समरस संस्थान द्वारा लेखक डॉ. प्रभात सिंघल का सम्मान

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Published on : 24 Dec, 25 05:12

समरस संस्थान द्वारा लेखक डॉ. प्रभात सिंघल का सम्मान

कोटा / समरस संस्थान साहित्य सृजन भारत गांधीनगर, गुजरात के कोटा संभागीय अध्यक्ष महेश पंचोली की पहल पर पदाधिकारियों द्वारा संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी डॉ. प्रभात कुमार सिंघल का मंगलवार 23 दिसंबर को महावीर नगर में सम्मान किया गया। हाल ही में इन्हें इनकी साहित्य जगत की महत्वपूर्ण कृति राजस्थान के साहित्य साधक के लिए राजस्थान के राज्यपाल श्री हरिभाऊ किसनराव बागडे द्वारा लालसोट में अनुराग सेवा संस्थान द्वारा आयोजित अखिल भारतीय साहित्य सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया था। इस उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम रखा गया।

  संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शशि जैन, राजस्थान प्रांत प्रभारी डॉ. वैदेही गौतम, संभागीय अध्यक्ष महेश पंचोली, कोटा जिला इकाई अध्यक्ष राजेंद्र कुमार जैन एवं संदीप द्विवेदी ने डॉ. सिंघल का शाल ओढ़ा कर और पुष्प हार पहना कर सम्मान किया गया। 

   राष्ट्रीय अध्यक्ष  डॉ. शशि जैन ने कहा इनके नेतृत्व में कोटा में किए जा रहे कार्यों से संस्थान गौरवान्वित है। संस्थान के संस्थापक संयोजक डॉ. मुकेश कुमार व्यास ने इनकी सक्रियता को देखते हुए इन्हें संस्थान का मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया है।

   राजस्थान प्रभारी डॉ. वैदेही गौतम ने कहा कि डॉ. सिंघल के विशेष प्रयासों से कोटा में बाल साहित्य के प्रति उल्लेखनीय कार्य हुआ है और महिला रचनाकारों को सम्मान मिला है तथा वे लेखन में पहले की अपेक्षा अधिक मुखर हो कर आगे आई हैं।

   संभागीय अध्यक्ष महेश पंचोली ने कहा कि डॉ. सिंघल ने अथक परिश्रम कर विगत तीन वर्ष में हाड़ोती के साहित्य जगत में जिस प्रकार की चेतना साहित्यकारों में जागृत की और साहित्य के प्रति माहौल बनाया वह अद्वितीय है। 

  डॉ. सिंघल ने सभी का आभार व्यक्त कर कहा कि राजस्थान के साहित्य साधक कृति का सम्मान उन सभी साहित्य मनीषियों को समर्पित करता हूं जिनकी साहित्यिक सुगंध इस कृति में महक रही है, यह उन सभी का सम्मान है। मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे राजस्थान के साहित्य साधकों की सेवा करने का मौका मिला है। अनुराग सेवा संस्थान लालसोट के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं जिन्होंने कृति का पुरस्कार के लिए चयन किया। प्रयास रहेगा कि संस्थान ने जो विश्वास और संबल दिया है भविष्य में उस पर खरा उतर कर साहित्य सेवा करता रहूं।


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