जैसलमेर। ग्रामीण भारत को सशक्त एवं समृद्ध बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) ने अपने 25 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। इस ऐतिहासिक योजना के तहत सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश में अब तक लगभग 75 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण एवं 68 पुलों का निर्माण कर 15 हजार 983 बसावटों एवं गांवों को ऑल वेदर पक्की सड़कों से जोड़ा गया है।
सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता श्री सुरेन्द्र मोहन वर्मा ने बताया कि योजना के अंतर्गत जैसलमेर जिले में करीब 2 हजार 200 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कर 258 बसावटों को बारहमासी पक्की सड़क संपर्क से जोड़ा गया है।
उल्लेखनीय है कि 25 दिसंबर 2000 को तत्कालीन प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने देश के असंबद्ध गांवों को सड़क नेटवर्क से जोड़ने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की नींव रखी थी।
अब तक हुआ कार्य
अधीक्षण अभियंता वर्मा ने बताया कि प्रथम चरण में जिले में लगभग 267.18 करोड़ रुपये की लागत से 1,651 किलोमीटर लंबाई की सड़कों का निर्माण कर 258 बसावटों को ऑल वेदर पक्की सड़कों से जोड़ा गया। इसके साथ ही 307.95 किलोमीटर सड़कों का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य भी संपादित किया गया।
वहीं, द्वितीय चरण में 10.56 करोड़ रुपये की लागत से 44.30 किलोमीटर सड़कों का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण किया गया।
इसी प्रकार तृतीय चरण में अब तक 96.43 करोड़ रुपये की लागत से 196.33 किलोमीटर लंबाई की 20 सड़कों का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य पूर्ण किया गया है।
चौथे चरण में 1638 बसावटें जुड़ेंगी
उन्होंने बताया कि योजना के चौथे चरण में प्रदेश की 1638 बसावटों को ऑल वेदर सड़कों से जोड़ने हेतु चिन्हित किया गया है। इसके प्रथम फेज में 1216 बसावटों के लिए सड़क निर्माण एवं एक पुल का निर्माण प्रस्तावित है। साथ ही, इस चरण में लगभग 2 हजार 89 करोड़ रुपये की लागत से 3 हजार 219 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
विकास के नए आयाम
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ग्रामीण विकास की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध हुई है। “देश का कोई भी गांव पक्की सड़क से वंचित नहीं रहेगा” की दूरदर्शी सोच के साथ प्रारंभ की गई यह योजना आज प्रदेश में शैक्षणिक, सामाजिक एवं आर्थिक विकास की सशक्त आधारशिला बन चुकी है।
सड़क संपर्क सुदृढ़ होने से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार एवं बाजारों तक सीधी पहुंच संभव हुई है, जिससे गांवों के जीवन स्तर में उल्लेखनीय सुधार आया है और विकास के नए आयाम स्थापित हुए हैं।