्सा एवं बचाव शिविर आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही आपात स्थिति में सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी कर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। जिला प्रशासन ने आमजन से सहयोग की अपील करते हुए स्पष्ट किया है कि नियमों की अवहेलना करने पर किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं बरती जाएगी।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.