संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना पर नई दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक

( 843 बार पढ़ी गयी)
Published on : 24 Dec, 25 06:12

पूर्वी राजस्थान को जल आत्मनिर्भर बनाएगी संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना

संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना पर  नई दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक

12 नई सिंचाई परियोजनाएं व जापानी-कोरियाई औद्योगिक क्षेत्र संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना में शामिल करने का आग्रह

केन-बेतवा लिंक परियोजना की तर्ज पर

90: 10 वित्त पोषित किए जाने का आग्रह

संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना पर नई दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक

जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर.पाटिल की अध्यक्षता में अहम बैठक

जल संसाधन मंत्री ने राज्य हित में प्रमुखता से रखा पक्ष

नई दिल्ली, 23 दिसम्बर। नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में मंगलवार को राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण ( NWDA) सोसायटी की 39वीं वार्षिक बैठक तथा नदियों के आपसी जोड़ के लिए विशेष समिति  (SCILR) की 24वीं बैठक आयोजित हुई। बैठक केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर.पाटिल की अध्यक्षता में हुई। इसमें जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत सहित विभाग के उच्च अधिकारी शामिल हुए।

बैठक में संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना सहित नदियों के आपसी जोड़ से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की हुई। यह परियोजना राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के जल संसाधनों के संतुलित और अधिकतम उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। श्री रावत ने राज्य के हितों को प्रमुखता से रखा। उन्होंने राज्य की सिंचाईपेयजल एवं औद्योगिक आवश्यकताओं पर पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा प्रदेश को जल आत्मनिर्भर राज्य बनाने की दिशा में लिए गए अहम निर्णय लिए जाकर धरातल पर उतारा जा रहा है।

ई-पीएएमएस पोर्टल पर अपलोड डीपीआर

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि राजस्थान से संबंधित परियोजना घटकों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट केंद्रीय जल आयोग के ई-पीएएमएस पोर्टल पर मूल्यांकन के लिए अपलोड कर दी गई है। तकनीकी एवं लागत मूल्यांकन अंतिम चरण में हैं। इसके बाद परियोजना को पीआईबी एवं मंत्रिमंडल की स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन अतिरिक्त कार्यों को डीपीआर में शामिल कर राष्ट्रीय जल विकास अभिकरणकेन्द्रीय जल आयोग एवं मध्य प्रदेश सरकार को जानकारी भेजी जा चुकी हैं। बैठक में श्री रावत डीपीआर को शीघ्र स्वीकृत कराने के लिए पक्ष रखा।

श्री रावत ने कहा कि परियोजना से पूर्वी राजस्थान के 17 जिलों को लाभ मिलेगा। इस परियोजना से राज्य को कुल 4102.60 एमसीएम जल उपलब्ध हो सकेगा। इसमें से कुल 4 लाख 3 हजार हेक्टेयर में सिंचाई के लिए जल उपलब्ध होगा। इनमें 2 लाख 21 हजार हेक्टेयर नवीन सिंचाई क्षेत्र, 1 लाख 52 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र का पुनर्स्थापन एवं 30 हजार हेक्टेयर रिसाईकल वाटर से सिंचाई हो सकेगी।

-  अतिरिक्त घटक के रूप में 12 सिंचाई परियोजनाएं भी शामिल हो

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि बारांझालावाड़ और कोटा की स्थानीय मांग के अनुसार सिंचाई आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 12 नई सिंचाई परियोजनाओं को संशोधित लिंक परियोजना में अतिरिक्त घटक के रूप में सम्मिलित किया गया है। इससे लगभग 70 हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। श्री रावत ने लिंक परियोजना की डीपीआर में इन्हें भी शामिल किए जाने का आग्रह किया है।

जापानी एवं कोरियाई औद्योगिक क्षेत्र भी डीपीआर में शामिल करने का आग्रह

बैठक में जल संसाधन मंत्री ने बताया कि दिल्ली-मुम्बई कॉरिडोर के अंतर्गत कोटपूतली-बहरोड़ जिले के जापानी एवं कोरियाई औद्योगिक क्षेत्र की पेयजल एवं औद्योगिक जल की दीर्घकालीन मांग को पूरा किया जाएगा। इसके लिए राजगढ़ एवं नीमराना तहसील में क्रमशः लगभग 150 एवं 13.5 एमसीएम क्षमता वाले अतिरिक्त कृत्रिम जलाशयों के निर्माण कार्य डीपीआर में प्रस्तावित किए गए हैं। उन्होंने जल शक्ति मंत्री ने इन कार्यों को भी डीपीआर में शामिल करने का आग्रह किया है।

- 90: 10 वित्त पोषित के लिए रखा पक्ष

जल संसाधन मंत्री ने केंद्र सरकार और जल शक्ति मंत्रालय द्वारा नदियों के आपसी जोड़ की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने इंटर लिंकिंग ऑफ रिवर योजना के अंतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना के सभी घटकों को सामूहिक घटक मानते हुए केन-बेतवा लिंक परियोजना के तर्ज पर 90 प्रतिशत (केन्द्र) और 10 प्रतिशत (राज्य) वित्त पोषित किए जाने के लिए पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना जल सुरक्षाकृषि विकास और क्षेत्रीय संतुलन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

चम्बल से बनास नदी लिंक परियोजना बनाए जाए

बैठक में जल संसाधन मंत्री ने जल शक्ति मंत्री से कोसी मिचि नदी जोड़ो परियोजना के आधार पर राणा प्रताप सागर चम्बल से बनास नदी तक लिंक योजना बनाए जाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में चम्बल नदी में बाढ़ की स्थिति पर केन्द्रीय जल आयोग द्वारा अध्ययन कर रिपोर्ट बनाई गईजिसमें चम्बल नदी के बाढ़ जल को फीडर या अन्य माध्यम से पास किए जाने की अभिशंषा की गई थी। इस अभिशंषा के अनुसार राजस्थान सरकार द्वारा डीपीआर (7900 करोड़ रुपए) तैयार की केन्द्रीय जल आयोग को प्रेषित की गई है। श्री रावत ने केन्द्र सरकार से इस योजना को शीघ्र स्वीकृति दिए जाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि इस लिंक योजना से 8 जिलों में बाढ़ से राहत मिल सकेगी।

इस उच्चस्तरीय बैठक में कर्नाटक से उपमुख्यमंत्री श्री डी.के.शिवकुमारउत्तर प्रदेश से जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंहगुजरात से मंत्री श्री ईश्वर सिंह पटेलमध्य प्रदेश से जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावटराजस्थान वाटर ग्रिड कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक श्री रवि सोलंकी सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.